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Wednesday 19 June 2024 11:51:56 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सूचना को विनियमित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा हैकि अनियमित जानकारी और फर्जी ख़बरें अकल्पनीय आपदा उत्पन्न कर सकती हैं। उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह से बातचीत करते हुए उन्होंने कहाकि सूचना शक्ति है, सूचना बहुत ख़तरनाक शक्ति है, जिसको विनियमित करना आवश्यक है। फर्जी और झूंठी जानकारी का प्रभावी रूपसे मुकाबला करने केलिए राज्य के अधिकारियों की सोशल मीडिया पर दी गई प्रतिक्रियाओं की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने युवा अधिकारियों से ग़लत सूचना को बेअसर करने केलिए तेजगति से कार्य करने को कहा। उन्होंने सूचना अधिकारियों से कहाकि फर्जी ख़बरों को जड़ से समाप्त करना होगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस बात को ध्यान में रखते हुए कि ग़लत सूचना किसी संस्थान या किसी व्यक्ति केलिए विनाशकारी साबित हो सकती है, प्रश्न कियाकि अगर किसी व्यक्ति के बारेमें सोशल मीडिया पर कोई फर्जी कहानी फैलाई जाती हैतो उस व्यक्ति की सुरक्षा कौन करेगा? उन्होंने प्रशिक्षु सूचना अधिकारियों को सूचना योद्धा बताते हुए उनसे फ्रंटफुट पर काम करने और प्रभावित व्यक्ति या संस्था की निजता और प्रतिष्ठा की रक्षा करने को कहा। उपराष्ट्रपति ने भारत को दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र बताते हुए कहाकि सरकार की वैधता इस बातपर निर्भर करती हैकि आम लोगों का उसपर कितना भरोसा है। उन्होंने कहाकि सूचना अधिकारियों का नागरिकों और उनकी निर्वाचित सरकार के बीच सेतु का काम करने का दायित्व है और वे इसके अधिकार से सुसज्जित हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह गंभीर चिंता की बात हैकि कुछ गुमराह लोगों में हमारे देश के संस्थानों को कलंकित, बदनाम, नीचा दिखाने केलिए झूंठी कहानियों को फैलाने की प्रवृत्ति है, जिनको उन्होंने जल्द से जल्द प्रभावहीन करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने युवा सूचना अधिकारियों से कहाकि घातक एजेंडे वाली कुटिल शक्तियां देश के भीतर और बाहर अल्पसंख्या में काम कर रही हैं, जबकि आप योद्धा हैं।
वैश्विक मीडिया में देश एवं देश की सरकार या समाज के विरुद्ध प्लांट स्टोरियों का प्रभावी मुकाबला करने का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमें कभीभी दूसरों को हमारी जांच करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहाकि वैश्विक मीडिया की पक्षपातपूर्ण ख़बरों और कहानियों को बेअसर करने की आवश्यकता है। भारत के विकास की गाथा को वैश्विक स्तरपर लेजाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि भारतीय सूचना सेवा वैश्विक स्तरपर ब्रांड इंडिया को गढ़ने और बढ़ावा देने की सही दिशा में है। उन्होंने कहाकि दुनिया को बताएं कि हम किस तरह के देश हैं। उन्होंने कहाकि हम एक ऐसे देश हैं, जिसकी कोई बराबरी नहीं है, हम एक ऐसे देश हैं, जिसकी सांस्कृतिक विरासत और विविधता समृद्ध है, हमारी 5000 साल पुरानी सभ्यता के सिद्धांतों को दुनिया को बताना जरूरी है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि सूचना क्रांति के युग में गलत सूचना, शांति और स्थिरता केलिए बहुत बड़ा खतरा बन गई है और यह लोकतंत्र केलिए बड़ी चुनौती है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि गलत सूचना और ख़बरें हमारे सुरक्षा और रक्षातंत्र पर बहुत बुरा असर डाल रही हैं। सूचना को सबसे शक्तिशाली हथियार और युद्ध का पांचवां आयाम बताते हुए जगदीप धनखड़ ने सचेत कियाकि हमारे सूचना में छद्म लोगों द्वारा फैलाई गई जोड़-तोड़, विभाजनकारी और एजेंडा संचालित सूचनाएं कहानियां और ख़बरें देश की संप्रभुता और अखंडता केलिए एक वास्तविक ख़तरा हैं। उन्होंने कहाकि जमीनीस्तर से प्राप्त सही फीडबैक ही सही नीतियों के निर्माण में मदद करता है। उपराष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को नवीनतम तकनीकों केसाथ खुद को अपडेट करने की सलाह दी। उपराष्ट्रपति ने हाल के लोकसभा चुनावों में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि सूचना अधिकारियों ने मतदाता जागरुकता बढ़ाना और अंतिम छोर पर खड़े नागरिक तक पहुंचकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का सराहनीय काम किया है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील कुमार गुप्ता, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, आईआईएमसी दिल्ली की महानिदेशक डॉ अनुपमा भटनागर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सी सेंथिल राजन, वरिष्ठ अधिकारी और 2022-23 बैच के प्रशिक्षु सूचनाधिकारी मौजूद थे।