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इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम

भारतीय चुनाव आयोग के गौरवशाली सफर की हुई चर्चा

लगभग 32 देशों के चुनाव प्रबंधन संगठन वर्चुअल शा​मिल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 March 2022 12:11:28 PM

international election visitors program

नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने लगभग 32 देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों और चार अंतर्राष्ट्रीय संगठनों केलिए इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम की वर्चुअल माध्यम से मेजबानी की। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, क्रोएशिया, इथिओपिया, फिजी, जॉर्जिया, गिनी, गुयाना, केन्या, लाइबेरिया, मालदीव, मॉरिशस, मालडोवा, मंगोलिया, म्यांमार, फिलीपींस, रोमानिया, सेशेल्स, सिएरा लिओन, सोलोमन आइलैंड्स, दक्षिण कोरिया, सूरीनाम, तंजानिया, उज्बेकिस्तान और इंटरनेशनल आइडिया, इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ इलेक्टोरल सिस्टम्स, एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज और कम्युनिटी ऑफ डेमोक्रेसीज एवं 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया। एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज के महासचिव जॉनग्युन चोए, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, बांग्लादेश, ब्राजील, फिजी, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, स्विट्जरलैंड के उच्चायुक्तों और राजनयिकों ने भी भाग लिया।
इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम में 150 से ज्यादा ईएमबी प्रतिनिधियों के सामने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनाव का एक सामान्य खाका प्रस्तुत किया गया। भारत 2012 के चुनाव से ही इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम की मेजबानी कर रहा है, जहां अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों को मतदान केंद्रों के भ्रमण केलिए आमंत्रित किया जाता है और उन्हें मौजूदा चुनावी प्रक्रियाओं से व्यक्तिगत रूपसे अवगत कराया जाता है। कोविड महामारी के चलते लागू यात्रा प्रतिबंधों के दौरान भी भारत में आईईवीपी को बंद नहीं किया गया और वर्चुअल माध्यम से इसे आयोजित किया गया। सत्र के दौरान प्रतिभागियों को पांच राज्यों से आई चुनावी गतिविधियों के रिकॉर्डेड वीडियो दिखाए गए, साथ ही चुनावी प्रक्रिया के विस्तृत ब्रीफिंग सत्र केसाथ वाराणसी, उत्तर प्रदेश में मतदान केंद्रों से चुनावी गतिविधियों का सीधा प्रसारण किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त और ए-वेब के चेयरपर्सन सुशील चंद्रा ने इस अवसर पर बतायाकि कोविड-19 के चलते चुनाव में सामने आईं कई लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों के बावजूद एकबार फिर 690 विधानसभाओं में 18.34 करोड़ मतदाताओं केसाथ पांच राज्यों में चुनाव संपन्न करा लिए गए हैं, इस प्रकार हमारी चुनाव प्रणाली ज्यादा समावेशी, सुलभ और भागीदारी के रूपमें सामने आई है।
निर्वाचन आयोग की पहलों को रेखांकित करते हुए उन्होंने मतदाताओं की विभिन्न श्रेणियों से जुड़ी चुनौतियों से पार पाने केलिए क्षेत्रीय अधिकारियों के लागू नवीन और स्थानीय समाधानों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि पांच राज्य में हुए चुनाव केलिए 1.1 करोड़ से ज्यादा नए मतदाता जोड़े गए। उन्होंने कहाकि वरिष्ठ नागरिकों और पीडब्ल्यूडी मतदाताओं केलिए डाक मतदान सुविधा का विस्तार करके वास्तव में ईसीआई मतदाताओं के द्वार तक पहुंच गया है एवं उसके प्रयासों के चलते पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की चुनाव में भागीदारी बढ़ी है, उदाहरण केलिए उत्तराखंड में 67.2 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान किया, जबकि पुरूषों का मतदान 62.6 प्रतिशत रहा, वहीं गोवा में 80.96 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया, जबकि पुरूषों का मतदान 78.19 प्रतिशत रहा। सुशील चंद्रा ने बतायाकि कोविड मानकों और मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या में कमी को देखते हुए पांच राज्यों में 2.15 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए, जो 2017 के चुनाव की तुलना में 31,000 मतदान केंद्र ज्यादा हैं। उन्होंने कहाकि ‘कोई मतदाता पीछे न छूटे’ का उद्देश्य सुनिश्चित करते हुए हमारे मतदान कर्मचारियों ने उत्तराखंड में दुर्गम इलाके और बर्फ से ढके क्षेत्र पार किए, मणिपुर के दुर्गम और संवेदनशील इलाकों में भी पहुंचे, यहां तककि मतदान टीमों को इन क्षेत्रों में एयरलिफ्ट किया गया या वे पैदल चलकर पहुंचीं, सुरक्षा सुनिश्चित करने केलिए सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी केलिए ड्रोन भी तैनात किए गए।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बतायाकि चुनावी प्रक्रिया को दुष्प्रचार से बचाने केलिए सोशल मीडिया पोस्ट्स पर नज़र रखी गई, खर्च पर नज़र रखने वाली टीमों ने प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित किया। सीईसी ने बतायाकि कोविड-19 के जोखिम को दूर करने केलिए चुनाव प्रचार ज्यादातर वर्चुअल माध्यम से हुआ, चुनावी राज्यों में पूर्ण टीकाकरण की स्थिति पर जोर दिया गया, स्वास्थ्य अधिकारियों ने नियमित संवाद किया, जिससे ईसीआई को कोविड सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने में मदद मिली। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहाकि चुनाव आयोग का तीन व्यापक उद्देश्यों-कोविड सुरक्षित चुनाव, परेशानी मुक्त सहज मतदान अनुभव और अधिकतम मतदाता भागीदारी केसाथ काम करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहाकि आयोग ने उम्मीदवारों और दलों के प्रचार के अधिकार के बीच संतुलन केलिए क्रमबद्ध तरीके से प्रतिक्रिया दी और कोविड-19 के हालात में मतदाताओं और मतदान कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने कहाकि ईसीआई लगभग 5.3 लाख सेवारत मतदाताओं, 13 लाख पीडब्ल्यूडी मतदाताओं और बड़ी संख्या में बुजुर्ग मतदाताओं तक पहुंचा है। चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडे ने पिछले 70 साल में मुक्त, निष्पक्ष, पारदर्शी और नीतिपरक चुनाव संपन्न कराने के गौरवशाली सफर में आदर्श आचार संहिता, चुनाव पर्यवेक्षकों की तैनाती की व्यवस्था, ईवीएम-वीवीपीएटी और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को अपनाने सहित कई बड़ी उपलब्धियों को रेखांकित किया।
चुनाव आयुक्त अनूपचंद्र पांडे ने चुनाव में भागीदारी बढ़ाने केलिए स्वीप के माध्यम से वोटर संपर्क और विभिन्न श्रेणियों के मतदाताओं केलिए आसान मतदाता पंजीकरण एवं सहूलियत सुनिश्चित करने केलिए मतदाता अनुकूल मतदान केंद्रों केबारे में एक अवलोकन दिया। ईसीआई में इंडिया ए-वेब सेंटर के महासचिव और प्रमुख उमेश सिन्हा ने भारतीय चुनाव आयोग की दुनियाभर की चुनाव प्रबंधन संस्थाओं केसाथ भागीदारी पर अवलोकन देते हुए कहाकि यह आईईवीपी कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान और विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन क्षेत्र के अनुभवों, सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं और कौशलों को साझा करने केलिए एक मंच उपलब्ध कराता है। इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम भारत में संवाद करता है और पहल करता है, साथ ही अपनी विशेष जरूरतों के लिहाज से अनुकूल सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाने केलिए एक-दूसरे के अनुभवों से सीखता है।

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