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राष्ट्रपति ने दिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार

प्रकृति और प्रगति के बीच संतुलन ही मानव कल्याण-राष्ट्रपति

'भारत पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 14 December 2022 05:47:01 PM

president gave national energy conservation award

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर आज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इस अवसर पर 'ईवी-यात्रा पोर्टल' का भी शुभारंभ किया, जिसे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने इन-व्हीकल नेविगेशन की सुविधा केलिए विकसित किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रकृति और विकास केबीच संतुलन बनाए रखने मेही मानव कल्याण निहित है। उन्होंने कहाकि यह सुनिश्चित करना हम सभी केलिए सर्वोच्च प्राथमिकता हैकि आनेवाली पीढ़ियां प्रदूषण मुक्त वातावरण में सांस ले सकें, अच्छी प्रगति करें और स्वस्थ जीवन जिएं। उन्‍होंने कहाकि स्वच्छ वातावरण में सांस लेना एक बुनियादी मानवाधिकार है और पर्यावरण की रक्षा करके हम अनेक मानवाधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों का सामना करते हुए ऊर्जा संरक्षण एक वैश्विक और राष्ट्रीय प्राथमिकता है, यद्यपि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन विश्व औसत के एक तिहाई सेभी कम है, फिरभी एक जिम्मेदार देशके रूपमें भारत पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि सीओपी-26 में भारत ने 'लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट' यानी पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली का संदेश दिया था, जिसमें विश्वसमुदाय से पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहाकि भारतीय संस्कृति और परंपरा में हमारी जीवनशैली हमेशा लाइफ के संदेश के अनुरूप रही है। उन्होंने कहाकि प्रकृति का सम्मान करना, प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद न करना और प्राकृतिक संपदा को बढ़ाने के उपाय करना ऐसी जीवनशैली का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहाकि भारत इस तरह की जीवनशैली को अपनाने की दिशामें विश्वसमुदाय को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
जी20 में भारत की अध्यक्षता का उल्‍लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि जी20 देश दुनिया की कुल जीडीपी में 85 प्रतिशत और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत का योगदान करते हैं, इसके अलावा दुनिया की 60 फीसदी आबादी भी जी20 देशों में निवास करती है। उन्होंने कहाकि भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान 'वसुधैव कुटुम्बकम' के आदर्श के अनुसार 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के विषय को अपनाया है और हम इसे विश्वपटल पर प्रचारित भी कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की उनकी नवीन सोच और कार्यप्रणाली केलिए सराहना की। उन्होंने कहाकि उनके नवाचारों का व्यापक रूपसे उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग प्रेरित हो सकें और पर्यावरण संरक्षण के नए तरीके विकसित कर सकें। राष्‍ट्रपति ने सभी से संकल्प लेने का भी आग्रह कियाकि हम जो कुछभी करेंगे वह हमेशा प्रकृति के पक्ष में होगा, प्रकृति के खिलाफ कभी नहीं होगा।

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