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Sunday 5 December 2021 01:51:30 PM
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के किले भी हैं और पहाड़ों में रहनेवालों का जीवन सुगम बनाना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं मेंसे एक है। उन्होंने कहाकि दुर्भाग्य से दशकों तक जो सरकार में रहे, उनकी नीति-रणनीति में दूर-दूर तक ये चिंतन कहीं था ही नहीं। प्रधानमंत्री ने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि उत्तराखंड में तेजगति से विकास की गंगा बह रही है, उत्तराखंड न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का भी प्रतीक है, इसलिए राज्य का विकास केंद्र एवं राज्य की डबल इंजन सरकार की प्रमुखताओं में है। उन्होंने कहाकि इस शताब्दी की शुरुआत में अटलजी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था, लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश और उत्तराखंड का बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। उन्होंने कहाकि 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नामपर घोटाले और घपले हुए, इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई केलिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बदली हुई कार्यशैली केबारे में कहाकि आज भारत आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है, आज भारत की नीति गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। प्रधानमंत्री ने देहरादून में लगभग 18,000 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी, इसमें दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर, दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कॉरिडोर से हलगोआ, सहारनपुर से भद्राबाद, हरिद्वार को जोड़ने वाली ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट परियोजना, हरिद्वार रिंग रोड परियोजना, देहरादून-पांवटा साहिब सड़क परियोजना, नजीबाबाद-कोटद्वार सड़क चौड़ीकरण परियोजना और लक्ष्मण झूला के पास गंगा नदी पर एक पुल का निर्माण शामिल है। उन्होंने चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून, जलापूर्ति, सड़क तथा जल निकासी प्रणाली के विकास, बद्रीनाथ धाम, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास कार्यों और हरिद्वार में एक मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनका लक्ष्य इस क्षेत्र में यात्रा को सुगम बनाना है, क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या का समाधान, देवप्रयाग से श्रीकोट तक और एनएच-58 पर ब्रह्मपुरी से कोडियाला तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना, यमुना नदी पर निर्मित 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजना, देहरादून में हिमालयी संस्कृति केंद्र और देहरादून में अत्याधुनिक इत्र तथा सुगंध प्रयोगशाला इनमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कनेक्टिविटी के लाभों का जिक्र करते हुए कहाकि केदारनाथ त्रासदी से पहले 2012 में 5 लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किए थे, उस समय यह एक रिकॉर्ड था, जबकि कोरोनाकाल शुरू होने से पहले 2019 में 10 लाख से ज्यादा लोग बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने कहाकि यानी केदारधाम के पुनर्निर्माण ने ना सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाई, बल्कि वहां के लोगों को रोज़गार-स्वरोज़गार के भी अनेकों अवसर उपलब्ध कराए हैं। प्रधानमंत्री ने दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर पर कहाकि जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो दिल्ली से देहरादून आने-जाने का समय करीब-करीब आधा हो जाएगा।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए, जबकि भाजपा सरकार ने अपने सात सालमें उत्तराखंड में 2000 किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बॉर्डर के पास सड़कें बने, पुल बने इसपर पहले की सरकारों ने ध्यान नहीं दिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि वन रैंक, वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी। उन्होंने कहाकि आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी भी देश के दबाव में नहीं आ सकती, हम राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं। प्रधानमंत्री ने विकास नीतियों में केवल एक जाति, धर्म और भेदभाव को लाड़-प्यार करने की राजनीति की आलोचना की। उन्होंने राजनीति की उस विकृति पर भी प्रहार किया, जो लोगों को मजबूत नहीं होने देती और उन्हें उनकी जरूरतों केलिए सरकार पर निर्भर बनाती है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि कठिन मार्ग है, मुश्किल है, लेकिन देशहित में है, देश के लोगों के हित में है, ये मार्ग है-सबका साथ-सबका विकास। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जो भी योजनाएं लाएंगे सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे, हमने वोट बैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया, बल्कि लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी, हमारी अप्रोच रहीकि देश को मजबूती देनी है। प्रधानमंत्री ने यह आश्वस्त करते हुए कहाकि आजादी के इस अमृतकाल में देश ने जो प्रगति की रफ्तार पकड़ी है, वो अब रुकेगी नहीं, थमेगी नहीं, बल्कि और अधिक विश्वास एवं संकल्पों केसाथ आगे बढ़ेगी। इस अवसर पर उत्तराखंड के गवर्नर गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, अजय भट्ट, उत्तराखंड सरकार में मंत्री सतपाल महाराज, हरकसिंह रावत, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यगण, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथसिंह रावत, त्रिवेंद्रसिंह रावत, विजय बहुगुणा, राज्य विधानसभा के सदस्य, मेयर, जिला पंचायत के सदस्य मदन कौशिक भी उपस्थित थे।