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युवाओं को नशे से बचाना हमारा लक्ष्य-गृहमंत्री

नशीले पदार्थों की सप्लाई और स्मगलिंग पर होगी कठोर कार्रवाई

नशा मुक्त भारत पर संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक हुई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 7 April 2022 02:17:50 PM

home minister (file photo)

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा हैकि हमसब समझते हैंकि नशे से और किस प्रकार के नशे से व्यक्ति, समाज और देश तीनों का पतन होता है, इसीलिए इसे किसी भी तरह से हम सेकंड प्रायोरिटी पर नहीं ले सकते हैं। गृहमंत्री ने गृह मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में सदस्यों को बतायाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन और नशा मुक्त भारत के उनके दृष्टिकोण के अंतर्गत सभी एजेंसियां, विभाग और मंत्रालय नशीली दवाओं के दुरूपयोग के खिलाफ कई ठोस और समन्वित क़दम उठा रहे हैं। गृहमंत्री ने कहाकि स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में हमारी सबसे बड़ी प्रायोरिटी नशीले पदार्थों के खिलाफ जंग की होनी चाहिए, जिनके हाथ में देश की बागडौर होगी ऐसी हमारी युवा पीढ़ी को नशे से बचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। गृहमंत्री ने कहाकि हमें यह सुनिश्चित करना हैकि प्रधानमंत्री ने ‘नशामुक्त भारत’ का जो विज़न हमें दिया है, इस अमृतकाल में उसे हमें अपना संकल्प बनाना है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आश्वस्त करते हुए कहाकि सरकार बहुत सख़्ती केसाथ नारकोटिक्स की सप्लाई और स्मगलिंग को रोकना चाहती है और बहुत सहानुभूति केसाथ जो बच्चे इसका शिकार बने हैं, उन्हें इसकी आदत से बाहर लाने का प्रयास भी कर रही है, इसीलिए कई विभागों वाली एक समिति का गठन किया गया है और इन सबके बीच समन्वय करके एक मल्टीडायमेंशनल रणनीति बनाना और इसे रोकने का प्रयास करना है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव में नशामुक्त भारत का जो लक्ष्य भारत सरकार और राज्यों की सरकारों के सामने रखा है, उसे हासिल करने केलिए एक सामूहिक प्रयास करना चाहिए। गृहमंत्री ने कहाकि गृह मंत्रालय का दृढ़ निश्चय हैकि सप्लाई और स्मगलिंग पर हम बहुत कठोरता केसाथ कार्रवाई करेंगे, मगर कुछ चुनौतियां भी हैं। उन्होंने कहाकि हमारा देश सबसे बड़े अफ़ीम उत्पादक क्षेत्र है, जिसे दुनिया गोल्डन क्रेसेंट के नामसे भी जानती है, जिसमें अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान केसाथ हमारी सीमाएं जुड़ी हुई हैं और गोल्डन ट्राएंगल (थाईलैंड, लाओस एवं म्यांमार शामिल) के बीच है।
गृहमंत्री ने सदस्यों को बताया किया कि पिछले 3 वर्ष में 12,142 करोड़ रुपये मूल्य की 17,20,574 किलोग्राम प्रमुख नशीली दवाओं को जब्त किया गया। उन्होंने कहाकि 2011-13 में 2,98,000 किलोग्राम नशीली दवाओं को जब्त किया गया था और इनको जब्त करने की मात्रा में 4 गुना और मूल्य में 6 गुना की वृद्धि हुई है। अमित शाह ने कहाकि आज की तारीख में भारत का 27 देशों केसाथ द्विपक्षीय समझौता, 15 देशों केसाथ समझौता ज्ञापन तथा जर्मनी एवं सऊदी अरब केसाथ सुरक्षा सहयोग पर दो समझौते किए गए हैं। अमित शाह ने कहाकि अवैध फसल अफीम पोस्ता और भांग की खेती के विनाश केलिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहाकि वर्ष 2013 में 2100 एकड़, 2017 में 7,602 एकड़ और 2021 में 10,798 एकड़ भूमि में अफीम की खेती नष्ट की गई, इसी तरह 2013 में 1000 एकड़, 2017 में 8,515 एकड़ और 2021 में 26,717 एकड़ भूमि में भांग अफीम की खेती नष्ट की गई।
गृहमंत्री ने कहाकि सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी को रोकने केलिए सरकार ने ढेर सारे कड़े उपाय किए हैं, बीएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स जैसे विभिन्न सीमा सुरक्षा बलों को एनडीपीएस अधिनियम-1985 के तहत मादक पदार्थों का निषेध करने का अधिकार दिया गया है। सीमा की विस्तृत भेद्यता मानचित्रण और विशेष निगरानी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। समुद्री मार्ग से तस्करी की समस्या को कम करने केलिए नवंबर 2021 में एक बहुएजेंसी समुद्री सुरक्षा समूह बनाया गया है। समुद्री पुलिस बल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से वर्ष 2005 से तटीय सुरक्षा योजना को चरणों में कार्यांवित कर रहा है। यह योजना 9 तटीय राज्यों और 4 संघ राज्‍य क्षेत्र में लागू की गई है। गृहमंत्री ने कहाकि बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल केलिए 2016 में एनसीओआरडी मेकैनिज्म का गठन किया गया, वर्ष 2019 में इसे चार स्तरीय व्यवस्था के रूपमें सुदृढ़ किया गया है। इसमें शीर्ष स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, कार्यकारी स्तरीय एन-कॉर्ड समिति, मुख्य सचिव की अध्यक्षता राज्यस्तरीय एन-कॉर्ड समिति और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय एन-कॉर्ड समिति शामिल हैं।
गृहमंत्री ने कहाकि नोडल एजेंसी के तौरपर एनसीबी है। उन्होंने कहाकि एनसीओआरडी मीटिंग्स में प्रत्येक स्तरपर जो भी निर्णय लिए जाते हैं, उन्हें लागू करने केलिए समुचित प्रयास किए जा रहे हैं, साथही दिशा-निर्देशों की अनुपालना समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहाकि एनसीबी डार्क नेट पर मादक पदार्थों की तस्करी के साइबर फुटप्रिंट को ट्रैक करने केलिए समाधान खोजने के लिए डार्काथॉन आयोजित कर रहा है, डार्क नेट और क्रिप्टो-करेंसी के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी के मुद्दों का समाधान करने केलिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, साथही पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों और लोक अभियोजकों को प्रशिक्षित करने केलिए राष्ट्रीय स्तरपर नशीले पदार्थों पर व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। अमित शाह ने कहाकि मादक पदार्थों की मांग में कटौती केलिए भी पहल की गई है, एकीकृत व्यसनी पुनर्वास केंद्रों का संचालन और रखरखाव किया जा रहा है और आज की तारीख में 522 केंद्रों को सहायता प्रदान की जा रही है।
गृहमंत्री ने कहाकि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय सर्वेक्षण निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्‍यूरो से प्राप्‍त सूचना के आधार पर 272 चिन्हित असुरक्षित जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया है। गृहमंत्री ने कहाकि इसके लिए 8,000 मास्टर स्‍वयं सेवकों का चयन किया गया है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है और विभिन्न कार्यकलापों के माध्यम से 2.39 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई गई है। अमित शाह ने कहाकि अभियान की गतिविधियों में 92 लाख से अधिक युवाओं ने सक्रिय रूपसे भाग लिया और नशीले पदार्थों के सेवन के खिलाफ संदेश को फैलाया। उन्होंने कहाकि लगभग 4,000 से अधिक युवा मंडल, नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों, युवा क्लबों को भी अभियान से जोड़ा गया है, इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 29.6 लाख से अधिक महिलाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है। गृहमंत्री ने कहाकि देशभर में अबतक 55461 शैक्षिक संस्थानों में अभियान के अंतर्गत कार्यक्रमों का आयोजन किया है, 300 से अधिक छात्रों ने सोशल मीडिया इंटर्न के रूपमें काम किया और अपने सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग करके देशभर में 17.5 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई।
अमित शाह ने कहाकि एक लघु फिल्म के माध्यम से अभियान के उद्देश्यों को नौ भाषाओं में सोशल मीडिया पर जारी किया गया है, साथही नशामुक्ति केलिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14446 भी संचालनरत है, जो प्रारंभिक परामर्श और शीघ्र सहायता प्रदान करता है। गृहमंत्री ने कहाकि ये अभियान कोई सरकार अकेले नहीं चला सकती, बहुत सारे प्रयास इसके अंतर्गत हुए हैं और परिणाम भी अच्छे आए हैं। गृहमंत्री ने कहाकिहम बच सकते हैं, क्योंकि हमारे यहां बच्चे अकेले नहीं रहते, अभिभावकों के साथ रहते हैं, क़ानून में जो उचित परिवर्तन होना है, उसपर भी विचार करना है। उन्होंने कहाकि हम सभी को सासंद होने के नाते भी इस अभियान को ताक़त देने केलिए अपने-अपने क्षेत्रों और इलाक़ों में मदद करनी चाहिए। अमित शाह ने कहाकि परिणामों से मैं उत्साहित हूं और मुझे भरोसा हैकि दृढ़ता केसाथ हम और सफल होंगे।
अमित शाह ने सदस्यों से इस विषय पर अपने सुझाव देने केलिए कहा। सदस्यों ने इन कदमों को उठाने केलिए केंद्रीय गृहमंत्री को धन्यवाद दिया, क्योंकि परामर्शदात्री समिति की बैठकों में ऐसे विषयों पर पहले कभी चर्चा नहीं की गई थी। सदस्यों ने कहाकि वे आनेवाले समय में और अधिक जानकारी प्रदान करेंगे और अगर ज़रूरत होगी तो इस विषय पर समिति की आगामी बैठकों में चर्चा की जा सकती है। गृहमंत्री ने सदस्यों को सूचित कियाकि उनके बहुमूल्य सुझावों पर मंत्रालय विचार करेगा। उन्होंने सदस्यों को उनके बहुमूल्य योगदान केलिए धन्यवाद भी दिया। गृहमंत्री ने कहाकि जब्त की गईं नशीली दवाओं के मूल्य की गणना वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा जारी रिवॉर्ड गाइडलाइन 2017 के आधार पर की गई है, जो वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में कम हो सकती है। बैठक में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा, निसिथ प्रामाणिक और केंद्रीय गृह सचिव उपस्थित थे।

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