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रक्षामंत्री ने वियतनाम को सौंपीं रक्षक नौकाएं

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की हाई फोंग में हांग हा शिपयार्ड यात्रा

भारत-वियतनाम केबीच कई और सहकारी रक्षा परियोजनाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 9 June 2022 03:46:23 PM

defense minister visits hong ha shipyard in hai phong

हनोई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाई फोंग में हांग हा शिपयार्ड की यात्रा के दौरान तीव्रगति की 12 रक्षक नौकाएं वियतनाम को सौंपीं। इन नौकाओं का निर्माण वियतनाम को भारत सरकार की 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट केतहत किया गया है। शुरुआत की पांच नौकाएं भारत में लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड में और सात अन्य नौकाएं हांग हा शिपयार्ड में बनाई गई थीं। रक्षामंत्री ने इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' का एक ज्वलंत उदाहरण बताया। रक्षामंत्री ने कहाकि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद इस परियोजना का सफल समापन होना भारतीय रक्षा विनिर्माण क्षेत्रके साथ-साथ हांग हा शिपयार्ड की प्रतिबद्धता एवं पेशेवर उत्कृष्टता का प्रमाण है।
राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त कियाकि यह परियोजना भविष्य में भारत तथा वियतनाम केबीच कई और सहकारी रक्षा परियोजनाओं केलिए अग्रदूत साबित होगी। रक्षामंत्री ने वियतनाम को बढ़ते हुए सहयोग के माध्यम से भारत के रक्षा औद्योगिक परिवर्तन का हिस्सा बनने केलिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहाकि भारतीय रक्षा उद्योग ने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण केतहत अपनी क्षमताओं में काफी वृद्धि की है। उन्होंने कहाकि इसका उद्देश्य भारत को एक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने केलिए एक घरेलू रक्षा उद्योग का निर्माण करना है, जो न केवल हमारी जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं पर भी खरा उतरता है।
रक्षामंत्री वियतनाम की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। हनोई में अपनी यात्रा के पहले दिन उन्होंने वियतनाम के रक्षामंत्री जनरल फान वान गियांग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने आपसी रक्षा सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से 2030 तक केलिए भारत और वियतनाम रक्षा सहयोग हेतु संयुक्‍त दृष्टिकोण पत्र पर हस्‍ताक्षर किए थे। रक्षामंत्री ने वियतनाम के राष्ट्रपति गुयेन जुआन फुक और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन से भी मुलाकात की। इस दौरान भारत और वियतनाम के वरिष्ठ सैन्य तथा असैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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