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Wednesday 25 May 2022 07:42:46 PM
लखनऊ। विधानसभा में आज फिर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव अपना आपा खो गए और नौबत तू-तू मैं-मैं तक आ गई। नेता प्रतिपक्ष ने इस बार उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बार-बार टारगेट किया। उत्तर प्रदेश में सभी एक्सप्रेस-वे और अन्य बड़े विकास कार्य खुद संपन्न कराने का दावा करके अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसे। अखिलेश यादव ने ही ये विकास कार्य कराए हैं, इसपर जब केशव प्रसाद मौर्य ने टीका-टिप्पणी की तो वे अपना आपा खो गए। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा थाकि उन्होंने क्या सैफई की जमीन बेचकर ये विकास कार्य कराए हैं, इसपर विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया, पक्ष-विपक्ष में तू-तू मैं-मैं तक की नौबत आ गई। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मामले को मुश्किल से शांत कराया। नेता सदन योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ सकी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य केबीच तीखी तकरार उस वक्त सदन की गरिमा से बाहर चली गई, जब अखिलेश यादव राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार के धन्यवाद प्रस्ताव पर उनकी ओर देखकर अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में बड़े-बड़े विकास कार्यों और सड़कों आदि के निमार्ण को अपनी ही उपलब्धियां बताकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की हार पर तंज कसने लगे। केशव प्रसाद मौर्य ने इसपर पलटकर कहाकि न जाने आपको कौन सा रोग हैकि आप हमेशा सारे कार्य अपनी सरकार के बताते हैं और अपना गुणगान करते हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने कहाकि आप फिर पांच साल केलिए बाहर हुए हैं और आगे भी आपका नंबर नहीं लगना है, योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बने और मै फिर उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा हूं। अखिलेश यादव ने पलटकर जवाब दिया कि आपके जिले की चार लेन की सड़क भी सपा सरकार ने ही बनवाई थी, इसपर केशव मौर्य ने पलटवार किया कि जैसे आपने सैफई की जमीन बेचकर सड़कें बनवाई हों। अखिलेश यादव इसपर तैश में आ गए और अभद्रता से आपा खोते हुए कहने लगे कि तुम अपने पिताजी से सड़क बनवाने केलिए पैसे लाते हो, तुमने राशन पिताजी के पैसे से बांटा?..
फिर क्या था विधानसभा में तीखी नोकझोक की महाभारत शुरू हो गई। हंगामा शुरू हो गया। तू-तू मैं-मैं के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना असहज हो गए और नेता सदन योगी आदित्यनाथ को मामला शांत करने केलिए आगे आना पड़ा। योगी आदित्यनाथ ने कहाकि सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष को भी सदन की मर्यादा और गरिमा का पालन करना होगा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया अमर्यादित टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए, ताकि ये टिप्पणियां नजीर न बनें और भविष्य में नहीं दोहराई जाएं। उन्होंने ये भी कहाकि जब कोई सदस्य बोल रहा होता है तो बीच में टोका-टाकी नहीं होनी चाहिए। विधानसभा में अखिलेश यादव की टिप्पणियों में सरकार पर तंज की भरमार थी, इसके बावजूद सत्ता पक्ष के सदस्य धैर्य बनाए हुए थे। विधानसभा अध्यक्ष को नेता प्रतिपक्ष से कई बार कहना पड़ा कि टोकाटाकी नहीं होनी चाहिए। अखिलेश यादव अपने भाषण के दौरान सरकार पर हमलावर बने रहें, जिस कारण उन्हें अपनी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। सदन का माहौल कई बार उत्तेजनात्मक बना। अब देखना हैकि आगे क्या होता है। बहरहाल विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना विपक्ष के बार-बार व्यवधान के बावजूद कुशलता से सदन की कार्यवाही संचालन में सफल रहे।