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राजभाषा समिति रिपोर्ट के 11वें खंड को मंज़ूरी

गृहमंत्री अमित शाह और समिति सदस्यों ने दी सर्वसम्मति से मंज़ूरी

'राजभाषा को देश की एकता का महत्वपूर्ण अंग बनाने का समय'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 April 2022 01:38:32 PM

approval of the 11th section of the official language committee report

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक में समिति सदस्यों की सर्वसम्मति से समिति प्रतिवेदन के 11वें खंड को राष्ट्रपति केपास भेजने को मंज़ूरी दे दी है। अमित शाह ने कहाकि मौजूदा राजभाषा समिति जिस गतिसे काम कर रही है, इससे पहले शायद ही कभी इस गतिसे काम हुआ हो। उन्होंने कहाकि एकही समिति के कालखंड में तीन रिपोर्ट का राष्ट्रपति के पास भेजा जाना सबकी एक बड़ी साझा उपलब्धि है। गृहमंत्री ने तीन प्रमुख बिंदुओं पर ज़ोर देने का आग्रह किया, इनमें समिति प्रतिवेदन के पहले से 11वें खंड तक की गई अनुशंसाओं के कार्यांवयन केलिए जुलाई में बैठक करने का अनुरोध किया। गौरतलब हैकि गृहमंत्री अमित शाह राजभाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि बैठक में राजभाषा सचिव खंडवार प्रतिवेदन पर अमल केबारे में सदस्यों को जानकारी दें, दूसरे बिंदु के अंतर्गत नौवीं कक्षा तक के छात्रों को हिंदी की प्राथमिक जानकारी देने और हिंदी शिक्षण परीक्षाओं पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत पर बल दिया। तीसरे बिंदु के अंतर्गत गृहमंत्री ने हिंदी शब्दकोश को नया बनाकर पुनर्प्रकाशित करने का सुझाव दिया। अमित शाह ने कहाकि राजभाषा समिति के पहले से 11वें खंड की सिफ़ारिशों के कार्यांवयन की प्रगति की समीक्षा केलिए सभी संबंधित सचिवों केसाथ बैठक करके सिफ़ारिशों को लागू करने केलिए एक कार्यांवयन समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया हैकि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है और इससे हिंदी का महत्व निश्चित तौरपर बढ़ेगा। उन्होंने कहाकि अब राजभाषा को देश की एकता का महत्वपूर्ण अंग बनाने का समय आ गया है। उन्होंने कहाकि अन्य भाषा वाले राज्यों के नागरिक जब आपस में संवाद करें तो वो भारत की भाषा में हो।
अमित शाह ने कहाकि हिंदी की स्वीकार्यता स्थानीय भाषाओं के नहीं, बल्कि अंग्रेज़ी के विकल्प के रूपमें होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि जबतक हम अन्य स्थानीय भाषाओं से शब्दों को स्वीकार कर हिंदी को लचीला नहीं बनाएंगे, तबतक इसका प्रचार-प्रसार नहीं हो पाएगा। गृहमंत्री ने सदस्यों को जानकारी दीकि अब कैबिनेट का 70 प्रतिशत एजेंडा हिंदी में ही तैयार होता है। उन्होंने कहाकि पूर्वोत्तर के आठों राज्यों में 22000 हिंदी शिक्षकों की भर्ती की गई है, साथही पूर्वोत्तर के 9 आदिवासी समुदायों ने अपनी बोलियों की लिपियों को देवनागरी में कर लिया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर के सभी आठों राज्यों ने सहमति से स्कूलों में दसवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य कर दिया है। बैठक में गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा, निशिथ प्रामाणिक, संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष भृर्तहरि महताब एवं समिति के और भी सदस्य उपस्थित थे।

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