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Sunday 29 January 2023 01:35:03 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में वार्षिक एनसीसी पीएम रैली को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान एनसीसी के 75 सफल वर्षों के उपलक्ष्य में विशेष डे कवर और 75 रुपये मूल्यवर्ग का विशेष रूपसे ढाला हुआ एक स्मारक सिक्का जारी किया। एनसीसी की कन्याकुमारी से दिल्ली-एकता की मशाल को प्रधानमंत्री को सौंपकर करियप्पा मैदान में प्रज्ज्वलित की गई। रैली को दिन और रात के हाइब्रिड कार्यक्रम के रूपमें आयोजित किया गया, जिसमें 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ। वसुधैव कुटुम्बकम की सच्ची भारतीय भावना में 19 अन्य देशों के 196 अधिकारियों और कैडेट्स को समारोह में भाग लेने केलिए आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहाकि देश और एनसीसी दोनों इस वर्ष अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने उन लोगों के प्रयासों की प्रशंसा की, जिन्होंने एनसीसी का नेतृत्व करके और इसका हिस्सा बनकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है। इस वर्ष एनसीसी अपनी स्थापना का 75वां वर्ष मना रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैडेट्स से कहाकि एनसीसी कैडेट और राष्ट्र के युवा दोनों के रूपमें वे देश की 'अमृत पीढ़ी' का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो आनेवाले 25 वर्ष में देशको नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने 60 दिन तक रोजाना 50 किलोमीटर की दूरी तय करके कन्याकुमारी से दिल्ली तक का सफर पूरा करने केलिए एकता की मशाल केलिए कैडेट्स की सराहना की और कहाकि इस मशाल और सांस्कृतिक कार्यक्रम ने 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को मजबूत किया है। प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस परेड में एनसीसी कैडेट्स के भाग लेने का जिक्र करते हुए पहलीबार कर्तव्यपथ पर होनेवाली परेड की विशेषता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स को राष्ट्रीय समर स्मारक, पुलिस स्मारक, लाल किले में नेताजी सुभाषचंद्र बोस संग्रहालय, प्रधानमंत्री संग्रहालय, सरदार पटेल संग्रहालय और डॉ भीमराव अंबेडकर संग्रहालय जैसे स्थानों का दौरा करने काभी सुझाव दिया, ताकि वे जीवन में आगे बढ़ने केलिए प्रेरणा और प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें। प्रधानमंत्री ने एक राष्ट्र को संचालित करनेवाली प्रमुख ऊर्जा के रूपमें युवाओं की प्रमुखता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि जब सपने संकल्प में बदलते हैं और उसके प्रति जीवन समर्पित किया जाता है तो सफलता सुनिश्चित होती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह केवल भारत का अमृतकाल नहीं है, बल्कि भारत के युवाओं का अमृतकाल है और जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा तो वे युवा ही होंगे, जो सफलताओं के शिखर पर होंगे। उन्होंने कहाकि हमें कोई अवसर नहीं गंवाना चाहिए और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जानेके संकल्प केसाथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के युवाओं केलिए ये समय नए अवसरों का समय है, हर जगह यह स्पष्ट हैकि भारत का समय आ गया है, दुनिया भारत की ओर देख रही है और यहसब भारत के युवाओं के कारण है। प्रधानमंत्री ने जी20 अध्यक्षता केलिए युवाओं के उत्साह पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि जब देश युवाओं की ऊर्जा और उत्साह से भरा होता है तो उस देश की प्राथमिकता हमेशा उसके युवा ही होंगे। प्रधानमंत्री ने युवाओं केलिए एक मंच प्रदान करने केलिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, जो उन्हें उनके सपनों को हासिल करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश के युवाओं केलिए विभिन्न क्षेत्रों को खोला जा रहा है, चाहे वह डिजिटल क्रांति हो, स्टार्टअप क्रांति हो या इनोवेशन क्रांति इन सबका सबसे बड़ा लाभ भारत के युवाओं को ही तो हो रहा है। उन्होंने रक्षा क्षेत्रमें सुधारों पर प्रकाश डालते हुए बतायाकि असॉल्ट राइफलें और बुलेट प्रूफ जैकेट भी भारत में आयात किए जाते थे, लेकिन वर्तमान में भारत सैकड़ों रक्षा उपकरणों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने तेजीसे हो रहे सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के काम कोभी रेखांकित किया और कहाकि यह भारत के युवाओं केलिए अवसरों और संभावनाओं की एक नई दुनिया खोलेगा।
प्रधानमंत्री ने युवाओं की क्षमताओं पर भरोसा करने के सकारात्मक परिणामों के उदाहरण के रूपमें भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति के बारेमें जानकारी दी। उन्होंने कहाकि जैसेही युवा प्रतिभाओं केलिए अंतरिक्ष क्षेत्र के दरवाजे खुले, पहले निजी उपग्रह के प्रक्षेपण जैसे शानदार परिणाम प्राप्त हुए, इसी तरह गेमिंग और एनिमेशन क्षेत्र भारत के प्रतिभाशाली युवाओं केलिए अवसरों का विस्तार कर रहा है, ड्रोन तकनीक का लाभ मनोरंजन, लॉजिस्टिक्स से लेकर कृषि तक नए क्षेत्रों को भी होरहा है। रक्षा बलों और एजेंसियों केसाथ जुड़ने की युवाओं की आकांक्षा के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि यह विशेष रूपसे देश की बेटियों केलिए अपार संभावनाओं का समय है। उन्होंने कहाकि 8 वर्ष में पुलिस और अर्धसैनिक बलों में महिलाओं की संख्या दोगुनी हुई है, सीमाओं पर तीनों सेनाओं की महिलाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने नौसेना में नाविकों के रूपमें महिलाओं की पहली भर्ती की घोषणा की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि महिलाओं ने सशस्त्र बलों में लड़ाकू भूमिकाओं में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि महिला कैडेट्स के पहले बैच ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे में प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। उन्होंने उल्लेख कियाकि 1500 लड़कियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश दिया गया है, क्योंकि इन स्कूलों को पहलीबार छात्राओं केलिए खोला गया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि एनसीसी ने भी पिछले एक दशक में महिलाओं की भागीदारी में लगातार वृद्धि देखी गई है। उन्होंने युवा शक्ति की ताकत पर प्रकाश डालते हुए बतायाकि देश के सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों से एक लाख से अधिक कैडेट्स को नामांकित किया गया है और विश्वास व्यक्त कियाकि यदि इतनी बड़ी संख्या में युवा राष्ट्र के विकास केलिए एक साथ आते हैं तो कोईभी उद्देश्य अजेय नहीं रहेगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि कैडेट व्यक्तिगत और एक संस्था के रूपमें राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका का विस्तार करेंगे। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता संग्राम के समय देश केलिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देने का मार्ग अपनाया था, लेकिन आज देश केलिए जीने का जज्बा ही देश को नई ऊंचाईयों तक ले जाता है। प्रधानमंत्री ने मतभेद पैदा करने और लोगों केबीच खाई पैदा करने के प्रयासों के खिलाफ कड़ी चेतावनी भी दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि मतभेद पैदा करने के इस तरह के प्रयासों के बावजूद भारत के लोगों केबीच कभी मतभेद पैदा नहीं होंगे। उन्होंने कहाकि 'मां के दूध में कभी दरार नहीं हो सकती', एकता का यह मंत्र परम औषधि है। एकता का मंत्र संकल्प भी है और भारत की ताकत भी है, यही एकमात्र तरीका है, जिससे भारत भव्यता हासिल करेगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरिकुमार, वायुसेना अध्यक्ष और रक्षा सचिव गिरधर अरमाने भी इस अवसर पर उपस्थित थे।