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Saturday 9 July 2022 12:54:54 PM
जिबूती। भारतीय नौसेना के कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस और रडार की पहुंच से बचने में सक्षम आईएनएस तरकश ने अपनी लंबी दूरी की विदेशी तैनाती के हिस्से के रूपमें जिबूती का दौरा किया और उसके बाद सूडान की नौसेना केसाथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। यह पोत ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में तैनात है, जिसका उद्देश्य भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूपमें दक्षिण अमरीका में तिरंगा फहराना है। रणनीतिक रूपसे महत्वपूर्ण बंदरगाह पर आईएनएस तरकश के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन अब्राहम सैमुअल ने जिबूती में भारत के राजदूत रामचंद्रन चंद्रमौली से मुलाकात की। गौरतलब हैकि भारतीय नौसेना अपने मिशन आधारित तैनाती सिद्धांत के हिस्से के रूपमें अदन की खाड़ी में निरंतर अपनी उपस्थिति बनाए रखती है।
आईएनएस तरकश ने 7 जुलाई को सूडान के नौसेना बेस के पास लाल सागर में सूडान नौसेना के जहाजों अल्माज (पीसी 411) और निमेर (पीसी 413) केसाथ समुद्री साझेदारी अभ्यास भी किया था। इस युद्धाभ्यास के दौरान दाव-पेंच, हेलीकॉप्टर से समुद्री जहाजों की पुनः पूर्ति के लिए उड़ान संचालन, यात्रा और बोर्ड संचालन तथा संचार प्रक्रियाएं शामिल थीं। साझेदारी अभ्यास से पेशेवर अनुभवों के आदान-प्रदान और दोनों देशों केबीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्राप्त हुआ। आईएनएस तरकश एक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म है और इसमें एक हथियार सेंसर फिट है, जो इसे अपने सामने आनेवाले खतरों से निपटने के सभी आयामों में सक्षम बनाता है। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान के संचालन कमान के तहत कार्य करता है।