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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मिले आदिवासी समूह

द्रौपदी मुर्मु आदिवासियों की असाधारण क्षमता का गौरव-मुंडा

राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किए गए देश के जनजातीय समूह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 13 June 2023 03:10:31 PM

tribal groups met president draupadi murmu

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देश के 75 विशेष रूपसे कमजोर आदिवासी समूह के सदस्यों को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया और मुलाकात के दौरान उन्हें जनजातीय मामलों के मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं एवं पहलों से अवगत कराया। राष्ट्रपति भवन में प्रेसिडेंट स्टेट के खेल मैदान में आदिवासियों की यह विशेष बैठक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से की गई पहली पहल थी। इस अवसर पर जनजातीय समूह के सदस्यों को अमृत उद्यान और राष्ट्रपति भवन का भ्रमण भी कराया गया। बिहार के मल पहाड़िया, गुजरात के सिद्दी, केरल के इरुला, राजस्थान के सहरिया, मध्य प्रदेश के बैगा परधौनी और ओडिशा के बुदिगली ने शानदार प्रस्तुतियों से आयोजित कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें राष्ट्रपति भवन में आदिवासी समूह के सदस्यों से मिलकर बहुत खुशी हुई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में उनका स्वागत किया और कहाकि उनमें से कई पहलीबार अपने गांव से बाहर आए हैं और उनमें से प्रत्येक अपने समुदाय का प्रतिनिधि है। उन्होंने आदिवासी सदस्यों से अपने समुदाय के सदस्यों केसाथ यहां बिताए अनुभवों को साझा करने और उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं केबारे में सूचित करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहाकि आदिवासी समाज के लोगों ने मातृभूमि और उसकी प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक संपदा की रक्षा केलिए बलिदान दिया है। उन्‍होंने कहाकि सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए हम सभी आदिवासी समाज से सीख सकते हैं, यह सभी नागरिकों विशेष रूपसे विशेष रूपसे कमजोर जनजातीय समूह सहित जनजातीय लोगों का कर्तव्य और आकांक्षा हैकि वे अपनी पहचान बनाए रखते हुए और अपने अस्तित्व की रक्षा करते हुए उनका विकास सुनिश्चित करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि विशेष रूपसे कमजोर जनजातीय समूह के सदस्य हमारे देश के समावेशी विकास के सफर में बढ़ते रहेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विशेष रूपसे कमजोर जनजातीय समूह के सदस्यों से शिक्षा को अत्यधिक महत्व देने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि इन समुदायों के विद्यार्थियों केलिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में सीटों का विशेष प्रावधान किया गया है, इसके अलावा नेशनल फेलोशिप और ओवरसीज स्कॉलरशिप स्कीम में भी उनके लिए सीटें आरक्षित हैं। उन्होंने विशेष रूपसे कमजोर जनजातीय समूह की महिलाओं से जनजातीय महिला अधिकारिता योजना सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहाकि जनजातीय उपयोजना केतहत भारत सरकार के 41 मंत्रालय और विभाग विशेष रूपसे कमजोर जनजातीय समूह सहित जनजातीय समुदायों के कल्याण केलिए अपने बजट का हिस्सा साझा करते हैं। उन्होंने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हैकि पीवीटीजी के विकास केलिए सरकार ने 'प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन' शुरू किया है।
राष्ट्रपति ने कहाकि वर्तमान बजट में वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन केलिए घोषित अभियान एक बहुतही महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति ने कहाकि विगत कुछ वर्ष से आदिवासी समुदाय के प्रतिभाशाली लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान केलिए पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने कहाकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु देश की अनुसूचित जनजातियों की असाधारण क्षमता का गौरवपूर्ण अवतार हैं। उन्होंने कहाकि हमारा ध्यान जनजातीय विकास और कल्याण केलिए योजनाओं को लागू करते समय पीवीटीजी को अधिक से अधिक लाभार्थियों के रूपमें शामिल करना है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय कार्य मंत्रालय अपनी विभिन्न योजनाओं से न केवल जनजातीय समुदायों को उनके विकास केलिए संसाधनों का उपयोग करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उनके बेहतर कल केलिए इन योजनाओं के बारेमें जागरुकता भी पैदा करता है। अर्जुन मुंडा ने कहाकि इस प्रयास में हम जनजातीय समुदायों के समग्र विकास केलिए योजनाओं का कुशलतापूर्वक प्रबंधन कर रहे हैं।
जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहाकि सरकार ने बीते नौ वर्ष में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के इरादे से काम किया है। उन्होंने टिप्पणी कीकि सरकार ने नागरिक केंद्रित नीतियां और कार्यक्रम बनाकर समाज के हाशिए पर खड़े नागरिकों केलिए काम किया है, उन्हें सबसे आगे लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहाकि आदिवासी क्षेत्रों में 400 से अधिक ईएमआरएस स्कूल खोले जा चुके हैं और इन स्कूलों में आदिवासी समाज के एक लाख दस हजार से अधिक छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। एनसीएसटी के अध्यक्ष हर्ष चौहान, जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरूता, राज्यमंत्री बिशेश्वर टुडू और ट्राइफेड के अध्यक्ष रामसिंह राठवा भी उपस्थित थे। राष्ट्रपति केसाथ पीवीटीजी समुदाय का समूह फोटो सत्र भी हुआ। पीवीटीजी के मेहमानों ने राष्ट्रपति भवन के खेल मैदान में हाई टी और डिनर का आनंद लिया। राष्ट्रपति भवन में ऐतिहासिक कार्यक्रम में 75 पीवीटीजी का प्रतिनिधित्व लगभग 1350 जनजाति सदस्यों ने किया।

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