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Tuesday 5 September 2023 11:32:14 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और मेटा केबीच 3 साल की साझेदारी 'शिक्षा से उद्यमिता: छात्रों, शिक्षकों और उद्यमियों की एक पीढ़ी का सशक्तिकरण' की शुरुआत की है। मेटा और एनआईईएसबीयूडी, एआईसीटीई और सीबीएसई केबीच 3 आशय पत्रों का आदान-प्रदान किया गया। शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर कहाकि यह पहल भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने और हमारी अमृत पीढ़ी को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने केलिए है।
शिक्षा मंत्री ने कहाकि 'एजुकेशन टू एंटरप्रेन्योरशिप' साझेदारी एक गेम चेंजर है, जो डिजिटल स्किलिंग को जमीनी स्तर तक ले जाएगी, यह हमारे प्रतिभा पूल की क्षमताओं का निर्माण करेगा, छात्रों, युवाओं, कार्यबल और सूक्ष्म-उद्यमियों को भविष्य की प्रौद्योगिकियों केसाथ सहजता से जोड़ेगा और हमारी अमृत पीढ़ी को नए युग के समस्या समाधानकर्ताओं एवं उद्यमियों में बदल देगा। उन्होंने कहाकि भारत के लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और विविधता को प्रौद्योगिकी रूपांतरण से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि प्रौद्योगिकी पूरे समाज केलिए समतुल्य बन जाए। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सिद्धांतों से प्रेरित होकर एनआईईएसबीयूडी, सीबीएसई और एआईसीटीई केसाथ मेटा की साझेदारी हमारी आबादी को महत्वपूर्ण डिजिटल कौशल से लैस करने और सूक्ष्म उद्यमियों और छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने केलिए अनंत संभावनाओं को उत्प्रेरित करेगी। राजीव चंद्रशेखर ने तेजी से बदलते समय में हमारे युवाओं और कार्यबल को सफल होने और प्रौद्योगिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के उभरते परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने केलिए कौशल से लैस करने केलिए तैयार करने पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला।
राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहाकि डिजिटल कौशल, नवाचार इको-सिस्टम में कौशल और उद्यमिता का प्रतिनिधित्व करते हुए अधिक महत्वपूर्ण रूपसे लाखों छोटे ग्रामीण, सूक्ष्म और स्व-रोज़गार उद्यमियों केबीच एक पुल का प्रतिनिधित्व करता है, जो उन्हें विस्तारित करने, विकसित और सफल होने में सक्षम बनाता है। एक वीडियो संदेश में मेटा के ग्लोबल अफेयर्स अध्यक्ष सर निक क्लेग ने कार्यबल के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शिक्षा और कौशल केबीच साझेदारी को एकसाथ लाने में उनके समर्थन केलिए धर्मेंद्र प्रधान को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि भारत का प्रतिभा आधार और तेजीसे डिजिटल अपनाना इसे उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश करने केलिए एक आदर्श स्थान बनाता है। उन्होंने कहाकि वे भारत के छात्रों, युवाओं और उद्यमियों को सशक्त बनाने में मेटा के योगदान की आशा करते हैं, जिसमें भारतीय स्टार्टअप और व्यवसायों केलिए कौशल विकास पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया जा रहा है। सर निक क्लेग ने शिक्षा, रोज़गार सृजन, कौशल विकास और उपयोगकर्ता सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत केसाथ मिलकर काम किया है।
राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान केसाथ साझेदारी केतहत अगले 3 वर्ष में 5 लाख उद्यमियों को मेटा द्वारा डिजिटल मार्केटिंग कौशल तक पहुंच मिलेगी। शुरुआत में उभरते और मौजूदा उद्यमियों को 7 क्षेत्रीय भाषाओं में मेटा प्लेटफॉर्म का उपयोग करके डिजिटल मार्केटिंग कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा। साझेदारी के बारेमें विवरण पर प्रकाश डालते हुए तीन लघु फिल्में भी प्रदर्शित की गईं। उच्चशिक्षा विभाग के सचिव के संजय मूर्ति, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुलकुमार तिवारी, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम, एनएएसी के राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम एनबीए के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा और मंत्रालयों, एआईसीटीई, सीबीएसई, राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी, मेटा के भारत और दक्षिण एशिया की सार्वजनिक नीति के निदेशक शिवनाथ ठुकराल और मेटा इंडिया की उपाध्यक्ष संध्या देवनाथन भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं।