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कोविड में नाविकों का अनुकरणीय योगदान

समुद्री उद्योग को नेट जीरो के लिए प्रेरित करेंगे-जलमार्ग मंत्री

राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह में नाविकों को सम्मा​नित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 5 April 2022 03:01:51 PM

sailors honored on national maritime day

नई दिल्ली। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कोविड के मुश्किल समय के दौरान देश को आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखने में नाविकों के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। सर्बानंद सोनोवाल ने 59वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह में समुद्री बिरादरी के सभी हितधारकों को बधाई देते हुए कहाकि भारी चुनौतियों के बावजूद भारतीय नाविकों ने पूरे साहस केसाथ विश्व में भारत का झंडा लगातार ऊंचा रखा है। उन्होंने कहाकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखने में भारतीय नाविकों की निभाई गई भूमिका का इस तथ्य से ही अनुमान लगाया जा सकता हैकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान भी वर्ष 2021 में भारतीय और विदेशी जहाजों पर 2,10,000 से अधिक भारतीय नाविकों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि इससे यह भी सुनिश्चित होता हैकि भारतीय और वैश्विक व्यापार तथा वाणिज्य गतिविधियां बिना किसी रुकावट के चलती रहीं। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि महामारी के दौरान दुनियाभर में काम कर रहे भारतीय नाविकों केसाथ हमने अपने समृद्ध प्राचीन भारतीय लोकाचार और वसुधैव कुटुम्बकम यानी संपूर्ण विश्व एक परिवार के दर्शन का विश्व के सामने एक उदाहरण भी स्थापित किया है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की हैकि भारत 2070 तक ‘नेट जीरो’ लक्ष्य को हासिल कर लेगा, तदनुसार इस साल राष्ट्रीय समुद्री दिवस का विषय 'भारतीय समुद्री उद्योग को नेट जीरो की ओर प्रेरित करना' अपनाया गया है। उन्होंने कहाकि समुद्री उद्योग में भारत ने हमेशा पर्यावरण संरक्षण का समर्थन किया है, चाहे वह घरेलू जहाजों पर ग्लोबल सल्फर कैप को लागू करना हो या आईएमओ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के नियमों का कार्यांवयन हो या 2070 तक नेट जीरो तक पहुंचने केलिए यूएनएफसीसी के पक्षों के सम्मेलन की प्रतिबद्धता हो।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के अनुपालन और समुद्री भारत विजन-2030 के माध्यम से उन्हें यह विश्वास थाकि भारत आनेवाले वर्षों में समुद्री क्षेत्र के माध्यम से दुनिया का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहाकि 2016 से 2019 के बीच विश्व शिपिंग में भारतीय नाविकों की हिस्सेदारी में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहाकि पिछले 3 वर्ष में कई सरकारी उपायों के कारण भारतीय क्रूज उद्योग का तेजीसे विकास हुआ है। उन्होंने कहाकि अगले एक दशक में भारतीय क्रूज बाजार में बढ़ती हुई मांग और खर्च करने योग्य आय में वृद्धि के कारण 8 गुना बढ़ोतरी होने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि सरकार लॉजिस्टिक लागत को कम करने और शिपिंग की सुविधा केलिए 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा दे रही है तथा भारतीय समुद्री क्षेत्र की दुनिया में अग्रणी स्थिति हासिल करने की दिशा में काम कर रही है।
कार्यक्रम की शुरुआत राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर द्वारा सफदरजंग मकबरे पर सुबह वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के साथ हुई। इस अवसर पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, महानिदेशक शिपिंग, पत्तन अधिकारी और एनसीआर एमटीआई में समुद्री संस्थानों के लगभग 600 प्रशिक्षु कैडेट, शिक्षण निकायों के साथ-साथ एनसीआर क्षेत्र के मर्चेंट नेवी के अधिकारी भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह का विशेष महत्व है, क्योंकि ठीक 103 वर्ष पहले 5 अप्रैल 1919 को एक इतिहास रचा गया था, जब एसएस लॉयल्टी नामक पहला जहाज भारतीय ध्वज केसाथ मुंबई से लंदन केलिए रवाना हुआ था।

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