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आज के युवा कल के इतिहास निर्माता-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति का माय होम इंडिया की ओर से युवा सम्मेलन में संबोधन

'युवा देश के विकास और उन्नति में अधिक से अधिक योगदान दें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 9 July 2022 05:06:39 PM

president's address at the youth conference on behalf of 'my home india'

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज नई दिल्ली में 'माय होम इंडिया' की ओर से आयोजित युवा सम्मेलन में हिस्सा लिया और उसे संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहाकि युवाओं केबीच आकर उन्हें अद्भुत ऊर्जा की अनुभूति होती है, युवा किसी भी देश का वर्तमान और भविष्य दोनों हैं, उनकी प्रतिभा और क्षमता देश को गौरवांवित करने में एक विशेष भूमिका निभाती है, इसे देखते हुए यह कहना उचित होगाकि आज के युवा कल के इतिहास निर्माता हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि यह हम सभी जानते हैंकि भारत में किशोर और युवाओं की संख्या संपूर्ण विश्व में सबसे अधिक है। उन्होंने कहाकि संयुक्तराष्ट्र जनसंख्या कोष के एक अनुमान के अनुसार भारत 2030 तक दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर रहेगा, इसे जनसांख्यिकीय विभाजन कहते हैं, यह स्थिति जिसे युवा उभार भी कहा जाता है, हमारे देश केलिए एक सुअवसर है, इसका लाभ लेने हेतु हमें सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने कहाकि यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि हमारे युवा देश के विकास एवं उन्नति में अधिक से अधिक अपना योगदान दें।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि हमारे देश का भविष्य युवाओं के उद्यम और दृढ़ संकल्प पर निर्भर करता है। उन्होंने कहाकि भारतीय नवजागरण के प्रबुद्ध व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद को भारत की युवा शक्ति पर अपार विश्वास था, युवाओं केलिए उनके शब्द आजभी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने सौ वर्ष पूर्व थे, उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करने केलिए कहा थाकि-उठो निडर बनो, मजबूत बनो, सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले लो और जान लोकि तुम अपने भाग्य के निर्माता खुद हो, आप जोभी ताकत और सहायता चाहते हैं, वह आपके भीतर है। राष्ट्रपति ने कहाकि संभवतः इसी भावना से प्रेरित होकर हमारे देश के युवा संपूर्ण विश्व में एक नई पहचान बना रहे हैं, भारतीय युवा अपनी शिक्षा एवं उद्यम से हर क्षेत्र में उच्चतम श्रेणी पर पहुंच चुके हैं, चिकित्सा, तकनीकी और प्रौद्योगिकी में भारतीय युवाओं ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि यह हम सभी केलिए एक बड़े गर्व की बात हैकि भारतीय युवाओं ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से कई स्टार्टअप की नींव रखी है, आज का युवा नौकरी मांगने नहीं, बल्कि रोज़गार का सृजन करने की राह पर है, यह बहुत महत्वपूर्ण हैकि युवा किसी तरह का कौशल प्राप्त करें और उस कौशल के आधार पर अपने करियर का चयन करें और आज का युग विशेषज्ञता का है, केवल तकनीक और विशेषज्ञता ही हमारे युवाओं को शीर्ष पर ले जा सकती हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर बतायाकि 29 जून 2022 तक भारत में 103 यूनिकॉर्न स्थापित किए गए हैं, जिनका कुल मूल्यांकन लगभग 336 अरब डॉलर है। उन्होंने कहाकि आज विश्व में हर 10 में से 1 यूनिकॉर्न भारत में है। उन्होंने कहाकि मई 2022 तक पूरे विश्व में 47 कंपनियों ने डेकाकॉर्न का दर्जा प्राप्त किया है, जिसमें चार भारतीय स्टार्ट-अप हैं और उनमें से तीन का संचालन युवा कर रहे हैं। उन्होंने कोविड-19 के दौरान भी भारत में यूनिकॉर्न की संख्या में बढ़ोतरी का उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहाकि इस महामारी ने वैश्विक स्तरपर बड़ी सामाजिक और आर्थिक पीड़ा का कारण बना है, लेकिन इस दौरान भी हमारे युवा उद्यमियों ने साहस और प्रतिभा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारे देश की संस्कृति और सभ्यता बहुत प्राचीन है और प्राचीनकाल से हमने विविधता में एकता के सिद्धांत को अपनाया है, भारत की भूमि हमेशा ही अपने आंचल में विभिन्न सभ्यताओं और परंपराओं को संवारती रही है।
राष्ट्रपति ने कहाकि हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में तत्कालीन युवाओं का असाधारण योगदान रहा है, देश में एक नई क्रांति लानेवाले भगत सिंह ने मात्र 23 साल की उम्र में देश केलिए शहादत हासिल की थी, जनजातीय समाज से जुड़े बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू भी युवा स्वतंत्रता संग्रामी थे, जिन्होंने हमारे आदिवासी भाई-बहनों को बहुत पहले ही देश के इस संग्राम से जोड़ दिया था और यह स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न धाराओं की ही शक्ति थी, जिसके बल पर आज हमसब आजादी के 75 साल मना रहे हैं। राष्ट्रपति ने इसपर अपनी प्रसन्नता व्यक्त कीकि 'माय होम इंडिया' अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता की भावना का प्रसार कर रहा है। उन्होंने युवाओं से कहाकि आज आप सबका इस सभा में एकत्रित होना अनेकता में एकता का स्वर्णिम प्रतीक है और यह उनपर ही निर्भर करेगाकि वे भविष्य में इस एकता को और मजबूत बनाएं। राष्ट्रपति ने कहाकि युवाओं में राष्ट्रवाद को लेकर जागरुकता पैदा करने केलिए युवा सम्मेलन एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने 'वन इंडिया' और 'कर्मयोगी' जैसे पुरस्कारों की स्थापना केलिए 'माय होम इंडिया' की सराहना की। उन्होंने बतायाकि यह एनजीओ कई सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय है, यह राष्ट्रीय एकता-अखंडता की भावना का संचार कर रहा है, इसके अतिरिक्त ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार हजारो बच्चों को उनके घर पहुंचाने जैसा महत्वपूर्ण कार्य भी करता आ रहा है।

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