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Friday 26 August 2022 03:44:17 PM
नई दिल्ली। भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग की 12 वर्ष के अंतराल केबाद 38वीं मंत्रीस्तरीय बैठक नई दिल्ली में हुई, हालांकि इस दौरान संयुक्त नदी आयोग के प्रारूप केतहत दोनों पक्षों केबीच तकनीकी बातचीत जरूर हुई है। बैठक के पहले दोनों पक्षों के जल संसाधन सचिवों की 23 अगस्त को एक बैठक हो चुकी है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की, जबकि बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन राज्यमंत्री ज़हीद फ़ारूक़ ने किया। बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल में जल संसाधन उपमंत्री एकेएम इनामुल हक शमीमी भी शामिल थे। गौरतलब हैकि साझा, सीमावर्ती या सीमापार नदियों से जुड़े साझा हित वाले विषयों के समाधान केलिए द्विपक्षीय प्रणाली के रूपमें भारत-बांग्लादेश संयुक्त नदी आयोग का गठन 1972 में किया गया था।
भारत-बांग्लादेश की द्विपक्षीय बैठक के दौरान पहले से चल रहे तमाम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें दोनों देशों में मौजूद नदियों के जल को साझा करना, बाढ़ के आंकड़ों को साझा करना, नदी के प्रदूषण को रोकना, नदियों में गाद जमा होने, उसके प्रबंधन पर संयुक्त अध्ययन करना, नदियों के तटों की सुरक्षा केलिए कार्य करना आदि शामिल था। दोनों पक्षों ने कुशियारा नदी के पानी को अंतरिम तौरपर साझा करने केलिए समझौता ज्ञापन के मसौदे कोभी अंतिम रूप दिया। दोनों पक्षों ने त्रिपुरा में सबरूम टाउन की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति केलिए फेनी नदी से पानी लेने वाले स्थान तथा उसकी तकनीकी अवसंरचना के डिजाइन को अंतिम रूप दिए जाने का स्वागत किया। उल्लेखनीय हैकि इस बारेमें अक्टूबर 2019 में दोनों देशों केबीच समझौता ज्ञापन अस्तित्व में आया था।
भारत जिन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बांग्लादेश का सहयोग कर रहा है, उनमें बाढ़ के वास्तविक समय के आंकड़ों को साझा करना भी है। भारत ने हाल में अप्रत्याशित बाढ़ की परिस्थितियों से निपटने में बांग्लादेश की सहायता करने केलिए 15 अक्टूबर केबाद के बाढ़ आंकड़ों को साझा किया था। भारत और बांग्लादेश आपस में 54 नदियों को साझा करते हैं, जिनमें ऐसी सात नदियों को पहले ही चिन्हित कर लिया गया था, जिनके संबंध में जल के बंटवारे पर प्राथमिकता के आधार पर प्रारूप तैयार किया जाना है। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त कीकि पहले से जारी सहयोग के इस क्षेत्र को विस्तार दिया जाए, इसके संबंध में आंकड़ों के आदान-प्रदान केलिए आठ नदियों को और जोड़ दिया जाए। इस विषय पर संयुक्त नदी आयोग की तकनीकी समिति इस पर आगे चर्चा करेगी।