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संसद के बाहर और भीतर विपक्ष का हुड़दंग

नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने ली 18वीं लोकसभा के सदस्य की शपथ

विपक्ष की एनडीए सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिशें जारी

Monday 24 June 2024 03:50:33 PM

दिनेश शर्मा

दिनेश शर्मा

narendra modi took oath as member of the 18th lok sabha

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूपमें शपथ ली और कहाकि देश की सेवा करने पर मुझे गर्व है! प्रधानमंत्री ने लोकसभा सत्र की शुरुआत पर कहाकि संसदीय लोकतंत्र में आजका दिन गौरवमय और वैभव से भरादिन है। उन्होंने कहाकि आजादी केबाद पहलीबार नई संसद में सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह हुआ है, अबतक ये प्रक्रिया पुराने सदन में हुआ करती थी, इस महत्वपूर्ण दिवस पर नवनिर्वाचित सांसदों का ह्दय से स्वागत अभिनंदन और उन्हें अनेकानेक शुभकामनाएं! प्रधानमंत्री ने कहाकि संसद, भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति, नई उमंग, नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य और संकल्प केसाथ श्रेष्ठ भारत निर्माण केलिए 18वीं लोकसभा का सत्र प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहाकि देश की जनता ने उन्हें तीसरीबार मौका दिया है और अब हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है। बहरहाल जिसकी उम्मीद थी वही हुआ-संसद के बाहर और भीतर विपक्ष का लोकतंत्र और संविधान के नाम पर शर्मनाक हुड़दंग। विपक्ष की नरेंद्र मोदी की सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिशें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूंकि इस तीसरे कार्यकाल में हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे, परिणाम भी तीन गुना लाकर रहेंगे, इस संकल्प केसाथ हम आगे चल रहे हैं। उन्होंने कहाकि सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं, मैं सांसदों से आग्रह करूंगाकि वे जनहित केलिए, लोकसेवा केलिए संसद के समय और अवसर का उपयोग करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना ये हर भारतीय केलिए गर्व की बात है। उन्होंने कहाकि ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण बन गया हैकि आजादी केबाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरीबार सेवा करने का जनता ने अवसर दिया है और ये अवसर 60 साल बाद आया है, जोकि अपने आपमें बहुत बड़ी गौरवपूर्ण घटना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि देशकी जनता ने तीसरे कार्यकाल केलिए भी उनकी सरकार और उसकी नीयत पर मोहर लगाई है, मैं इसके लिए देशवासियों का ह्दय से आभार व्यक्त करता हूं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने पिछले 10 वर्ष में अनुकरणीय परंपराओं को प्रस्थापित करने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम मानते हैंकि सरकार चलाने केलिए बहुमत जरूरी है, तो देश चलाने केलिए सहमति बहुत जरूरी होती है और इसलिए हमारा प्रयास रहेगाकि हर किसीकी सहमति और हर किसीको साथ लेकर मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ देशवासियों की आशाओं, आकांक्षाओं को परिपूर्ण करें। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए निर्णयों को गति देना चाहते हैं। उन्होंने कहाकि यह खुशी की बात हैकि 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है और हम जब 18 की बात करते हैं और जो भारत की परंपराओं को जानते हैं, भारत की सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं, उनको पता हैकि हमारे यहां 18 के अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। उन्होंने कहाकि गीता केभी 18 अध्याय हैं, कर्म, कर्तव्य और करूणा का संदेश हमें यहीं से मिलता है, हमारे यहां पुराणों और उप पुराणों की संख्या भी 18 है, 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है, 9 पूर्णता का प्रतीक अंक है, 18 वर्ष की आयु में हमें मताधिकार मिलता है, 18वीं लोकसभा भारत का अमृतकाल की, इस लोकसभा का गठन भी एक शुभ संकेत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज 24 जून को हम मिल रहे हैं, कल 25 जून है, जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है, क्योंकि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा लगा था, जिसके 50 वर्ष हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि इसदिन भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। नरेंद्र मोदी ने उल्लेख कियाकि 25 जून को देश में इमरजेंसी लगाकर संविधान तार-तार कर दिया गया था, देशको जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र पूरी तरह दबोच लिया गया था, इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैंकि हम गौरव केसाथ देशके संविधान, लोकतंत्र, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए संकल्प लेंगेकि भारत में फिर कभी कोई इमरजेंसी लगाने की हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले लगा दी गई थी। उन्होंने कहाकि देशकी जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है, अबतक तो उससे निराशा ही मिली है, देश विपक्ष से अपेक्षा करता हैकि वह लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखेगा, देश को एक अच्छे एवं जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि 18वीं लोकसभा में जो सांसद जीतकर आए हैं, वो सामान्य मानवी की अपेक्षाओं को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने केलिए सबका दायित्व हैकि मिलकर यह दायित्व निभाएं, जनता का विश्वास और मजबूत करें। उन्होंने कहाकि 140 करोड़ नागरिक परिश्रम करने में कोई कमी नहीं रखते हैं, हम उनके लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर जुटाएं, ताकि सामान्य मानवी के सपने साकार हों। प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य के बावजूद 18वीं लोकसभा संसद के भीतर और संसद के बाहर विपक्षी सदस्यों के हंगामे एवं हुड़दंग से अछूती नहीं रही। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने शपथ ग्रहण के पूर्व ही जता दियाकि वे संसद को मछली बाज़ार बनाकर ही रहेंगे। इसमें कांग्रेस के सांसदों ने भी अपनी वही भूमिका निभाई। राहुल गांधी बार-बार संविधान बचाने की बात करते रहें, लेकिन चुनाव में मतदाताओं को साढ़े आठ हजार रुपये महीना यानी एक लाख रुपये सालाना उनके खाते में खटाखट डालने के वादे से मुंह चुराते रहे। विपक्ष ने जताया कि वह इस सरकार को चलवाने में व्यवधान ही व्यवधान पैदा करता रहेगा। ओडिशा के भर्तृहरि महताब ने प्रोटेम स्पीकर रूपमें सांसदों को शपथ दिलाई।

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