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Thursday 7 April 2022 11:01:42 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट अयोध्या के प्रथम चरण के विकास हेतु राज्य सरकार ने राज्य के नागरिक उड्डयन विभाग एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य लीज एग्रीमेंट के माध्यम से 317.855 एकड़ भूमि आज भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दी। राज्य सरकार ने यह भूमि खरीदकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को लीज पर दी है। अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष के मध्य लीज एग्रीमेंट दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। अयोध्या में वर्ष 2023 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथही राज्य सरकार की इस एयरपोर्ट को क्रियाशील करने की योजना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहाकि भारत की प्राचीनतम नगरी अयोध्या, जिसे भारत के आस्थावान नागरिक एक पवित्र नगरी के रूपमें देखते हैं, उसे वायुसेवा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहाकि इन 5 वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश ने वायुसेवा की कनेक्टिविटी में अच्छी प्रगति की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि जैसाकि प्रधानमंत्री का कहना हैकि वायुसेवा केवल एक विशेष तबके तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि हवाई चप्पल पहनने वाला कॉमनमैन भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके, ऐसी वायुसेवा उपलब्ध करानी होगी, उनके विज़न के अनुसार इस समय प्रदेश में 9 एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हैं, प्रदेश में निर्माणाधीन 10 नए एयरपोर्ट जब क्रियाशील होंगे तब 19 एयरपोर्ट केसाथ देश में वायुसेवा के साथ जुड़ने वाला सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश होगा। उन्होंने कहाकि वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश वायुसेवा के माध्यम से सिर्फ 25 गंतव्य स्थानों से जुड़ा था, आज 75 से अधिक गंतव्य स्थानों केलिए प्रदेश से हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट केलिए भूमि क्रय से सम्बंधित पूरी धनराशि जिला प्रशासन को दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहाकि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन स्मृतियों को समर्पित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की आज शुरुआत हुई है। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य भूमि लीज एग्रीमेंट पूर्ण होना अभिनंदनीय पहल है।
योगी आदित्यनाथ ने कहाकि हम समयबद्ध ढंग से इस एयरपोर्ट के विकास को आगे बढ़ाकर अयोध्या नगरी को दुनिया की सुंदरतम नगरी के रूपमें स्थापित करने केसाथ ही बेहतरीन कनेक्टिविटी को उपलब्ध कराने में सफल होंगे। उन्होंने कहाकि प्रदेश सरकार की सकारात्मक सोच ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रधानमंत्री के विज़न को धरातल पर उतारने का कार्य किया है, उसी का परिणाम हैकि उत्तर प्रदेश अगले वर्ष तक 5 अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश को देने की स्थिति में होगा। उन्होंने कहाकि प्रदेश सरकार बेहतरीन कनेक्टिविटी के माध्यम से नागरिकों के जीवन को सरल करने और विकास की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहाकि आज बासंतिक नवरात्रि की पावन तिथि है, नवरात्रि की पावन तिथि भारत की सनातन परंपरा में ऊर्जा के संचार की तिथि के रूपमें मानी जाती है, ऊर्जा एक सकारात्मक विकास का प्रतीक भी है, विकास का यह प्रतीक अयोध्या जैसी पावन नगरी के साथ जुड़ा हो तो देश व दुनिया को प्रफुल्लित करता है। उन्होंने कहाकि मुख्यमंत्री ने कहाकि अयोध्या में वर्ष 2023 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माणकार्य पूरा हो चुका होगा, रामलला अपने स्वयं के मंदिर में विराजमान हो जाएंगे, रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही हमें इस एयरपोर्ट को क्रियाशील करना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले फेज के कार्य केलिए जितनी भूमि की आवश्यकता थी, अयोध्या के जिला प्रशासन ने इस कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया है, एयरपोर्ट केलिए जितनी भूमि की आवश्यकता है, उसमें से मात्र 86 एकड़ भूमि ही बाकी है, उन्हें विश्वास हैकि जिला प्रशासन तीव्रगति से शेष 86 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को उपलब्ध कराने का कार्य करेगा। उन्होंने कहाकि इस एयरपोर्ट के तीनों फेजों के निर्माण केलिए जितनी भी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, उतनी भूमि प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहाकि वायुसेवा की बेहतरीन कनेक्टिविटी विकास के अनेक द्वार खोलती है जैसे-गोरखपुर के वायुसेवा से जुड़ते ही वहां विकास की गतिविधियां तेज हुई हैं, वर्ष 2017 तक गोरखपुर मात्र एक वायुसेवा से जुड़ा था, आज यह 12 से 13 वायुसेवा से जुड़ा हुआ है, जैसे हवाई जहाज की यात्रा एक नई उड़ान होती है, वैसे ही विकास की नई उड़ान के साथ गोरखपुर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहाकि प्रदेश के विभिन्न शहरों-वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, गाजियाबाद (हिंडन) इत्यादि में हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहाकि जनप्रतिनिधियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के नागरिकों की हमेशा मांग रहती हैकि उनके क्षेत्र को वायुसेवा से जोड़ा जाए, जहां वायुसेवा केलिए बड़े एयरपोर्ट बनाना कठिन होता है, वहां पर लोग हेलीकॉप्टर सेवा से जुड़ने की मांग करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहाकि जो अपेक्षाएं आजादी के बादसे उत्तर प्रदेशवासियों ने की थीं, वे अब पूरी हो रही हैं। ज्ञातव्य है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट अयोध्या के विकास हेतु 821 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है, राज्य सरकार ने इसके विकास हेतु 1008.77 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है, एयरपोर्ट का विकास तीन चरण में होगा। प्रथम चरण में वायुयानों हेतु 2200 मीटर x 45 मीटर रनवे सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अपर मुख्य सचिव नागरिक उड्डयन एसपी गोयल ने स्वागत सम्बोधन किया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, मेंबर प्लानिंग भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एके पाठक, सूचना निदेशक शिशिर और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।