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Wednesday 21 December 2022 12:56:31 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने संसद परिसर में सांसदों केलिए 'विशेष मिलेट्स लंच' आयोजित करके देश-दुनिया में मिलेट्स को बढ़ावा देने की पहल की है। वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाने की तैयारी की दृष्टि से इसमें उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के सभापति हरिवंश, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीरंजन चौधरी, राज्यसभा में सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मंत्रियों एवं राज्यसभा-लोकसभा सदस्यों ने शामिल होकर ज्वार, बाजरा, रागी जैसे पोषक अनाज से तैयार व्यंजनों का स्वाद लिया और दिल खोलकर इनकी तथा समग्र आयोजन की तारीफ की एवं मिलेट्स ईयर का स्वागत किया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे ने इस अवसर पर सभी का आत्मीय स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल तथा भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्तराष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है, जिसे देशभर के साथही वैश्विकस्तर पर उत्साह केसाथ मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जोरों पर चल रही है, अब जबकि भारत 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष' के रूपमें मनाने की तैयारी कर रहा है। अपने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहाकि अब जबकि हम 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूपमें मनाने की तैयारी कर रहे हैं, मैं संसद में एक शानदार दोपहर के भोजन में शामिल हुआ, जहां मिलेट्स से तैयार व्यंजन परोसे गए। उन्होंने कहाकि इसमें दलगत भावना से हटकर हुई भागीदारी को देखकर अच्छा लगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, मिलेट्स की मांग और स्वीकार्यता बढ़ाने के उद्देश्य से इसके विषय में जागरुकता के प्रसार केलिए सभी केसाथ मिलकर अनेक कदम उठा रहा है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैंकि हमारे प्राचीन पोषक अनाज को भोजन की थाली में पुनः सम्मानजनक स्थान मिले, साथही यह पहल दीर्घकाल में मिलेट्स की खेती करने वाले किसानों को लाभकारी प्रतिफल सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहाकि यह उत्सवीय वर्ष मनाने की पूर्व तैयारी के मद्देनजर मिलेट्स से बने सुस्वादु व्यंजनों केसाथ संसद परिसर में सहभोज का आयोजन किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के सान्निध्य में मंत्रियों-सांसदों सहित दोनों सदनों में विभिन्न दलों के नेताओं ने मिलेट्स का स्वादानुभव किया। लंच में भारतीय पोषक-अनाज से बनाए गए विभिन्न प्रकार के शानदार व्यंजनों को प्रदर्शित करने केलिए क्यूरेटेड मिलेट्स आधारित बुफे के तहत कई आयटम्स परोसी गई। संसद के प्रांगण को मिलेट्स आधारित रंगोली से खूबसूरती से सजाया गया था और देशभर की प्राथमिक पोषक अनाज फसलों को यहां प्रदर्शित किया गया, जिसका अवलोकन उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री ने किया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और संबंधित हितधारकों ने अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष केलिए विभिन्न प्रचार कार्यक्रमों का एक चित्र कोलाज भी यहां प्रदर्शित किया है। कर्नाटक एवं राजस्थान के रसोइयों के समूहों ने आयोजन केलिए विभिन्न व्यंजन बनाएं। गौरतलब हैकि संयुक्तराष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने हाल हीमें रोम में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष का शुभारंभ समारोह किया था। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ था। मिलेट्स प्राचीन एवं शुष्क भूमि की महत्वपूर्ण फसलें हैं। छोटे दानेवाली इन अत्यधिक पौष्टिक अनाज खाद्य फसलों को कम वर्षा में सीमांत मिट्टी या कम उपजाऊ मिट्टी व उर्वरक तथा कीटनाशक जैसे इनपुट की कम मात्रा में उगाया जाता है। मिलेट्स का मूल भारत है, जिनकी पोषक अनाज केरूप लोकप्रियता रही है, क्योंकि सामान्य कामकाज केलिए ये आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। मिलेट्स एशिया एवं अफ्रीका में कृषि के रूपमें अपनाई जानेवाली पहली फसल थी, जो बादमें विश्वभर में विकसित सभ्यता केलिए महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत के रूपमें फैल गई।