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Monday 17 January 2022 05:37:09 PM
नई दिल्ली। ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलक में भारत को पहला पदक दिलाने वाली सिल्वर गर्ल सैखोम मीराबाई चानू नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भारतीय सशस्त्र बलों के शहीद जवानों के साहस, वीरता और बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक केबारे में मीराबाई चानू ने कहाकि मैं दिल्ली में आमतौर पर टूर्नामेंट केलिए हूं, लेकिन इसबार मैंने इस यात्रा को अपने कार्यक्रम में शामिल किया है, क्योंकि यह स्थान न केवल सशस्त्र बलों को, बल्कि प्रत्येक भारतीय को गर्व से ओतप्रोत कर देता है। ज्ञातव्य हैकि 1947 केबाद से भारत के गौरवशाली युद्ध के इतिहास को दर्शाता हुआ यह स्मारक गुमनाम नायकों की कहानियों, यात्रा और संघर्षों की अभिव्यक्ति है और यहां आकर आगंतुकों को ऐसा अनुभव होता हैकि गुमनाम नायक फिरसे जीवित हो गए हैं।
भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक युद्धों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के योद्धाओं की बहादुरी की कहानियों को समेटे हुए अर्ध-खुले गलियारे और गैलरी से जाते हुए मीराबाई चानू ने कहाकि मैं इस बात से मंत्रमुग्ध हूंकि इस स्मारक के निर्माण की अवधारणा ऐतिहासिक 'चक्रव्यूह' से प्रेरित है और इसकी दीवारें हमारे देश के वीर सपूतों द्वारा लड़े गए युद्ध के दृश्यों को दर्शाती कांसे की भित्ति चित्रों से सजी हुई हैं। उन्होंने कहाकि यहां आने केबाद मैं यह महसूस करती हूंकि प्रत्येक भारतीय को अपने जीवन में कम से कम एकबार जरूर इस जगह की यात्रा करनी चाहिए। मीराबाई चानू ने शहीद मेजर लैशराम ज्योतिन सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें शांतिकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोकचक्र से सम्मानित किया जा चुका है। वे भी मीराबाई चानू की तरह मणिपुर के रहनेवाले थे।