स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 5 January 2022 03:30:08 PM
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम आपके निरंतर प्यार और समर्थन से आज तेरह वर्ष का हो गया है। आपका लाख-लाख धन्यवाद! स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम 5 जनवरी 2008 को लखनऊ में ऑनलाइन हुआ था, तबजब लखनऊ में कोई हिंदी दैनिक समाचार पोर्टल नहीं था, जिसका कि एकल अस्तित्व हो और वह भी हिंदीभाषी। ज्यादातर अनेक नामधारी समाचार पत्रों के भी पोर्टल नहीं थे, बल्कि कुछ बड़े समाचार पत्रों ने ई-पेपर जरूर शुरू कर दिए थे। स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम अपने ही सीमित संसाधनों से प्रारंभ किया गया था, जो आज तक जारी है। जनवरी 2018 में स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम के सर्वर पर देश से बाहर से एक ऐसा भयावह हमला हुआ था, जिसमें पूरी वेबसाइट ही डिलीट हो गई थी, सबकुछ खत्म सा हो गया था, मगर गूगल का धन्यवाद कि हम उसकी मदद से बमुश्किल कुछ ही पुरानी फाइलें बचा पाए जो आपके सामने हैं।
वास्तव में वर्ष 2018 में स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम का पुनर्जन्म हुआ है। हमारा अनुभव है कि समाचार पोर्टल चलाना कोई आसान काम नहीं है, वह एक समाचार पत्र के प्रकाशन और एक टीवी समाचार चैनल चलाने से भी अत्यंत कठिन कार्य है। यूं तो मीडिया जगत की पहली प्रिंट और ब्रॉडकास्ट क्रांति, फिर निजी क्षेत्र में टीवी चैनलों के रूपमें दूसरी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्रांति और इसके बाद तीसरी इंटरनेट जनित ऑनलाइन मीडिया क्रांति हमारे सामने है, जिसने वैश्विक मीडिया का पूरा का पूरा स्वरूप ही बदल दिया है। तीसरी मीडिया क्रांति ने जो सबसे बड़ा काम किया है, वह यह है कि इसमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मनमाने प्रस्तुतीकरण और एकाधिकार पर अंकुश लगा दिया है। स्थिति यह है कि आज दुनिया में हर व्यक्ति पत्रकार बन चुका है और यह तीसरी ऑनलाइन मीडिया क्रांति से ही संभव हुआ है।
स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम के 13 वर्ष पूर्ण होने की जब हम बात कर रहे हैं तो इस दौर में ऑनलाइन पाठकों ने हमें बहुत सम्मान और प्यार दिया है, हम पर भरोसा किया है, हमारे अनेक विश्लेषण लाखों की संख्या में शेयर किए हैं, लाखों और करोड़ों हिट्स दिए हैं। स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम का कोई प्रिंट प्रकाशन या टीवी चैनल नहीं है, इसके बावजूद हमें देश-विदेश में लोकप्रियता विषयवस्तु और उच्चकोटि के प्रस्तुतीकरण से हासिल हुई है। यह भी तब है जब किसी को क्या पता कि शुरू से आजतक हम अत्याधुनिक संसाधन विहीन हैं और लगातार बड़े-बड़े अभावों से जूझते आ रहे हैं। आपका बढ़ाया हुआ मनोबल हमारे साथ नहीं होता तो सच बताएं कि हमारा संघर्ष समाप्त हो गया होता, जिसका हम वर्णन नहीं कर सकते। हम न जाने कितनी बार गिरे हैं और फिर उठे हैं। स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम को इसी प्रकार से आपके सहयोग और समर्थन की आशा है।