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Saturday 27 August 2022 02:16:44 PM
नई दिल्ली। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और लेव एयर नेवीगेशन सर्विसेज ऑफ स्वीडन ने नई दिल्ली में प्राधिकरण के कॉरपोरेट मुख्यालय में एक समझौता हस्ताक्षर किया है, जिसमें अगली पीढ़ी वाली सतत विमानन प्रौद्योगिकी को तैयार करने, उसे संचालित करने तथा स्मार्ट विमानन समाधानों की पड़ताल करने की क्षमताओं के मद्देनज़र भारत और स्वीड़न के दोनों वायु विमानन सेवा प्रदाता करीबी सहयोग करेंगे। इस समझौते से दोनों देशों केबीच विमानन विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी के द्विपक्षीय आदान-प्रदान का रास्ता खुलेगा, इसके जरिये भारतीय कंपनियां तेजीसे उन्नति करेंगी और स्वीडन के नवोन्मेष एवं विशेषज्ञता काभी लाभ उठाएंगी। समझौते के आलोक में वे आपसी हितोंके क्षेत्रोंमें सहयोग करने में सक्षम होंगी। एएआई के सदस्य (विमान परिचालन सेवा) एम सुरेश और एलएफवी स्वीडन के उप निदेशक मैगनस कोरेल ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
भारत और स्वीड़न ने वायु विमानन सेवा प्रदाता अगली पीढ़ी के स्मार्ट हवाई अड्डों के तेज विकास और सतत यातायात प्रणालियों के निर्माण की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए जिन तत्वों पर सहमति व्यक्त की है वे हैं-विमानन ज्ञान और तकनीकी स्थानांतरण कार्यक्रम का आदान-प्रदान, दोनों एजेंसियों में करीबी और मैत्रीपूर्ण रिश्तों को प्रोत्साहन, हवाई अड्डों पर तकनीकी सहयोग बढ़ाना, सुरक्षित संरक्षित सतत और कारगर विमानन सेक्टर के विकास को समर्थन, द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करने में रचनात्मक सहयोग। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव कुमार ने इस अवसर पर कारगर सुरक्षित संरक्षित और चिरस्थायी विमानन सेक्टर को मजबूत बनाने की दिशामें आपसी सहयोगकी पहल करने पर भारत सरकार और स्वीडन की सरकार को बधाई दी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष ने विश्वास व्यक्त किया हैकि एएआई और एलएफवी स्वीडन केबीच नागरिक विमानन के क्षेत्रमें आपसी आदान-प्रदान लंबे समय तक चलेगा।
स्वीडन के राजदूत क्लास मॉलिन ने भारत और स्वीडन केबीच लंबे सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि हम पहलेसे विस्तृत भारत-स्वीडन सहयोग को और आगे लेजाने का इरादा रखते हैं। उन्होंने कहाकि हमारे सहयोग में पहले सेही निरंतरता, स्वास्थ्य, नवाचार, ऊर्जा शामिल है तथा अब और उसमें नागरिक विमानन का क्षेत्रभी जुड़ गया है। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि इस समझौता ज्ञापन से स्वीडन और भारत को विमानन सेक्टर में जलवायु-स्मार्ट समाधानों की पड़ताल करने के अवसर मिलेंगे। स्वीडन में भारत के राजदूत तन्मय लाल ने उल्लेख कियाकि भारत-स्वीडन की साझेदारी ऊंचाइयों पर है, इस समझौता ज्ञापन में नएक्षेत्र शामिल हैं और इसके जरिए विमानन सेक्टरमें सुरक्षा, निरतंरता और दक्षता बढ़ानेमें प्रौद्योगिकीय सहयोग संभव होगा। उन्होंने कहाकि यह भारतमें तेजीसे विकसित होनेवाली क्षेत्रीय वायु कनेक्टीविटी के संदर्भ मेभी एक अहम कदम है।
भारत और स्वीडन की दोनों एजेंसियां एएआई और एलएफवी संयुक्त रूपसे हवाई यातायात प्रबंधन, हवाई यातायात नियंत्रण, स्थानीय नियंत्रण कक्षके अलावा अन्य स्थान से विमानपत्तन प्रबंधन और यातायात नियंत्रण, एयरस्पेस की डिजाइन और योजना, हवाई अड्डे की डिजाइन और अवसंरचना, डिजिटलीकरण किए हुए हवाई अड्डे और विमानन, क्षमता और प्रशिक्षण, चिरस्थायी हवाईअड्डे और विमानन पायलटों और उन्नयन केलिए सहयोग करेंगी। भारत और स्वीड़न के सहयोग में तेजी लाने और आपसी हितों वाले क्षेत्रों की प्राथमिकता तय करने केलिए एक संयुक्त कार्य समूह गठित किया जाएगा। यह समझौता भारत-स्वीडन केबीच निरतंरता, स्वास्थ्य सुविधा, नवाचार, ऊर्जा और अवसंरचना आदि क्षेत्रोंमें मौजूदा सहयोग के अलावा विमानन सेक्टर में दोनों सरकारों केबीच सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर स्वीडन के अवसंरचना मंत्रालय में राज्यमंत्री मेलिन सेडरफेल्ट ऑस्तबर्ग, एएआई, एलएफवी, स्वीडन राजदूतावास और बिजनेस स्वीडन-स्वीडिश ट्रेड एंड इंवेस्ट काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।