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Thursday 25 August 2022 12:09:16 PM
ताशकंद। उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन के रक्षामंत्रियों ने दुनिया में फैलते आतंकवाद को ललकारा है। एससीओ के रक्षामंत्रियों की अहम बैठक में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठा, जिसमें भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने और इसके खतरों को खत्म करने का आह्वान किया है। रक्षामंत्री ने सभी प्रकार के आतंकवाद से लड़ने और क्षेत्रको शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं स्थिर बनाने के अपने संकल्प को दोहराया। रक्षामंत्री ने कहाकि सीमापार आतंकवाद सहित किसीभी रूपमें आतंकवाद, किसीके द्वारा और किसीभी उद्देश्य केलिए मानवता के खिलाफ बड़ा अपराध है, यह वैश्विक शांति और सुरक्षा केलिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है। राजनाथ सिंह ने कहाकि हम एससीओ सदस्य देशों केसाथ संयुक्त संस्थागत क्षमताओं को विकसित करना चाहते हैं, जो प्रत्येक देशकी संवेदनशीलता का सम्मान करते हुए व्यक्तियों, समाजों तथा देशों केबीच सहयोग की भावना पैदा करें।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ सदस्य राज्यों के रक्षा मंत्रालयों केलिए 'मानवीय सहायता एवं आपदा राहत-जोखिम शमन एवं आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा' विषय पर भारत में एक कार्यशाला की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने एससीओ देशों के रक्षा थिंक टैंकों केबीच 'रुचि के विषय' पर एक वार्षिक संगोष्ठी के आयोजन का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहाकि हम 2023 में भारत में इस तरह का पहला ऐसा रक्षा थिंक टैंक सेमिनार आयोजित करने का प्रस्ताव रखते हैं। राजनाथ सिंह ने एक शांतिपूर्ण सुरक्षित एवं स्थिर अफगानिस्तान केलिए भारत के पूर्ण समर्थन की बात कही, साथही यहांके आंतरिक मामलों में इसकी संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय एकता में हस्तक्षेप न करने पर जोर दिया। उन्होंने सभी पक्षों से अफगानिस्तान सरकार के अधिकारियों को बातचीत से राष्ट्रीय सुलह हासिल करने और देशमें एक व्यापक समावेशी तथा प्रतिनिधि राजनीतिक संरचना स्थापित करने केलिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस संबंध में संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के महत्व को भी रेखांकित किया।
राजनाथ सिंह ने कहाकि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह और प्रशिक्षण प्रदान करके तथा वित्तीय सहायता के माध्यम से उनकी गतिविधियों का समर्थन करके किसीभी देश को डराने या हमला करने केलिए अफगानिस्तान की ज़मीन का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया। यूक्रेन की स्थिति पर भारत की चिंता व्यक्त करते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि नई दिल्ली इस संकट को हल करने केलिए रूस और यूक्रेन केबीच वार्ता का समर्थन करती है, भारत यूक्रेन और उसके आसपास के मानवीय संकट को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहाकि हमने मानवीय सहायता प्रदान करने केलिए संयुक्तराष्ट्र महासचिव, संयुक्तराष्ट्र एजेंसियों और रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के प्रयासों केलिए अपना समर्थन प्रदान किया है। राजनाथ सिंह ने एससीओ देशों केसाथ भारत के सदियों पुराने संबंधों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बतायाकि संगठन के सदस्य देश क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि में सामान्य हितधारक हैं।
राजनाथ सिंह ने कहाकि बहुपक्षवाद में अटूट विश्वास के कारण भारत एससीओ देशों को उच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहाकि एससीओ सदस्य देशों केसाथ द्विपक्षीय रूपसे और संगठन के ढांचे के भीतर समानता, सम्मान और आपसी समझ के आधार पर संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। रक्षामंत्री ने एससीओ सदस्य देशों को अगले साल भारत आने केलिए आमंत्रित किया, जब नई दिल्ली उज्बेकिस्तान से संगठन की अध्यक्षता संभालेगी। उज़्बेक, कज़ाख और बेलारूसी समकक्षों केसाथ अपनी द्विपक्षीय बैठकों केबाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह किर्गिस्तान के रक्षामंत्री से मिले। रूसी रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु केसाथ बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह ने भारत में हमलों की योजना बना रहे एक आतंकवादी को मास्को में गिरफ्तार करने केलिए भारत की ओर से प्रशंसा की और धन्यवाद व्यक्त किया।