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Wednesday 7 December 2022 05:12:22 PM
नई दिल्ली। भारत शासन-प्रशासन में उभरती चुनौतियों का सामना करने और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार केलिए सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के आश्वासन केलिए पड़ोसी देशों के लोकसेवकों की क्षमता का निर्माण कर रहा है। मालदीव के विभिन्न प्रवालद्वीपों की परिषदों के महासचिवों केलिए 18वां क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू हो चुका है। सुशासन केलिए राष्ट्रीय केंद्र ने 2024 तक मालदीव के 1,000 लोकसेवकों की क्षमता निर्माण केलिए मालदीव के लोकसेवा आयोग केसाथ हुए एक समझौते के तहत काम शुरू किया है, जिसपर 8 जून 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माले की राजकीय यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते केतहत देशों की जरूरतों और उनके कार्यांवयन पर विचार करने केबाद अनुकूलित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने केलिए एनसीजीजी एक नोडल संस्था है। अबतक भारत में मालदीव सरकार के स्थायी सचिवों सहित मालदीव लोकसेवा के 550 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की शुरुआत नोडल अधिकारी (प्रशिक्षण) प्रोफेसर पूनम सिंह की ओरसे क्षमता निर्माण कार्यक्रम की संरचना और शिक्षण का अनुकरण करने के तरीकों की जानकारी देने केसाथ हुई। एनसीजीजी के महानिदेशक भरत लाल ने इस अवसर पर नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में लोकसेवकों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने निर्णय लेने में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए भारत में विभिन्न कार्यक्रमों का उदाहरण दिया, जिसमें परिवर्तन लाने केलिए महिलाओं की अदम्य शक्ति का उपयोग किया गया। उन्होंने इसके कई उदाहरणों को साझा कियाकि कैसे अवसरों और एक सक्षम वातावरण केसाथ महिलाओं ने लोकसेवा वितरण और शासन में बड़ा परिवर्तन लाया है, कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की है, गांवों में जल, स्वच्छता, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्रमें महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने महासचिवों से अनुरोध कियाकि वे पर्यावरण की रक्षा, स्वच्छता में सुधार, बड़े पैमाने पर अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा की बचत और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखें।
एनसीजीजी के महानिदेशक ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'लाइफ-लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट' का मंत्र आगे बढ़ने का रास्ता है, सही अर्थों में यह एक पुन:स्थापन और जागरुक करने वाला कार्यक्रम है। महानिदेशक ने कहाकि अगले एक सप्ताह के दौरान भारत में नई सीख और अनुभव के संदर्भ में उन्हें इसबारे में सोचना चाहिएकि उभरती चुनौतियों से निपटने केलिए प्रवालद्वीपों के प्रशासन में और अधिक सुधार कैसे लाया जाए। प्रशिक्षण मॉड्यूल केतहत भारत में कीगई विभिन्न पहलें जैसे ई-शासन, डिजिटल इंडिया, सीपीग्राम्स, सतत विकास लक्ष्यों केलिए दृष्टिकोण, लोक स्वास्थ्य पहल और द्वीपों पर जल सुरक्षा सहित अन्य महत्वपूर्ण पहलों से प्राप्त सीख शामिल हैं। इसमें प्रधानमंत्री संग्रहालय, यूआईडीएआई कार्यालय, संसद आदि जैसे प्रमुख स्थानों का दौरा भी शामिल है, जहां प्रतिभागी ई-शासन से संबंधित सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को देखेंगे। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में मालदीव के लोकसेवकों और एनसीजीजी के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।