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Monday 20 December 2021 12:57:33 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा हैकि भारत में महिलाओं की स्वतंत्रता, गरिमा, सशक्तिकरण और संवैधानिक समानता पर तालिबानी मानसिकता को सहन नहीं किया जाएगा। मुख्तार अब्बास नक़वी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्यक्रम अल्पसंख्यक दिवस उत्सव को संबोधित करते हुए कहाकि जो लोग तीन तलाक की सामाजिक बुराई को अपराध बनाने का विरोध करते हैं या केवल मेहरम केसाथ हज करने केलिए मुस्लिम महिलाओं पर प्रतिबंध हटाने पर सवाल उठाते हैं और अब लड़कियों की शादी की उम्र के संबंध में संवैधानिक समानता पर हंगामा कर रहे हैं, वे निश्चित रूपसे भारतीय संविधान का विरोध करनेवाले पेशेवर प्रदर्शनकारी हैं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार के विकास के संकल्प ने 'तुष्टीकरण के धोखे' को समाप्त कर दिया है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहाकि भारतीयों विशेष रूपसे बहुसंख्यक समुदाय की संवैधानिक और सामाजिक प्रतिबद्धता ने सुनिश्चित किया हैकि भारत में अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक और अन्य अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहाकि जहां एक तरफ दुनिया के लगभग सभी धर्मों को मानने वाले भारत में रहते हैं, दूसरी ओर देश में बड़ी संख्या में नास्तिक भी गरिमा, समान संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों केसाथ रह रहे हैं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 7 वर्ष के दौरान सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की प्रतिबद्धता केसाथ काम किया है, जिससे देश के अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों का महत्वपूर्ण सुधार और समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ है। मुख्तार अब्बास नक़वी ने देश में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि सरकार ने हुनर हाट के माध्यम से देश के कोने-कोने से आए स्वदेशी कारीगरों और शिल्पकारों को एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया है, इस पहल से पिछले 6 वर्ष के दौरान 7 लाख से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोज़गार और रोज़गार के अवसर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहाकि सरकार ने 2014 के बाद 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुस्लिमों के लगभग 5 करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की है, इनमें से लगभग 50 प्रतिशत लाभार्थी छात्राएं हैं। उन्होंने कहाकि इसके परिणामस्वरूप अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिम लड़कियों की स्कूल छोड़ने की दर में महत्वपूर्ण रूपसे कमी आई है, मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर 2014 से पहले 70 प्रतिशत से अधिक थी और अब यह घटकर लगभग 30 प्रतिशत से भी कम हो गई है। मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि हमारा लक्ष्य आनेवाले दिनों में इसे शून्य प्रतिशत तक ले जाना है।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि केंद्र सरकार ने पिछले 7 वर्ष के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के 12 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहाकि पिछले 7 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार ने देशभर में वंचित क्षेत्रों में 49 हजार से अधिक प्रमुख बुनियादी ढांचे जैसे स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक, डिग्री कॉलेज, आवासीय विद्यालय, पेयजल और शौचालय की सुविधा, आंगनवाड़ी केंद्र, कौशल विकास केंद्र, सामान्य सेवा केंद्र आदि विकसित किए हैं। मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से अल्पसंख्यकों को भी अत्यधिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहाकि मुद्रा योजना, जनधन योजना, आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन, पेयजल और बिजली योजनाओं के लगभग 22 से 37 प्रतिशत लाभार्थी कमजोर और पिछड़े अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित हैं।
अल्पसंख्यक राज्यमंत्री जॉन बारला ने कहाकि अल्पसंख्यकों केलिए शैक्षिक ऋण और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं केबारे में अल्पसंख्यकों को स्वयं जागरुक होना चाहिए और लाभ प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के अंतर्गत सद्भावना मंडप, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और कोचिंग सेंटरों के निर्माण केलिए मंत्रालय सहायता राशि दे रहा है। उन्होंने अनुरोध कियाकि समुदाय के नेताओं को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अल्पसंख्यकों केलिए उपलब्ध योजनाओं केबारे में जागरुकता पैदा करनी चाहिए। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने कहाकि कुछ घटनाओं को छोड़कर देश के दुश्मनों के बुरे मंसूबों के बावजूद भारत पिछले 7-8 वर्ष में दंगा मुक्त रहा है। उन्होंने बतायाकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग राष्ट्रीय स्तरपर एक अंतर-धार्मिक समन्वय परिषद पर विचार कर रहा है, राज्य और जिलास्तर पर भी इसके गठन पर विचार किया जा सकता है। इकबाल सिंह लालपुरा ने कहाकि अंतर-धार्मिक अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इकबाल सिंह लालपुरा ने कहाकि आयोग विभिन्न धर्मों की प्रमुख शिक्षा को समेकित करने वाली एक पुस्तक प्रकाशित करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहाकि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाओं के प्रचार-प्रसार केलिए धार्मिक नेताओं के प्रयास जमीनी स्तरपर अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण केलिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इकबाल सिंह लालपुरा ने अल्पसंख्यक समुदायों तक सक्रिय रूपसे पहुंचने और शिकायतों के सभी मामलों में निष्पक्ष एवं न्यायपूर्ण सुनवाई का आश्वासन देने में एनसीएम की भूमिका पर प्रकाश डाला। गौरतलब हैकि आयोग के अध्यक्ष और सदस्य अल्पसंख्यक समुदायों केलिए योजनाओं के कार्यांवयन की समीक्षा करने के अलावा उनकी शिकायतों को हल करने केलिए विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं और आयोग की शिकायत निगरानी प्रणाली के मोबाइल ऐप केबारे में भी जानकारी दी है। इस अवसर पर एनसीएम के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद, एनसीएम सदस्य केर्सी के देबू और एनसीएम सचिव एसके देव वर्मन भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में भारत के अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के 400 से अधिक नेताओं और सदस्यों ने भाग लिया।