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गोरखपुर-वाराणसी केबीच सीधी उड़ान शुरू

नागर विमानन मंत्री और मुख्यमंत्री योगी ने ऑनलाइन झंडी दिखाई

क्षेत्रीय व सबसे बड़ा विमान वाहक स्पाइसजेट नई उड़ानों का हिस्सा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 28 March 2022 12:30:52 PM

civil aviation minister and chief minister yogi flagged off online

नई दिल्ली/ लखनऊ। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूपसे महेंद्रपाल सिंह विधायक पिपराइच (गोरखपुर जिला) और बिपिन सिंह विधायक गोरखपुर ग्रामीण, उषा पाधी संयुक्त सचिव नागर विमानन मंत्रालय, अजय सिंह अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक स्पाइसजेट और कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में गोरखपुर और वाराणसी केबीच पहली सीधी उड़ान को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसे स्पाइसजेट को आरसीएस-उड़ान 4.1 के अंतर्गत मार्ग प्रदान किया गया। एयरलाइन दैनिक उड़ानों का संचालन करेगी और मार्ग पर कम दूरी की उड़ानों केलिए डिज़ाइन किए गए अपने क्यू 400, 78-सीटर टर्बो प्रोप विमान को तैनात करेगी। स्पाइसजेट भारत का सबसे बड़ा क्षेत्रीय विमान वाहक है। एयरलाइन उड़ान योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न हिस्सों में 14 यूडीएएन गंतव्यों को जोड़ने वाली 63 दैनिक उड़ानें संचालित करती है।
स्पाइसजेट उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर और कुशीनगर हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। यह नया उड़ान मार्ग उड़ान योजना के अंतर्गत नौ नई उड़ानों का एक हिस्सा है, जिसे स्पाइसजेट शुरू करेगी, जिसमें से 6 विशेष रूपसे उत्तर प्रदेश केलिए और 3 विमान सेवाएं देश के अन्य राज्यों केलिए होंगी। उड़ान योजना के अंतर्गत स्पाइसजेट के ग्रीष्मकालीन आवागमन उड़ान कार्यक्रम को जारी कर दिया गया है, इनमें प्रमुख हैं-कानपुर-गोरखपुर, वाराणसी-गोरखपुर, वाराणसी-गुवाहाटी, कुशीनगर-कोलकाता, वाराणसी-पटना, वाराणसी-जयपुर, पुदुचेरी-बेंगलुरु,हैदराबाद-पुदुचेरी, हैदराबाद-जबलपुर। इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि यह एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि हम 2 प्राचीन शहरों को जोड़ रहे हैं, जिनका हमारे देश के इतिहास पर गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव है। उन्होंने कहाकि वाराणसी 11 शहरों से जुड़ा हुआ था, लेकिन इस ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम के उद्घाटन केसाथ यह अब 4 और शहरों गोरखपुर, जयपुर, गुवाहाटी और जम्मू से जुड़ जाएगा।
नागर विमानन मंत्री ने कहाकि गोरखपुर जो 6 शहरों से जुड़ा था, इसके बाद 3 और शहरों-वाराणसी, बेंगलुरु और कानपुर से जुड़ जाएगा, इस प्रकार कुल मिलाकर 9 शहर एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। उन्होंने कहाकि गोरखपुर में हम दिसंबर 2022 तक गोरखपुर हवाई अड्डे के सिविल एन्क्लेव की क्षमता को मौजूदा 100 यात्रियों से बढ़ाकर 300 यात्रियों तक कर दिया है। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश में 4 हवाई अड्डे थे, अब प्रयागराज, कानपुर, बरेली और कुशीनगर में हवाई अड्डों के निर्माण केसाथ अब राज्य में कुल 9 हवाई अड्डे स्थापित हो गए हैं, निकट भविष्य में सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़, श्रावस्ती, चित्रकूट और सोनभद्र में 7 नए हवाई अड्डे और नोएडा और अयोध्या में 2 नए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि इससे उत्तर प्रदेश में 18 घरेलू और 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हो जाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि नागर विमानन मंत्रालय देश में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, हालही में नागर विमानन मंत्रालय ऑपरेशन गंगा का हिस्सा था, जहां यूक्रेन के 5 पड़ोसी देशों से संचालित 90 से अधिक उड़ानों केसाथ 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थियों को युद्ध की स्थिति में यूक्रेन से बचाया गया था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि मैं भारतीय वायु सेना और सभी निजी एयरलाइनों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो इस ऑपरेशन का हिस्सा थे और उन्होंने अपना पूरा सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहाकि पिछले 5 वर्ष में उड़ान योजना केतहत 409 मार्गों और 66 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है और 90 लाख से अधिक लोग इससे लाभांवित हुए हैं, योजना केतहत 1 लाख 75 हजार से अधिक उड़ानें भरी जाती हैं। उन्होंने कहाकि नागर विमानन मंत्रालय वर्ष 2025 तक उड़ान आरसीएस योजना केतहत 1,000 नए मार्गों केसाथ भारत में कुल हवाई अड्डों को 100 नए हवाई अड्डों तक ले जाने केलिए 34 नए हवाई अड्डों का निर्माण करने की योजना बना रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि गोरखपुर-वाराणसी उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय गंतव्य हैं और पूरे वर्ष पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, वाराणसी उत्तर भारत का एक सांस्कृतिक केंद्र है और दुनिया के सबसे पुराने लगातार बसे हुए शहरों में से एक है, जो गंगा नदी के किनारे स्नान घाटों केलिए प्रसिद्ध है।
नागर विमानन मंत्री ने कहाकि वाराणसी में सबसे उल्लेखनीय मंदिर काशी विश्वनाथ, संकट मोचन मंदिर और दुर्गा मंदिर हैं, यह शहर लंबे समय से एक शैक्षिक और संगीत केंद्र रहा है। उन्होंने कहाकि कई प्रमुख भारतीय दार्शनिक, कवि, लेखक और संगीतकार शहर में रहते हैं या रहते थे और यहां भारत का पहला आवासीय विश्वविद्यालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि दुनियाभर से हिंदू गंगा में पवित्र डुबकी लगाने और नदी के किनारे दर्जनों घाटों पर अनुष्ठान करने केलिए वाराणसी आते हैं। उन्होंने कहाकि गोरखपुर राप्ती नदी के किनारे नेपाल सीमा के पास है और गोरखनाथ मठ एवं गोरखनाथ मंदिर, नाथ संप्रदाय और अन्य हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख संतों का केंद्र होने के कारण एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र भी है।

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