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देशमें जनजातीय समाज का समग्र विकास-शाह

जनजातियों को गौरव प्रदान करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया

दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 7 June 2022 05:17:12 PM

national tribal research institute inaugurated in delhi

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन किया और कहाकि ये जनजातीय अनुसंधान संस्थान आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुरूप अस्तित्व में आया है। उन्होंने कहाकि वैसेतो देशमें अनेक जनजातीय अनुसंधान संस्थान कामकर रहे हैं, लेकिन जनजातीय समाज की अनेक विविधताओं को राष्ट्रीय रूपसे जोड़ने वाली ऐसी कड़ी नहीं थी, ये संस्थान अबवो कड़ी बनेगा। अमित शाह ने कहाकि आज़ादी केबाद पहलीबार नरेंद्र मोदी सरकार में जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा की गई और हर्षोल्लास से मनाया भी गया। गृहमंत्री ने कहाकि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज के समग्र विकास केलिए वनबंधु कल्याण योजना के रूपमें एक ऐसी योजना शुरू की थी, जिससे व्यक्ति, गांव और क्षेत्र का समानांतर विकास हो रहा है। उन्होंने कहाकि जबतक व्यक्ति, गांव और क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं होता, तबतक जनजातीय समाज का विकास नहीं हो सकता, सबके समावेशी और सर्वस्पर्शीय विकास को ध्यान में रखकर वनबंधु कल्याण योजना बनाई गई थी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि जल, जंगल, ज़मीन, शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति, भाषा, परंपरा से संबंधित देश में अनेक जनजातीय परंपरागत क़ानून बने हुए हैं, जिनपर अनुसंधान की ज़रूरत है, इन क़ानूनों का वर्तमान क़ानून केसाथ सामंजस्य किए बिना किसीभी जनजातीय कल्याण के क़ानून पर अमल नहीं हो सकता, इन सभी विषयों पर अनुसंधान राष्ट्रीय स्तरपर ही हो सकता है और उसे राष्ट्रीय मान्यता भी तभी मिलेगी। अमित शाह ने कहाकि ये संस्थान विभिन्न विषयों पर अनुसंधान और उनका मूल्यांकन करेगा, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और अन्य संस्थानों का क्षमता निर्माण करेगा, डेटा संग्रह भी करेगा और आत्मविश्वास बढ़ाने केलिए अच्छी बातों का प्रचार-प्रसार भी करेगा। गृहमंत्री ने कहाकि नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तरपर देश के जनजातीय समाज को विकास के सूत्र में पिरोने केलिए इस संस्थान की कल्पना की थी। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान जनजातीय त्यौहारों, उनकी मूल भावना को संजोए रखते हुए आधुनिक स्वरूप देकर लोकप्रिय बनाने का काम भी करेगा, यह जनजातीय संग्रहालयों की विविधता, रखरखाव परभी काम करेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि एक प्रकार से समग्र जनजातीय समाज के विकास का ख़ाका खींचने का काम ये अनुसंधान संस्थान करेगा और आनेवाले 25 साल में जनजातीय विकास की रीढ़ की हड्डी बनने वाला है। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री ने शुरूआत सेही अनुसंधान संस्थान और जनशिक्षा पर बहुत बल दिया है, वर्ष 2014 में इसके लिए बजट सात करोड़ रुपए था, जिसे 2022 के बजट में बढ़ाकर 150 करोड़ रूपए कर दिया गया। गृहमंत्री ने कहाकि नरेंद्र मोदी ने 2014 में महसूस किया कि राष्ट्रीय स्तरपर जनजातीय नीतियां देशकी सभी जनजातियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, ये संस्थान राज्यों केसाथ समन्वय, अनुसंधान, कर्मचारियों के प्रशिक्षण अन्य संस्थानों की कैपेसिटी बिल्डिंग, डाटा संग्रह और जो भी अच्छे कार्य हुए हैं, उनका प्रचार-प्रसार करके लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने कहाकि यह अनुसंधान संस्थान सरकार को नीतिगत जानकारी देगा, राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूपमें काम करेगा, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन केलिए राष्ट्रीय ज्ञान केंद्र भी यहीं बनाया जाएगा, जनजातियों के सम्मान केलिए मोदी सरकार ने ढेर सारे काम किए हैं, कई राज्यों में ठुकराए और भुला दिए गए जनजातीय नेताओं को गौरव प्रदान करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि चाहे खासी-गारो आंदोलन हो, मिज़ो आंदोलन हो, मणिपुर का आंदोलन हो, वीर दुर्गावती का शौर्य हो या रानी कमलावती का बलिदान हो, इन सबको गौरव देने का काम मोदी सरकार ने किया है। गृहमंत्री ने कहाकि जनजाति संबंधी लीगेसी के मुद्दों पर भी कई विवाद सालों से लंबित हैं, जिनका निपटारा भी जरूरी है। उन्होंने कहाकि जनजातीय मुद्दों पर नॉलेज बैंक भी बनाना चाहिए, इन सभीको ध्यान में रखकर इस संस्थान की कल्पना की गई थी, जो लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत से आज पूरी हो गई है। अमित शाह ने कहाकि भगवान बिरसा मुंडा केसाथ जोड़कर आदिवासी जनजातीय गौरव दिवस मनाने का भी हमने फैसला किया है, लगभग 200 करोड़ रूपए की लागत से 10 संग्रहालय भी हम बना रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने 2019 केबाद नॉर्थईस्ट में एकके बाद एक कई कदम उठाए हैं, कई जनजातियों केसाथ समझौते किए हैं, AFSPA को नॉर्थईस्ट के लगभग 66 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र से हटा लिया गया है, पिछली सरकारों में वर्ष 2006 से 2014 तकके आठ साल में पूर्वोत्तर में 8700 घटनाएं हुईं थीं, जबकि नरेंद्र मोदी के 8 साल के शासन में इन घटनाओं में लगभग 70 प्रतिशत कमी आई है। अमित शाह ने कहाकि पहले 304 सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई थी, जिसमें अब 60 प्रतिशत कमी आई है, नागरिकों की मृत्यु का आंकड़ा भी पहले की तुलना में 83 प्रतिशत कम हुआ है।
अमित शाह ने कहाकि इन सबसे कल्पना कर सकते हैंकि नॉर्थईस्ट में कितना बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहाकि स्वीकृत ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट की संख्या मेंभी बहुत बढ़ोतरी करके 27 बनाए गए हैं, 49 प्रतिष्ठान आज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूपमें सर्टिफाइड हैं। उन्होंने कहाकि जनजातीय जनप्रतिनिधियों, जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले एनजीओ, रिसर्च इंस्टिट्यूट को इनका बहुत अच्छे से उपयोग करना चाहिए कि आदिवासी का स्वास्थ्य कैसे ठीक हो, उनमें न्यूट्रीशन की कमी को कैसे हल किया जाए, परंपरागत रोगों को कैसे दूर किया जाए और कैसे उन्हें सम्मान के साथ आत्मनिर्भर बनाया जाए, इन सारी चीजों को इस संस्थान और सेंटर फॉर एक्सीलेंस से ही आगे बढ़ा सकते हैं। अमित शाह ने कहाकि एकलव्य स्कूल केलिए 278 करोड़ रूपए का बजट था, जिसे इस साल के बजट में बढ़ाकर 1,418 करोड़ रूपए करने का काम हमने किया है, एकलव्य स्कूलों में खिलाड़ियों को तैयार करने की विशेष व्यवस्था की है जो यह बताता हैकि नरेंद्र मोदी सरकार कितनी बारीकी से चीजों को सोचती है। अमित शाह ने कहाकि आज सबसे ज्यादा जनजातीय सांसद भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार के हैं, सबसे ज्यादा जनजातीय मंत्री और नीतियां बनाने का गौरव भी हमको प्राप्त है।
गृहमंत्री ने कहाकि 2014 में छात्रवृत्ति पर 978 करोड़ रूपए खर्च किए जाते थे और अब 2,546 करोड रुपए खर्च किए जाते हैं, जनजातीय योजनाओं केलिए 2014 में 21,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए थे, जिन्हें 2021-22 में बढ़ाकर 86,000 करोड़ रूपए किया गया, इसमें से 93 प्रतिशत खर्च भी किया गया। अमित शाह ने कहाकि पिछली सरकारों में जनजातीय कल्याण की बातें तो होती थीं, लेकिन आदिवासी के घर में पानी, शौचालय तक नहीं था, स्वास्थ्य कार्ड नहीं था, कोई आवास योजना नहीं थी, किसान सम्मान निधि नहीं मिलती थी, आज हर घर जल योजना के तहत 1.28 करोड आदिवासी घरों में नल से जल पहुंच चुका है, 1.45 करोड़ आदिवासियों के घर में शौचालय है, 82 लाख जनजातीय परिवारों को आयुष्मान कार्ड दिया गया है। अमित शाह ने कहाकि पहलीबार स्ट्रक्चरल तरीके से देशभर की जनजातियों को, छोटी से छोटी जनजाति को समाहित करके, उनके कल्याण की योजना इस अनुसंधान केंद्र से बनेगी। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजीजू, जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता, जनजातीय कार्य एवं जलशक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडु और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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