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Tuesday 8 February 2022 03:22:26 PM
नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल मिशन जीवन रक्षा के अंतर्गत एक मिशन की तरह लोगों के जीवन की रक्षा करता आया है। इस मिशन के अंतर्गत पिछले 4 वर्ष में आरपीएफ के जांबाज़ों ने रेलवे स्टेशनों पर 1650 लोगों के जीवन को चलती रेलगाड़ियों के पहियों से रौंदे जाने से बचाया है। वर्ष 2021 के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने ऐन उस मौके पर 601 लोगों की जिंदगी बचाई, जब वे चलती रेलगाड़ी के पहियों के नीचे आने ही वाले थे। आरपीएफ कर्मियों की बहादुरी के इन कार्यों केलिए वर्ष 2018 से हर साल राष्ट्रपति उन्हें जीवन रक्षा पदक से सम्मानित करते आ रहे हैं। राष्ट्रपति ने भारतीय रेलवे के आरपीएफ के सात जांबाज़ कर्मियों को वर्ष 2021 श्रृंखला के जीवन रक्षा पदकोंसे सम्मानित करने को मंजूरी दी है।आरपीएफ के कर्मियों को विभिन्न श्रेणियों में जीवन रक्षा पदकों से सम्मानित किया गया है।
सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक नागरिकों के अलावा सशस्त्र बलों, पुलिस अथवा अग्निशमन सेवा के ऐसे जांबाज़ों की वीरता को सम्मानित करने केलिए प्रदान किया जाता है, जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को संकट में डालकर अन्य लोगों की बहुमूल्य जिंदगियों की रक्षा करते हैं, इस सम्मान के अंतर्गत पदक, प्रमाणपत्र और 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। उत्तर मध्य रेलवे में हेड कांस्टेबल ज्ञान चंद ने 2 मई 2021 को भरवारी स्टेशन पर रात लगभग 11:41 बजे रोजनामचा राइटर के रूपमें अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे थे, तभी उन्होंने एक महिला को आत्महत्या करने के इरादे से सामने से आती प्रयागराज-जाजपुर एक्सप्रेस की ओर मुंह करके पटरी पर खड़े देखा। ज्ञान चंद ने उस महिला को चौकन्ना किया, लेकिन वह पटरी से नहीं हटी, यह देखकर ज्ञान चंद ने उस महिला की ओर छलांग लगाई और पलक झपकते ही उस महिला को उसकी सुरक्षा केलिए परे धकेल दिया, लेकिन वह खुद को नहीं बचा सके और सामने से आती ट्रेन से टकरा गए और कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। अनिल कुमार कांस्टेबल रेलवे सुरक्षा बल मुंबई मंडल/ मध्य रेलवे ठाणे स्टेशन पर 3 दिसंबर 2019 को रात लगभग 10:29 बजे यात्रियों का सामान चोरी होने से बचाने और उसका पता लगाने केलिए तैनात थे, तभी उनकी नज़र एक व्यक्ति पर पड़ी, जो पटरी से प्लेटफार्म नंबर-7 पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था, जबकि सामने से आती ट्रेन नंबर 18029 उसके बहुत करीब पहुंच चुकी थी।
आरपीएफ कांस्टेबल अनिल कुमार उस समय प्लेटफॉर्म नंबर-6 पर थे, उस व्यक्ति के जीवन को खतरे में देख उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए पटरी पर छलांग लगा दी और क्षणभर ही उस व्यक्ति को खतरे से बाहर निकाल दिया, सही समय पर और साहसपूर्ण कार्रवाई के कारण वह एक व्यक्ति के मूल्यवान जीवन को बचाने में सक्षम हो सके। रेलवे केलिए यह अत्यंत गौरव और सम्मान का क्षण हैकि सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक श्रृंखला में ज्ञान चंद (मरणोपरांत) और अनिल कुमार को उनकी विशिष्ट सेवाओं केलिए सम्मानित किया गया है। उत्तम जीवन रक्षा पदक नागरिकों के अलावा सशस्त्र बलों, पुलिस अथवा अग्निशमन सेवा के ऐसे जांबाज़ों की वीरता को सम्मानित करने केलिए प्रदान किया जाता है, जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को संकट में डालकर अन्य लोगों की बहुमूल्य जिंदगियों की रक्षा करते हैं। इसके अंतर्गत पदक, प्रमाणपत्र और 1.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। वर्ष 2021 में आरपीएफ के कई कर्मियों को उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है। कोलकाता के 14 स्ट्रैंड रोड स्थित न्यू कोइलाघाट बिल्डिंग की 13वीं मंजिल में 8 मार्च 2021 को भीषण आग में कई लोग आग और धुएं के कारण फंस गए। यह देख कांस्टेबल दिनकर तिवारी ने अपनी जान और सुरक्षा की परवाह न करते हुए अदम्य साहस का परिचय देते हुए न केवल आग बुझाने में मदद की, बल्कि इमारत में फंसे तीन लोगों की भी रक्षा की, उनकी इस बहादुरी की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया है।
कांस्टेबल राजबीर सिंह ने 23 जुलाई 2021 को रात 10:42 बजे देखा कि एक यात्री चलती ट्रेन नंबर 04379 में चढ़ने की कोशिश कर रहा थाकि तभी वह फिसल गया और उसका पैर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंस गया, उस समय ड्यूटी पर तैनात राजबीर सिंह फौरन इस यात्री की ओर दौड़े, उसे चलती ट्रेन से सुरक्षित बाहर खींच लिया और इस दौरान वह घायल भी हो गए। राजबीर सिंह अपने जीवन को संकट में डालकर एक अनमोल जीवन बचाने में सफल रहे। उनकी इस बहादुरी की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया है। बिष्णुपुर रेलवे स्टेशन पर 20 जुलाई 2021 को एक व्यक्ति ने आत्महत्या करने के इरादे से सामने से आ रही ट्रेन के आगे पटरी पर छलांग लगा दी, ट्रेन जब 100 मीटर की दूरी पर थी तो एचसी संजीत कुमार राम की नज़र उस व्यक्ति पर पड़ी, वह तुरंत मौके की ओर लपके और अपनी जान की परवाह किए बिना उसे पटरी से परे धकेल दिया, इस तरह उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की जान बचा ली, जो आत्महत्या करने जा रहा था। उन्हें इस बहादुरी केलिए जीवन रक्षा पदक प्रदान किया गया है। जीवन रक्षा पदक के अंतर्गत पदक, प्रमाणपत्र और 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
बांकुरा रेलवे स्टेशन पर 12 फरवरी 2021 को एक व्यक्ति ने सामने से आ रही ट्रेन नंबर-08027 एएसएन-केजीपी पैसेंजर के सामने आत्महत्या करने के इरादे से पटरी पर छलांग लगा दी, सीटी बोंगू नरसिम्हा राव ने उस व्यक्ति को देखा और वह तुरंत अपनी जान की परवाह किए बिना उसे पटरी से परे धकेल दिया, इस तरह उन्होंने उस व्यक्ति की जान बचा ली, जो आत्महत्या करने जा रहा था। उनकी इस बहादुरी केलिए राष्ट्रपति ने उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया है। उत्तम जीवन रक्षा पदक श्रृंखला के तहत चार कर्मियों दिनकर तिवारी, त्रिदीप पॉल, राजबीर सिंह और संजीत कुमार राम को सम्मानित किया गया है। जीवन रक्षा पदक श्रृंखला केलिए बोंगू नरसिम्हा राव को चुना गया। प्रत्येक जांबाज़ ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। इन बहादुरों ने देश और नागरिकों के प्रति आरपीएफ के समर्पण और नि:स्वार्थ सेवा की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है। यह राष्ट्रव्यापी सम्मान इनके परिवारों और उनकी यूनिट्स को गौरवांवित करेगा तथा आरपीएफ को समर्पण और मानवीय सेवा के अग्रदूत के रूपमें प्रदर्शित करेगा। राष्ट्र की सेवा केलिए प्रदान किया गया यह सम्मान आरपीएफ कर्मियों को ऐसे साहसी कार्यों का अनुकरण करने तथा भविष्य में और अधिक पुरस्कार प्राप्त करने की याद दिलाएगा।