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आयकर छापों में करोड़ों का अवैध धन मिला

कोलकाता में टीएमटी सरिया के यहां तलाशी और जब्‍ती हुई

फर्जी कंपनियां और विदेशों में लेन-देन का खुलासा हुआ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 6 December 2021 03:24:23 PM

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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने 24 नवंबर को दिल्ली में एक करदाता पर तलाशी कार्रवाई शुरू की थी, जिसके आवासीय तथा व्‍यावसायिक परिसरों में तलाशी की गई, जिसने एक लाभार्थी ट्रस्‍ट तथा कम टैक्‍स के विदेशी क्षेत्राधिकार में मूलभूत कंपनी बनाई थी। तलाशी पर पता लगा कि इनकम टैक्‍स वाले विदेशी क्षेत्राधिकारों में इन अघोषित कंपनियों ने अचल और चल संपत्ति के रूपमें 40 करोड़ रुपये मूल्‍य की संपत्ति रखी हुई है। करदाता भारत में विभिन्‍न शाखाओं वाले विदेशी बैंक की हैंडलिंग सेवाओं का लाभ उठा रहा था। यह विदेशी बैंक धन प्रबंधन, वित्तीय नियोजन, धन आवंटन, इक्विटी रिसर्च, निर्धारित आय, निवेश रणनीतियां और न्‍यासीय सेवाएं देता है।
करदाता के आवास पर की गई तलाशी के दौरान ई-मेल तथा दस्‍तावेज़ों के रूपमें पुष्टि करने वाले साक्ष्‍य पाए गए, जो करदाता की विदेशी परिसंपत्तियों के लाभार्थी स्‍वामित्‍व को स्‍थापित करते हैं। तलाशी के दौरान दर्ज किए गए बयान में करदाता ने विदेशी परिसम्पत्तियों के स्‍वामित्‍व को स्‍वीकार किया है। व्‍यावसायिक परिसर में एक हार्डडिस्‍क मिली, जिसमें समानांतर बहीखातों के सेट पाए गए। आयकर तलाशी टीम को प्राप्‍त साक्ष्‍यों के प्रारंभिक विश्‍लेषण से भारत में किए गए व्‍यवसाय से 30 करोड़ रूपये की घरेलू आय को छिपाने के संकेत मिलते हैं। मामले की आगे की जांच जारी है।
इसी प्रकार आयकर विभाग ने 1 दिसंबर को टीएमटी सरिया तथा संरचना निर्माण सामग्री बनाने वाले कोलकाता के प्रसिद्ध समूह पर तलाशी और जब्‍ती की कार्रवाई शुरू की। तलाशी का काम पश्चिम और ओडिशा में फैले 20 से अधिक परिसरों में किया गया। इस कार्रवाई में समूह द्वारा कर चोरी करने के विभिन्‍न तरीकों का पता लगा है। बड़ी संख्‍या में दस्‍तावेजों तथा डिजिटल डॉटा के रूपमें आपत्ति‍जनक साक्ष्‍य पाए गए हैं और उन्हें जब्‍त किया गया है। इन साक्ष्‍यों में उच्‍च मूल्‍य के बिना हिसाब-किताब के नकद भुगतान, बिना हिसाब-किताब की नकद खरीद तथा बिक्री, उत्‍पादन को छुपाने वाले दस्‍तावेज आदि शामिल है।
जब्त साक्ष्‍यों के प्रारंभिक विश्‍लेषण से पता चलता है कि समूह अनेक कागजी/ मुखौटा कंपनियां चला रहा है, ताकि प्रमुख व्‍यवसाय में प्रविष्टियां समायोजित की जा सकें। तलाशी एवं विश्लेषण में यह पाया गयाकि इन मुखौटा कंपनियों ने हिस्‍सा पूंजी/ असुरक्षित कर्ज के रूपमें बिना हिसाब-किताब वाले धन को बहीखाते में वापस डाला है। आयकर विभाग का दावा हैकि समूह के एक प्रमुख व्‍यक्ति ने ऐसे तौरतरीकों को स्‍वीकार किया है। तलाशी के परिणामस्‍वरूप बिना हिसाब-किताब की 75 लाख रुपये की नकदी और 2.26 करोड़ रूपये मूल्‍य के आभूषण जब्‍त किए गए हैं, जबकि समूह के कुछ बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई है। अबतक की तलाशी में बिना हिसाब-किताब के लगभग 100 करोड़ रूपये की आय का पता लगा है।

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