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Friday 16 December 2022 01:50:13 PM
नई दिल्ली। संयुक्तराष्ट्र ने भारत की पवित्र नदी गंगा को फिरसे जीवंत करने केलिए भारत सरकार की नमामि गंगे पहल को प्राकृतिक को पुनर्जीवित करने वाली विश्व की 10 शीर्ष बहाली फ्लैगशिप पहलों मेसे एकके रूपमें मान्यता दी है। नमामि गंगे पहल के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने विश्व बहाली दिवस पर कनाडा के मॉन्ट्रियल में जैव विविधता पर कंवेंशन के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन में यह सम्मान प्राप्त किया। नमामि गंगे पहल को दुनिया के 70 देशों की 150 से अधिक ऐसी पहलों में से चुना गया है, जिनको संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और संयुक्तराष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने समन्वित एक वैश्विक आंदोलन, संयुक्तराष्ट्र इकोसिस्टम बहाली दशक बैनर केतहत चयन किया गया था। इन्हें विश्व में प्राकृतिक स्थानों के क्षरण की रोकथाम और बहाली केलिए तैयार किया गया है। नमामि गंगे पहल सहित सभी मान्यता प्राप्त पहलें अब संयुक्तराष्ट्र की सहायता, वित्त पोषण एवं तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त करने की पात्र होंगी।
नमामि गंगे पहल के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने कहाकि नमामि गंगे को दुनिया की 10 शीर्ष इकोसिस्टम बहाली पहलों में मान्यता मिलना भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से नदी के इकोसिस्टम की बहाली के ठोस प्रयासों का प्रमाण है। उन्होंने उम्मीद जताईकि हमारे प्रयास दुनियाभर में इसी तरह के अन्य उपायों केलिए भी रोडमैप उपलब्ध कराते रहेंगे। जी अशोक कुमार ने इस अवसर पर मॉन्ट्रियल में यूएन डिकेड ऑन इकोसिस्टम रिस्टोरेशन यूथ टास्क फोर्स के आयोजित एक सत्र मेभी भाग लिया। भारत के 1.35 बिलियन लोगों एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आभार व्यक्त करते हुए जी अशोक कुमार ने विश्व बहाली फोरम संयुक्तराष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और खाद्य और कृषि संगठन को नमामि गंगे का शीर्ष 10 बहाली कार्यक्रम में चयन करके भारत को सम्मान प्रदान करने केलिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि यह हमारे लिए एक बहुतही अच्छा अवसर है, क्योंकि भारत ने जी20 समूह के राष्ट्रों की अध्यक्षता ग्रहण की है और अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करते समय हमारे प्रधानमंत्री ने वसुधैव कुटुम्बकम की सच्ची भावना में पर्यावरण की रक्षा केलिए अपनी प्रतिबद्धता से 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की भावना को मजबूत किया है।
जी अशोक कुमार ने बतायाकि नमामि गंगे पहल को वर्ष 2014 में शुरू किया गया था, जब नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी के कायाकल्प की आवश्यकता को पहचानने और नदी को स्वच्छ बनाने केलिए 5 बिलियन डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता केबाद प्रधानमंत्री के रूपमें पदभार संभाला था। उन्होंने कहाकि गंगा नदी भारत केलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत की 40 प्रतिशत आबादी, वनस्पतियों, जीवों की 2500 प्रजातियों और 8.61 बिलियन वर्ग किलोमीटर बेसिन का घर है, यह बेसिन 520 मिलियन से अधिक लोगों का भी घर है, गंगा नदी आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि यह हमारी परंपरा और सभ्यता से निकटता से जुड़ी हुई है और भारत के लोगों की आस्था, भावनाओं और सामूहिक चेतना की प्रतीक है। जी अशोक कुमार ने कहाकि एनएमसीजी ने एक समग्र और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाया है, जिसने नदी की पारिस्थितिकी और उसके स्वास्थ्य के व्यापक संरक्षण केलिए नवाचारी मॉडल पेश किए हैं। उन्होंने कहाकि हमारी परियोजनाओं को यह सुनिश्चित करने केलिए तैयार किया गया हैकि कोईभी बिना उपचार वाला जल सीवेज या औद्योगिक अपशिष्ट गंगा नदी में न बहे।
जी अशोक कुमार ने कहाकि नमामि गंगे पहल के ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप गंगा बेसिन में सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों के उपचार की क्षमता में काफी वृद्धि हुई है। जी अशोक कुमार ने कहाकि गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता और जैव विविधता में काफी सुधार हुआ है, जिससे डॉल्फ़िन, कछुओं, ऊदबिलाव, घड़ियाल और हिल्सा जैसी मछलियों की आबादी में बढ़ोतरी हुई है और बेसिन के 30,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में वनरोपण किया गया है। उन्होंने कहाकि नमामि गंगे पहल का एक अभिन्न घटक अर्थ गंगा भी है, जो गंगा नदी के किनारे रहनेवाले लोगों के सामाजिक और आर्थिक जुड़ाव को मजबूत बनाती है, इससे यह एक मिशन एवं जनांदोलन में बदल गई है, एचएएम और वन सिटी वन ऑपरेटर जैसी कई नवाचारी परियोजना प्रबंधन प्रथाओं के सफलतापूर्वक विकसित होने केसाथ एनएमसीजी देश-दुनिया में अन्य नदियों की सफाई केलिए भी रोडमैप तैयार कर रहा है। जी अशोक कुमार ने कहाकि नमामि गंगे पहल हमारे शीर्ष राजनीतिक अधिकारियों की पूर्ण प्रतिबद्धता से संचालित है, जो इतने बड़े पैमाने पर पर्यावरण बहाली कार्यक्रमों की सफलता केलिए आवश्यक है।
जी अशोक कुमार ने कहाकि नमामि गंगे केप्रति अटूट प्रतिबद्धता ऐसी हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में स्वयं राष्ट्रीय गंगा परिषद इसकी सूक्ष्मता से निगरानी कर रही है और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नियमित रूपसे इसकी समीक्षा करते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री को जो उपहार प्राप्त होते हैं, उनकी वार्षिक सार्वजनिक नीलामी की जाती है, इससे प्राप्त समस्त आय गंगा नदी को साफ करने के सरकारी प्रयास में सार्वजनिक योगदान को प्रोत्साहित करने केलिए विशेष रूपसे गठित स्वच्छ गंगा कोष में दे दी जाती है। जी अशोक कुमार ने इस पहल से युवाओं के जुड़ने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहाकि भारत सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है और हमें यह सुनिश्चित करने केलिए युवाओं और महिलाओं से जुड़ना होगाकि खराब जल प्रबंधन की समस्या का सही समाधान हो। उन्होंने कहाकि भारत में युवा और महिलाएं जल सुरक्षा के मुद्दों से भलीभांति परिचित हैं और उन्हें पानी का सम्मान करने केलिए प्रेरित किया जा रहा है। जी अशोक कुमार ने कहाकि सर्कुलर इकोनॉमी के हिस्से के रूपमें पानी की रिसाइकिलिंग पर बहुत जोर दिया जा रहा है और जैव विविधता के संरक्षण एवं झरनों की सुरक्षा करने केलिए कदम उठाए जा रहे हैं।
जी अशोक कुमार ने कहाकि युवा गंगा प्रहरी, गंगा दूत, गंगा क्वेस्ट आदि जैसे प्रशिक्षित, स्वैच्छिक कैडरों के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं, इन्होंने गंगा नदी की जैव विविधता की सुरक्षा केलिए एक जुनून के माध्यम से हमारे साथ शामिल होने का निर्णय लिया है। जी अशोक कुमार ने कहाकि गंगा बेसिन में इन स्वयंसेवकों का डॉल्फ़िन का बचाव करना ऐसा ही मामला है, जिसके परिणामस्वरूप नदी में जलीय प्रजातियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। जी अशोक कुमार ने कहाकि राफ्टिंग अभियान, साइक्लाथॉन, हैकथॉन, 'इग्नाइटिंग यंग माइंड्स: रिजुविनेटिंग रिवर' पर वेबिनार जैसी विभिन्न गतिविधियां युवा पीढ़ी को जोड़ने केलिए आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहाकि नमामि गंगे केतहत हम लोगों विशेष रूपसे युवाओं को शामिल करने की आवश्यकता के बारेमें जागरुक हैं। उन्होंने कहाकि नमामि गंगे पहल हमारे लिए न केवल एक प्रेरणा है, बल्कि युवाओं और अगली पीढ़ी केलिए एक बेहतर दुनिया छोड़ने के हमारे प्रयासों में पर्यावरण संरक्षण और बहाली के निमित्त मां गंगा को एक विनम्र भेंट है। जी अशोक कुमार ने कहाकि इन फ्लैगशिप कार्यक्रमों से हम बेहतर उत्पादन, पोषण, पर्यावरण और सभी केलिए बेहतर जीवन केलिए अपने इकोसिस्टम को बहाल करना सीख सकते हैं, ताकि कोई पीछे न छूटे।
यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक इंगर एंडरसन ने कहाकि नमामि गंगे पहल भारत में लाखों लोगों की जीवनरेखा गंगा को फिरसे जीवंत करने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है। संयुक्तराष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के महानिदेशक क्यू डोंग्यू ने कहाकि एफएओ, यूएनईपी केसाथ इकोसिस्टम की बहाली के संबंध में संयुक्तराष्ट्र के दशक के सहनेतृत्व के रूपमें 2022 विश्व बहाली फ्लैगशिप पहलों के रूपमें 10 सबसे अधिक महत्वाकांक्षी, दूरदर्शी, आशाजनक इकोसिस्टम बहाली पहलों को पुरस्कृत करते हुए बहुत खुश है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने पहले भी ग्लोबल वाटर इंटेलिजेंस, ग्लोबल वाटर अवार्ड्स 2019 में पब्लिक वाटर एजेंसी ऑफ द ईयर पुरस्कार प्राप्त किया है। नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया केसाथ सहनिर्मित गंगाः रिवर फ्राम द स्काइज एक डोक्यूमेंट्री है, जिसे तीन श्रेणियों सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र, सर्वश्रेष्ठ करंट अफेयर्स और सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक इतिहास एवं वन्यजीव कार्यक्रम केतहत एशियन अकादमी क्रिएटिव अवार्ड 2022 में पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।