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Tuesday 25 January 2022 03:56:39 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने चुनाव आयोग और मतदाताओं का अगले आम चुनाव में 75 प्रतिशत तक मतदान प्रतिशत हासिल करने का आह्वान किया है, जिससे चुनावी लोकतंत्र और अधिक समावेशी बन सके। उन्होंने एकसाथ चुनाव कराए जाने के विषय पर भी सहमति बनाने का आग्रह किया, जिससे प्रगति की गति निर्बाध रहे। बारहवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर अपने संदेश में वेंकैया नायडू ने कहाकि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एक भी मतदाता वोट देने से न छूटे। उन्होंने मतदाताओं से कहाकि चुनाव में उम्मीदवार के गुण-दोष की जांच के आधार पर मत देने का निर्णय करें। उपराष्ट्रपति कोविड से संक्रमित हैं तथा उन्होंने स्वयं को हैदराबाद में अपने आवास पर ही आइसोलेट कर लिया है। नई दिल्ली में इस आयोजन में उनकी अनुपस्थिति में उनका वक्तव्य पढ़ा गया।
गौरतलब हैकि 1952 में पहली लोकसभा केलिए हुए आम चुनाव में 44.87 प्रतिशत मत प्रतिशत रहा था, जो 2019 में 17वीं लोकसभा केलिए हुए आमचुनावों में लगभग 50 प्रतिशत बढ़कर 67.40 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इस उपलब्धि केलिए उपराष्ट्रपति ने सभी संबद्ध हितधारकों की सराहना की। विगत 70 वर्षों में लगातार बेहतरी हासिल करने के चुनाव आयोग के निरंतर प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहाकि आयोग ने एक विश्वसनीय, जवाबदेह और प्रगतिशील संस्था के रूपमें अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की है, जिसपर लोकतंत्र के हर हिमायती को गौरव करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारे चुनावी लोकतंत्र को अधिक समावेशी बनाने केलिए हर चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाना और मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के रास्ते में आनेवाली बाधाओं का समाधान करना, ये चुनाव आयोग के सामने चुनौती रही है।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि मताधिकार महज अधिकार नहीं, बल्कि एक दायित्व है। वेंकैया नायडू ने कहाकि अगले आम चुनाव में 75 प्रतिशत मतदान प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करना नितांत संभव है, जबकि 2019 के आम चुनाव में मतदान प्रतिशत 67.40 प्रतिशत तक रहा। उन्होंने चुनाव आयोग के मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने केलिए 2009 से शुरु किए गए व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रम की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहाकि सत्तर वर्ष में पहलीबार 2019 के आम चुनाव में महिला मतदाताओं का मत प्रतिशत पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 0.17 प्रतिशत अधिक रहा। उपराष्ट्रपति ने इसे लैंगिक विभेद समाप्त करने की दिशा में एक शुभ संकेत बताया। ज्ञातव्य हैकि 1962 के आम चुनाव में पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत महिला मतदाताओं के मुकाबले 16.71 प्रतिशत अधिक था।
वेंकैया नायडू ने चुनावी मामलों के शीघ्र समाधान पर बल दिया और आयोग से आग्रह कियाकि वह नवीन प्रणालियां विकसित करे तथा चुनाव प्रक्रिया को मतदाताओं केलिए अधिक सुगम्य बनाने और उसे अधिक विश्वसनीय बनाने हेतु टेक्नोलॉजी समाधान अपनाए। इस संदर्भ में उन्होंने विगत वर्ष के पांच राज्य विधानसभा चुनाव का जिक्र किया, जब कोविड प्रतिबंधों और प्रोटोकॉल के बावजूद भी 74 से 84 प्रतिशत तक मतदान हुआ। इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का विषय-हमारे चुनावों को समावेशी, सुगम और सहभागी बनाना है। ज्ञातव्य हैकि चुनाव आयोग की स्थापना संविधान के लागू होने से एक दिन पूर्व ही 25 जनवरी 1950 को हो गई थी, अतः 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूपमें मनाया जाता है। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्तगण, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।