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Friday 8 September 2023 11:54:34 AM
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की गति शक्ति यूनिवर्सिटी वडोदरा और एयरबस ने भारतीय विमानन क्षेत्र को और मजबूत करने केलिए एक समझौता किया है। इस संदर्भ में नई दिल्ली के रेल भवन में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया रेमी मेलार्ड और कुलपति गति शक्ति विश्वविद्यालय प्रोफेसर मनोज चौधरी केबीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे, जो गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं। गौरतलब हैकि हाल ही में वडोदरा में एयरबस और टाटा ने भी भारत में सी-295 विमान का डिजाइन, नवाचार, निर्माण और विकास केलिए एक साझेदारी की घोषणा की थी। एयरबस दुनिया में वाणिज्यिक विमानों का सबसे बड़ा निर्माता है और हेलीकॉप्टरों, रक्षा एवं अंतरिक्ष उपकरणों का एक प्रमुख निर्माता है।
एयरबस कंपनी का भारत केसाथ ऐतिहासिक संबंध है। कंपनी भारत को एक विश्वस्तरीय वाणिज्यिक विमानन केंद्र और प्रतिभा और संसाधनों के केंद्र के रूपमें देखती है। एयरबस देश में पूरी तरह से एकीकृत विमान विनिर्माण व्यवसाय प्रणाली विकसित करने केलिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण केलिए प्रतिबद्ध है। मेक इन इंडिया सिद्धांत एयरबस की व्यावसायिक रणनीति के मूल में है और कंपनी धीरे-धीरे वैश्विक विनिर्माण में देश के योगदान को बढ़ा रही है। अश्विनी वैष्णव ने कहाकि जीएसवी प्रबल उद्योग-अकादमिक साझेदारी पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा, इसके सभी कोर्स उद्योग के सहयोग से तैयार किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि जीएसवी में अध्ययन करने वाले छात्र उद्योग केलिए तैयार होंगे, परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में रोज़गार केलिए उनकी अत्यधिक मांग होगी, एयरबस केसाथ यह समझौता ज्ञापन इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एयरबस इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रेमी मेलार्ड ने कहाकि एक कंपनी के रूपमें जोकि भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने केलिए प्रतिबद्ध है, हम मानव पूंजी विकास में निवेश करने की अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। उन्होंने कहाकि गति शक्ति विश्वविद्यालय केसाथ हुई यह साझेदारी देश में कुशल कार्यबल की एक मजबूत तंत्र विकसित करेगी, जो भविष्य में अपने देश में तेजीसे बढ़ते एयरोस्पेस क्षेत्र की सेवा केलिए तैयार होगी। रेमी मेलार्ड ने कहाकि यह उद्योग-शैक्षणिक साझेदारी नियमित छात्रों और कामकाजी पेशेवरों केलिए क्षेत्र-प्रासंगिक कौशल पाठ्यक्रमों एवं कार्यक्रमों, संकाय केलिए संयुक्त अनुसंधान एवं औद्योगिक अनुभव, छात्रों केलिए इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के सह-विकास और सह-वितरण को सक्षम बनाएगा। रेमी मेलार्ड ने कहाकि यह उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरुप छात्रों केलिए नौकरी के अवसर उत्पन्न करेगा। रेमी मेलार्ड ने कहाकि उम्मीद हैकि एयरबस भारतीय परिचालन में 15,000 छात्रों को नौकरियों के अवसर प्रदान करेगा।
गति शक्ति विश्वविद्यालय वडोदरा की स्थापना 2022 में संसद के एक अधिनियम द्वारा पूरे परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों केलिए सर्वश्रेष्ठ श्रेणी की जनशक्ति एवं प्रतिभा का निर्माण करने केलिए किया गया था। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है और रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव इसके पहले कुलपति हैं। परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों पर विशेष रूपसे ध्यान केंद्रित करते हुए जीएसवी अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है, इसका उद्देश्य रेलवे, शिपिंग, बंदरगाहों, राजमार्गों, सड़कों, जलमार्गों और विमानन आदि में राष्ट्रीय विकास योजनाओं (पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022) के जनादेश को पूरा करना है।
भारतीय रेलवे के सभी केंद्रीकृत प्रशिक्षण संस्थानों के मांग संचालित पाठ्यक्रम और अत्याधुनिक अवसंरचना का लाभ उठाते हुए जीएसवी प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, प्रबंधन एवं नीति में पेशेवरों का एक संसाधन पूल तैयार करेगा, जिसमें बहु-विषयक शिक्षण (स्नातक/ मास्टर/ डॉक्टरेट), कार्यकारी प्रशिक्षण और अनुसंधान शामिल हैं। जीएसवी रेलवे परिवीक्षाधीनों और सेवारत अधिकारियों को प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान करेगा। जीएसवी एक उद्योग संचालित और नवाचार आधारित विश्वविद्यालय है, इस कारण वह पहले सेही दुनिया के अग्रणी संस्थानों और उद्योगों केसाथ कई प्रकार के सहकार्यों में शामिल है। इस कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जया वर्मा सिन्हा और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।