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Friday 27 May 2022 05:54:25 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति मैदान दिल्ली में भारत के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव में ड्रोन उड़ाकर भारत ड्रोन महोत्सव-2022 का उद्घाटन किया और कहाकि ये उत्सव सिर्फ एक तकनीक का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वनेंस, नए प्रयोगों केप्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता का उत्सव है। उन्होंने किसान ड्रोन पायलटों से बातचीत की, खुले में ड्रोन प्रदर्शन देखें और ड्रोन प्रदर्शनी केंद्र में स्टार्टअप्स करने वालों से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने ड्रोन प्रदर्शनी में अपने आकर्षण और रुचि से अवगत कराते हुए कहाकि वे ड्रोन प्रदर्शनी और उद्यमियों की भावना एवं क्षेत्र में नवाचार से काफी प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों और युवा इंजीनियरों केसाथ अपनी बातचीत के बारेमें बताया। उन्होंने कहाकि प्रदर्शनी में जिन-जिन स्टॉल पर गया तो वहां सभी लोग बहुत गर्व से कहते थेकि ये मेक इन इंडिया है, ये सब हमने बनाया है। उन्होंने कहाकि ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है, ये जो ऊर्जा नज़र आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहाकि ये भारत में एंप्लॉयमेंट जेनरेशन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बीते 8 साल में जो प्रयास हुए हैं, उसने किसानों का तकनीक केप्रति भरोसा बहुत बढ़ा दिया है, आज देश का किसान तकनीक केसाथ कहीं ज्यादा सहज है, उसे ज्यादा आसानी से अपना रहा है और स्मार्ट तकनीक आधारित ड्रोन कृषि सेक्टर में बहुत काम आ सकते हैं। प्रधानमंत्री कहाकि 8 वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी, मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के रास्ते पर चलते हुए इज ऑफ लिविंग, इज ऑफ डूइंग बिजनेस को हमने प्राथमिकता बनाया, हमने सबका साथ, सबका विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए देश के हर नागरिक को सुविधाओं और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, इसका सबसे अधिक नुकसान गरीब, वंचित और मिडिल क्लास को हुआ, पर आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को समाप्त कर दिया है, अब लोगों को भरोसा हैकि उनका हक उन्हें मिलेगा ही मिलेगा। उन्होंने बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाने केलिए जटिल प्रक्रियाओं को भी याद किया, जिससे अभाव और भय की भावना पैदा हुई। नरेंद्र मोदी ने कहाकि प्रगति तभी संभव है, जब हम समय के साथ बदलें। उन्होंने कहाकि टेक्नोलॉजी ने अंतिम छोर तक डिलीवरी को सुनिश्चित करने में सैचुरेशन के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है और मैं जानता हूंकि हम इसी गति से आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि 8 वर्ष का अनुभव मेरे विश्वास को और मजबूत करता है, हमने देश को नई ताकत, गति और ऊंचाई प्रदान करने केलिए प्रौद्योगिकी को एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाया है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि आज देश ने जो मजबूत यूपीआई फ्रेमवर्क विकसित किया है, उसकी मदद से लाखों करोड़ रुपये गरीबों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं, महिलाओं, किसानों, विद्यार्थियों को अब सीधे सरकार से मदद मिल रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ड्रोन टेक्नोलॉजी कैसे एक बड़ी क्रांति का आधार बन रही है, इसका एक उदाहरण पीएम स्वामित्व योजना भी है, इसके तहत पहलीबार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है, डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना सुशासन और जीवन को आसान बनाने केलिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने का एक और माध्यम है। उन्होंने कहाकि ड्रोन के रूपमें हमारे पास एक स्मार्ट टूल है, जो आम लोगों के जीवन का हिस्सा बनने जा रहा है। उन्होंने कहाकि सुरक्षा की दृष्टि से ड्रोन बहुत बड़ी सेवा कर पाएगा, ट्रैफिक जाम के सोल्यूशन निकाले जा सकते हैं, हमें इन टेक्नोलॉजी केसाथ अपनी व्यवस्थाओं को जोड़ना है। प्रधानमंत्री ने रक्षा, आपदा प्रबंधन, कृषि, पर्यटन, फिल्म और मनोरंजन के क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि आने वाले दिनों में इस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ना तय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति की समीक्षाओं और केदारनाथ परियोजनाओं के उदाहरणों के माध्यम से अपने आधिकारिक निर्णय लेने में ड्रोन के इस्तेमाल के बारेमें भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि ड्रोन तकनीक किसानों को सशक्त बनाने और उनके जीवन को आधुनिक बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने जा रही है, क्योंकि जैसे-जैसे गांवों में सड़क, बिजली, ऑप्टिकल फाइबर और डिजिटल तकनीक का आगमन हो रहा है, इसके बावजूद भी कृषि कार्य पुराने तरीकों से किए जा रहे हैं, जिससे परेशानी, कम उत्पादकता और अपव्यय हो रहा है। उन्होंने भू-अभिलेखों से लेकर बाढ़ और सूखा राहत तक की गतिविधियों के संबंध में राजस्व विभाग पर निरंतर निर्भरता के बारेमें भी बात की। उन्होंने कहाकि इन सभी मुद्दों से निपटने केलिए ड्रोन एक प्रभावी उपकरण के रूपमें उभरा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कृषि क्षेत्रों की मदद केलिए किएगए उपायों ने सुनिश्चित किया हैकि प्रौद्योगिकी अब किसानों केलिए डराने वाली नहीं है। उन्होंने कहाकि ड्रोन महोत्सव जिज्ञासा की दृष्टि से तो अनेकों के काम आएगा ही आएगा, लेकिन जो भी इसको देखेंगे जरूर कुछ नया करने केलिए सोचेंगे, जरूर उसमें परिवर्तन लाने केलिए प्रयास करेंगे, व्यवस्थाओं में जोड़ने केलिए प्रयास करेंगे, ड्रोन के तरह-तरह के उपयोग निकलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पहले के समय में टेक्नोलॉजी और उससे हुए इन्वेंशन, एलीट क्लास केलिए माने जाते थे। उन्होंने कहाकि आज हम टेक्नोलॉजी को सबसे पहले आम लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं, कुछ महीने पहले तक ड्रोन पर बहुत सारे रिस्ट्रिक्शंस थे, हमने बहुत ही कम समय में अधिकतर रिस्ट्रिक्शंस को हटा दिया है, हम पीएलआई जैसी स्कीम्स के जरिए भारत में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग का एक सशक्त इकोसिस्टम बनाने की तरफ भी बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि तकनीक जब जन-जन तक जाती है तो उसके उपयोग की संभावनाएं भी उसीके अनुसार बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहाकि ये भारत केलिए भी और दुनिया केलिए यहां से बेहतरीन ड्रोन टेक्नोलॉजी के निर्माण का सही समय है, मैं एक्सपर्ट्स, टेक्नोलॉजी की दुनिया के लोगों सेभी अपील करूंगाकि ड्रोन टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा विस्तार करें, उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लेकर जाएं और युवा भी ड्रोन के क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स केलिए आगे आएं। इस अवसर पर केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव, मनसुख मांडविया, भूपेंद्र यादव, कई राज्य मंत्री और नेता, ड्रोन उद्योग से जुड़े उद्यमी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने 150 ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट भी प्रदान किए।