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चुनाव आयोग की पर्यवेक्षकों केसाथ ब्रीफिंग

पर्यवेक्षकों को चुनावी प्रक्रियाओं से अपडेट रहने की सलाह

गोवा मणिपुर पंजाब उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में तैनात

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 15 January 2022 02:27:06 PM

ec briefing with observers

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव केलिए तैनात किए जानेवाले पर्यवेक्षकों केलिए एक ब्रीफिंग बैठक की, जिसमें 140 अधिकारी विज्ञान भवन नई दिल्ली में प्रत्यक्ष रूपसे शामिल हुए और बाकी अधिकारी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। निर्वाचन आयोग ने देशभर में आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य लेखा सेवाओं से लिएगए अधिकारियों को सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के रूपमें तैनात किया है। इन राज्यों में विधानसभा चुनाव तारीखों की घोषणा 8 जनवरी 2022 को हो चुकी है। पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा हैकि चुनाव के दौरान पर्यवेक्षक भारत निर्वाचन आयोग की आंख और कान होते हैं और स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं सुरक्षित चुनाव कराने केलिए विभिन्न मुद्दों पर पूरी तरह से नज़र रखनी चाहिए।
सीईसी सुशील चंद्रा ने पर्यवेक्षकों को सभी चुनावी प्रक्रियाओं से अपडेट रहने की सलाह दी, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग मतदाताओं और कोविड-19 संदिग्धों या पीड़ित व्यक्तियों की श्रेणी के अनुपस्थित मतदाताओं केलिए डाक मतपत्र सुविधा प्रदान करना, आदर्श आचार संहिता और चुनाव आयोग के अन्य दिशानिर्देशों में किसी भी चूक केलिए सतर्क रहना, मौजूदा कोविड दिशानिर्देशों के साथ-साथ मतगणना प्रक्रियाओं को भी सख्ती से लागू करना शामिल हैं। सीईसी ने धनबल के दुरुपयोग या किसी भी प्रकार के प्रलोभन के प्रति आयोग की शून्य-सहिष्णुता पर जोर देते हुए व्यय पर्यवेक्षकों से अपने कौशल को तेज करने और प्रलोभन के नए तरीकों से निपटने में अभिनव कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने पर्यवेक्षकों से कहाकि वे नागरिकों को किसी भी तरह के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट करने केलिए सक्षम बनाने केलिए सीविजिल ऐप का उचित प्रचार सुनिश्चित करें, ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड, निगरानी टीमों की त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। सीईसी ने निर्देश दियाकि तीनों पर्यवेक्षक सामान्य, पुलिस और व्यय को प्रवर्तन एजेंसियों केसाथ समन्वय में काम करना चाहिए। उन्होंने पर्यवेक्षकों से वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और महिला मतदाताओं की सुविधा केलिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की जांच करने केलिए अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा करने को कहा।
चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रकाश डालाकि प्रेक्षक प्रणाली अब अच्छी तरह से स्थापित हो गई है और यह क्षेत्र के पदाधिकारियों के मार्गदर्शन केलिए चुनाव आयोग का एक विस्तृत और मजबूत इंटरफेस है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव के संचालन में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इस प्रकार मतदाताओं, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए उनके सुझावों और शिकायत निवारण में व्यक्तिगत रूपसे भाग लेने केलिए सुलभ और संपर्क में रहने की आवश्यकता है। राजीव कुमार ने आगाह कियाकि मतदान कर्मियों की मानवीय भूलों की छिटपुट घटनाओं, मतदान सामग्री वितरण केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन न होने से एक अलग समस्या पैदा हो सकती है और ये चीजें चुनाव के सुचारू संचालन को पटरी से उतार सकते हैं। उन्होंने पर्यवेक्षकों से सतर्क रहने और किसी भी गंभीर घटना की सूचना तत्काल आयोग को देने को कहा। उन्होंने पर्यवेक्षकों को आगाह कियाकि वे हमेशा विभिन्न हितधारकों की सख्त और सूक्ष्म जांच के अधीन होते हैं और इस प्रकार चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपने स्वयं के व्यक्तिगत व्यवहार और आचरण केबारे में सावधान और सजग रहना चाहिए। उन्होंने कहाकि पर्यवेक्षक आयोग के प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें सौंपे गए इस पवित्र और महत्वपूर्ण कर्तव्य को लेकर उन्हें पूरी तरह जागरुक और सजग होना चाहिए।
चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडे ने यह स्वीकार करते हुएकि कोविड-19 के बीच चुनाव कराना बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है, उन्होंने नामित पर्यवेक्षकों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों केलिए समान अवसर बनाए रखा जाए। उन्होंने मतदाताओं केलिए मतदान केंद्रों पर परेशानी मुक्त और मतदाता अनुकूल उपाय सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहाकि चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, समावेशी और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने में समय की कसौटी पर खरा उतरा है और पर्यवेक्षकों के रूपमें तैनात अनुभवी अधिकारियों को क्षेत्र अधिकारियों के मार्गदर्शक और सलाहकार के रूपमें कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहाकि पर्यवेक्षकों को शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव सुनिश्चित करने केलिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में कम मतदान वाले बूथों की पहचान सहित मतदान में वृद्धि केलिए आयोग की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।
चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलाने और नफरत भरे प्रचार अभियानों को नियंत्रित करने की आवश्यकता का उल्लेख किया। निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने पर्यवेक्षकों को चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन और स्वीप पहलुओं पर जानकारी दी। उन्होंने लोकपाल के रूपमें पर्यवेक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें वास्तविक समय में चुनाव आयोग को मुद्दों के बारे में सूचना देनी चाहिए और साथ ही क्षेत्र में अपने स्वयं के तटस्थ, नैतिक और सौहार्दपूर्ण आचरण को सुनिश्चित करना चाहिए। उमेश सिन्हा निर्वाचन आयोग में गोवा राज्य के चुनाव प्रभारी भी हैं। वरिष्ठ उपचुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने पर्यवेक्षकों को कानूनी और एमसीसी से संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश केलिए राज्य विशिष्ट विवरणों पर भी प्रकाश डाला।
उपचुनाव आयुक्त नितेश व्यास ने पर्यवेक्षकों को ईवीएम-वीवीपीएटी प्रबंधन केबारे में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने पर्यवेक्षकों केलिए महत्वपूर्ण जांच चौकियों और मतदाता सूची के मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पर्यवेक्षकों को पंजाब और मणिपुर केलिए राज्य विशिष्ट मुद्दों पर जानकारी दी। उप चुनाव आयुक्त टी श्रीकांत ने आयोग के विभिन्न आईटी अनुप्रयोगों और पहलों के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी। आयोग की महानिदेशक (मीडिया) शेफाली शरण ने अधिकारियों को मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों, पेड न्यूज़ और सोशल मीडिया सहित मीडिया से संबंधित पहलुओं पर जानकारी दी। कर्मचारियों के प्रशिक्षण और व्यय निगरानी पर ब्रीफिंग सत्र भी आयोजित किए गए।

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