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स्पीकर के चुनाव में इंडी अलायंस हुआ धड़ाम!

नेता प्रतिपक्ष बनकर राहुल की राजनीतिक उदंडता पर भी लगाम

अध्यक्ष के चुनाव में इंडी अलायंस के बिखर जाने का था ख़तरा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 26 June 2024 04:14:31 PM

om birla unanimously elected speaker of the 18th lok sabha of india

नई दिल्ली। ओम बिरला सर्वसम्मति से भारत की 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। वे 17वीं लोकसभा के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। सांसदों के शपथ ग्रहण के दौरान इंडी अलायंस के नेताओं ने हंगामा बरपाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के साथ लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर भी चुनाव कराने की जिद पकड़ी थी नहीं तो एनडीए के लोकसभा अध्यक्ष के प्रत्याशी के सामने अपना उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की थी। एनडीए की अपील थीकि परंपरा के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से किया जाए और उपाध्यक्ष का चुनाव बाद में हो। इंडी अलायंस के नेता नहीं माने। एनडीए ने लोकसभा अध्यक्ष पद पर ओम बिरला का नामांकन करा दिया तो इंडी अलायंस ने उनके सामने के सुरेश का नामांकन करा दिया, जिससे टीएमसी ने यह कह कर अपने को अलग कर लियाकि कांग्रेस ने इसके लिए उनसे नहीं पूछा, उधर आंध्रप्रदेश की पार्टी वाईएसआरसी के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी द्वारा अपने चारों सांसदों के एनडीए प्रत्याशी को समर्थन घोषित होने केसाथ ही इंडी अलायंस इस लड़ाई में अलग-थलग पड़ गया। आज 11 बजे यह चुनाव होना था, मगर इंडी अलायंस चुनाव का मैदान छोड़ गया और एनडीए के प्रत्याशी ओम बिरला सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिए गए। कदाचित स्पीकर के चुनाव में इंडी अलायंस के बिखरने का ख़तरा था और ओम बिरला के समर्थन में एनडीए का आंकड़ा तीन सौ के पार चले जाने का भय था।
इंडी अलायंस के नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर और लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में आखिर एनडीए के सामने घुटने टेक दिए, जो इंडी अलायंस की बड़ी विफलता मानी जा रही है। पहली विफलता प्रोटेम स्पीकर के मामले पर इंडी अलायंस की किरकिरी हुई, प्रोटेम स्पीकर पर इंडी अलायंस की नहीं सुनी गई। इंडी अलायंस की दूसरी विफलता लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में एनडीए प्रत्याशी को समर्थन देने की शर्त से निश्चित हो गई थी। इंडी अलायंस के घटक कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की लोकसभा अध्यक्ष पद पर शर्त को एनडीए ने कोई तवज्जो ही नहीं दी और फिर वही हुआ, इंडी अलायंस को मुंह की खानी पड़ी। दरअसल लोकसभा में सरकार को घेरने केलिए ये दोनों नेता और उनके सलाहकार कई दिन से लॉबिंग और जोड़तोड़ करने में जुटे थे। लोकसभा की पहली बैठक शुरू होने से पहले ही इनके मंसूबे प्रकट हो गए और उल्टे उन्हीं के गले भी पड़ गए। लोकसभा के प्रथम सत्र में इंडी अलायंस के नेता अपने इलेक्शन कैंपेन से बाहर नहीं निकल पाए। इंडी अलायंस के नेताओं के आरोप उन्हीं को घेर रहे हैं। बहरहाल लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया के अनुरूप ओम बिरला आज लगातार दूसरी बार ध्वनिमत से लोकसभा के अध्यक्ष बने।
संसदीय परंपरा की गरिमा के अनुसार नेता सदन नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उनके आसन तक पहुंचाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर लोकसभा को संबोधित किया। उन्होंने ओम बिरला को उनके लगातार दूसरे कार्यकाल और लोकसभा अध्यक्ष पद संभालने पर उनका स्वागत किया और सदन की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ओम बिरला के पिछले कार्यकाल की सराहना की और इस सदन का मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि अध्यक्ष के विनम्र तथा नम्र व्यक्तित्व और उनकी विजयी मुस्कान से उन्हें सदन का संचालन करने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा जतायाकि वे नई सफलताएं हासिल करते रहेंगे। उन्होंने बतायाकि बलराम जाखड़ लगातार इस पद पर आसीन होने वाले पहले अध्यक्ष थे और आज ओम बिरला हैं, जिन्हें 17वीं लोकसभा के सफल समापन केबाद 18वीं लोकसभा का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली है। प्रधानमंत्री ने ओम बिरला के एक सांसद के रूपमें अध्यक्ष के कामकाज पर चर्चा की। उन्होंने ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र में स्वस्थ मां और स्वस्थ बच्चे के उल्लेखनीय अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने संसदीय क्षेत्र कोटा के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में ओम बिरला के कार्यों पर भी टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने ओम बिरला की इसबात केलिए भी प्रशंसा कीकि उन्होंने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में खेलों को भरपूर बढ़ावा दिया।
प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के परिवर्तनकारी फैसलों को याद करते हुए अध्यक्ष के नेतृत्व की सराहना की। प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार संरक्षण विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर-विवाद से विश्वास विधेयक जैसे सभी ऐतिहासिक अधिनियमों का उल्लेख किया, जिन्हें ओम बिरला की अध्यक्षता में पारित किया गया। प्रधानमंत्री ने कहाकि लोकतंत्र की लंबी यात्रा विभिन्न पड़ावों का गवाह बनती है, जो नए रिकॉर्ड बनाने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत के लोग भविष्य में भी 17वीं लोकसभा को उसकी उपलब्धियों केलिए सराहते रहेंगे। उन्होंने भारत को एक आधुनिक राष्ट्र बनाने की दिशा में 17वीं लोकसभा के कार्यों की सराहना की। उन्होंने सदन को आश्वास्त कियाकि नया संसद भवन अध्यक्ष के मार्गदर्शन में अमृतकाल के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। 

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