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Wednesday 20 September 2023 12:31:04 PM
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने अपने पूर्व सेनाध्यक्ष और पंजाब के राज्यपाल रहे जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स की स्मृति में उनके 90वें जन्मदिन पर नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में पहले 'जनरल एसएफ रोड्रिग्स स्मारक व्याख्यान' का आयोजन किया। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने व्याख्यान में मुख्य भाषण देते हुए जनरल रोड्रिग्स के सेनाप्रमुख के रूपमें की गई प्रमुख सैन्य पहलों को याद किया। उन्होंने प्रकाश डालाकि मेडिकल कोर के अलावा अन्य विभागों में महिला अधिकारियों को शामिल करना वर्ष 1992 में पहलीबार शुरू हुआ, जब जनरल रोड्रिग्स थल सेनाध्यक्ष थे।
सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडेय ने कहाकि थलसेना में वर्तमान में महिला अधिकारियों की संख्या 1700 से अधिक है, जिनमें से 740 महिलाओं को स्थायी कमीशन प्रदान किया जा चुका है और 114 महिलाओं को कमांड के कार्य केलिए स्वीकृति प्रदान की गई है एवं अन्य रैंकों में हमारे पास सैन्य पुलिस कोर में नियमित कैडर में 100 से अधिक महिलाएं शामिल हैं और 100 नवनियुक्त महिलाओं को अग्निवीरों के रूपमें शामिल किया गया है। जनरल मनोज पांडेय ने यह भी याद कियाकि जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने संयुक्तराष्ट्र के अंतर्गत विभिन्न सैन्य कार्यों में भारतीय सेना की उपस्थिति को प्रोत्साहित किया था, यह उनके प्रयासों का परिणाम थाकि संयुक्तराष्ट्र मिशनों में भारतीय सेना के जवानों की सदस्यता वर्ष 1991 में मात्र आठ कर्मियों से बढ़कर वर्ष 1992 में 1000 और 1993 में 6300 हो गई थी।
जनरल मनोज पांडेय ने उल्लेख कियाकि संयुक्तराष्ट्र मिशन में वर्तमान में भारतीय सैनिकों की संख्या लगभग 6000 से अधिक है, जिन्हें दुनियाभर में 11 मिशनों में तैनात किया गया है। इसके बाद सेना प्रशिक्षण कमान के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने 'युद्ध और गोलाबारी के बदलते स्वरूप' विषय पर व्याख्यान दिया। गौरतलब हैकि जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स का जन्म वर्ष 1933 में मुंबई में हुआ था और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल से की थी। जनरल रोड्रिग्स वर्ष 1949 में संयुक्त सेवा विंग के पहले पाठ्यक्रम में सममित हुए और 28 दिसंबर 1952 को उन्हें आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त किया गया। जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स ने विभिन्न फील्ड और सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी इकाइयों में सेवा की और बादमें वर्ष 1960 में एक आर्टिलरी एविएशन पायलट बन गए। इस दौरान उन्होंने वर्ष 1962 और 1965 के युद्धों में सक्रिय रूपसे भाग लिया।
जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स थल सेनाध्यक्ष के रूपमें कार्यभार संभालने से पहले थलसेना के उपप्रमुख तथा मध्य और पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के पद पर भी रहे, वे 1 जुलाई 1990 से 30 जून 1993 तक थल सेनाध्यक्ष रहे। जनरल रोड्रिग्स एक अनुकरणीय सैन्य अधिकारी और रणनीतिक विचारक थे, जो सैन्य नैतिकता, लोकाचार और मूल्यों का गहराई से पालन करते थे। उन्होंने भारतीय सेना की आधुनिकीकरण योजना को तेजीसे बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह व्याख्यान कार्यक्रम जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स के भारतीय सेना और राष्ट्र केलिए किएगए उनके योगदान का स्मरण करने केलिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि के रूपमें था। व्याख्यान में भारतीय सेना के वरिष्ठ सेवारत और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।