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Tuesday 6 December 2022 03:50:52 PM
नई दिल्ली। जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालीना बेयरबॉक के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने आज निर्वाचन सदन नई दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों अनूप चंद्र पांडेय एवं अरुण गोयल से मुलाकात की। जर्मनी की विदेश मंत्री केसाथ जर्मनी की सांसद आगनियेश्का ब्रगर, टॉमस अर्नडल, उलरिख लेश्ते, आंद्रियास लारेम, भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ फिलिप ऐकरमन और जर्मन विदेश विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस अवसर पर कहाकि लोकतंत्र की भावना भारत के ऐतिहासिक संदर्भ और परंपराओं में गहराई से बैठी है। भारत में चुनाव के दायरे का अवलोकन करते हुए उन्होंने जर्मन शिष्टमंडल को विस्तारपूर्वक बतायाकि कैसे भारत निर्वाचन आयोग 1.1 मिलियन मतदान केंद्रों पर 950 मिलियन से अधिक मतदाताओं केलिए व्यवस्था करता है, 11 मिलियन मतदान कर्मियों का इंतजाम किया जाता है, ताकि मुक्त निष्पक्ष समावेशी सुगम और भागीदारीपूर्ण चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराई जा सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहाकि आयोग हरस्तर पर राजनैतिक दलों की भागीदारी और दलों की पूरी जानकारी को सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहाकि लॉजिस्टिक की चुनौतियों केसाथ-साथ सोशल मीडिया पर फर्जी सामग्रियों के गलतफहमी फैलाने वाले असर सेभी निपटना पड़ता है, जिनके कारण मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव में बाधा आ सकती है, ऐसी गतिविधियां लगभग सभी चुनाव प्रबंधन निकायों केलिए चुनौती बन रही हैं। आयोग के तीनों वरिष्ठ पदाधिकारियों से बातचीत करते हुए जर्मनी की विदेश मंत्री ने भिन्न-भिन्न भौगोलिक स्थितियों, संस्कृतियों और मतदाताओं वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी प्रबंधन का इतना विशाल काम करने पर भारत निर्वाचन आयोग की प्रशंसा की।
जर्मनी की विदेश मंत्री को चुनावी प्रक्रिया में भारत निर्वाचन आयोग की इस्तेमाल की जानेवाली प्रौद्योगिकी से अवगत कराया गया, इसमें मतदाताओं की भागीदारी, राजनैतिक दलों और चुनावी प्रक्रिया सम्बंधी लॉजिस्टिक्स केबारे में जानकारी दी गई। ईवीएम-वीवीपैट की जानकारी देते समय उन्होंने खुद ईवीएम के जरिये मतदान करके देखा। विदेश मंत्री और जर्मनी के सांसदों ने ईवीएम मशीनों के उपयोग में कठोर प्रशासनिक प्रोटोकॉल, आवागमन, भंडारण, संचालन तथा प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। उन्हें बताया गयाकि इस पूरी गतिविधि में हर स्तरपर राजनैतिक दलों को संलग्न किया जाता है। भारत और जर्मनी, दोनों इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमॉक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिसटेंस स्टॉकहोम तथा कम्यूनिटी ऑफ डेमोक्रेसीस वारसॉ के सदस्य हैं।
भारत निर्वाचन आयोग लगातार प्रयासरत हैकि विदेश के चुनावी प्राधिकारियों केसाथ करीबी चुनावी सहयोग को प्रोत्साहित करे, लोगों केबीच संपर्क को मजबूत करने और लोकतंत्र सम्बंधी शिक्षा सहित नागरिक शिक्षा एवं साक्षरता को प्रोत्साहन देने के मद्देनज़र लोकतांत्रिक संस्थानों एवं प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करे। गौरतलब हैकि समिट फॉर डेमोक्रेसी के तत्वावधान में भारतीय निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पहले जनवरी 2023 में ‘यूज़ ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इलेक्शंस इंटेग्रिटी’ विषय पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन भी करेगा। इस दौरान जर्मनी के विदेश विभाग, नई दिल्ली में जर्मनी के दूतावास तथा भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।