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Saturday 6 July 2024 02:02:45 PM
नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेल की ग़रीबों, निम्न मध्यम एवं मध्यम वर्ग के यात्रियों को किफायती रेल यात्रा की सुविधा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भारतीय रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) वडोदरा और एयरबस केबीच एमओयू हस्ताक्षर समारोह में बोल रहे थे। अश्विनी वैष्णव ने देशभर के 12 लाख रेलकर्मियों से रेलवे के प्रति अपने समर्पण और अपना सेवा मनोबल ऊंचा रखने की भी अपील की। उन्होंने रेलकर्मियों से सामूहिक रूपसे काम करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह कियाकि भारतीय रेल पर लोगों का भरोसा कायम रहे। उन्होंने कहाकि भारतीय रेल ने अगले दो वर्ष के दौरान 10000 गैर वातानुकूलित रेल डिब्बों के निर्माण की योजना बनाई है। गौरतलब हैकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव गति शक्ति विश्वविद्यालय के प्रथम कुलाधिपति भी हैं।
गति शक्ति विश्वविद्यालय वडोदरा की स्थापना 2022 में संसद के एक कानून के माध्यम से की गई थी, जिसका उद्देश्य संपूर्ण परिवहन और रसद क्षेत्रों केलिए सर्वश्रेष्ठ श्रेणी की जनशक्ति और प्रतिभा का निर्माण करना है। यह केंद्रीय विश्वविद्यालय भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है। भारतीय रेलवे के गति शक्ति विश्वविद्यालय वडोदरा और एयरबस ने भारतीय विमानन क्षेत्रको और भी ज्यादा मजबूत करने केलिए सहयोग किया है। सितम्बर 2023 में हस्ताक्षरित एमओयू में आगे का कार्य करते हुए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया के रेमी मेलार्ड और गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते में जीएसवी के 40 छात्रों केलिए पूर्ण छात्रवृत्ति कार्यक्रम, जीएसवी में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना और जीएसवी में एयरबस एविएशन चेयर प्रोफेसर पद की स्थापना शामिल है, इसके अलावा जीएसवी और एयरबस विमानन क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों के विशेष प्रशिक्षण केलिए साझेदारी की जाएगी। अश्विनी वैष्णव ने जीएसवी और एयरबस को बधाई दी और कहाकि जो भी वादा किया गया है, उसे पूरा किया गया है, यह नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहाकि जैसाकि प्रधानमंत्री कहते हैं, सबका साथ सबका विकास की भावना में विमानन, राजमार्ग, रेलवे, सड़क परिवहन का विकास होना चाहिए, व्यावहारिक रूपसे सबकुछ एकसाथ चलना चाहिए, हम सबका साथ, सबका विकास की भावना से सभी केसाथ सहयोग करते रहेंगे। उन्होंने कहाकि जीएसवी की स्थापना का कारण एक केंद्रित और विशिष्ट संस्थान है, जो परिवहन केसभी क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करता हो, रेलवे ने इसकी शुरुआत की, हम धीरे-धीरे विनिर्माण की ओर बढ़े। उन्होंने कहाकि जिसमें हम आगे बढ़े वह नागरिक उड्डयन है, अगला योजनाबद्ध क्षेत्र शिपिंग मंत्रालय और लॉजिस्टिक है, हम फिरसे इसे एक केंद्रित तरीके से शुरू करेंगे और एक कार्यक्रम के तहत परिवहन के अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ेंगे। नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने कहाकि नागरिक उड्डयन भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और उन्हें इस समझौते पर खुशी है, हम रेलवे का मार्गदर्शन लेना जारी रखेंगे। उन्होंने कहाकि पिछले दस वर्ष में हवाई अड्डों की संख्या 74 से लगभग दोगुनी होकर अब 157 हो गई है, उड़ान योजना ने टियर II और टियर III शहरों को विमानन के मानचित्र पर ला दिया है। उन्होंने कहाकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय विमानन क्षेत्र की प्रगति केलिए गति शक्ति विश्वविद्यालय को पूर्ण सहयोग और समर्थन देगा, जीएसवी को मास्टर्स और पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने की भी तैयारी करनी चाहिए।
रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह ने कहाकि इस पहल से रोज़गार का और ज्यादा सृजन होगा, हमारे देशसे प्रतिभा पलायन रुकेगा, यह उद्योग और शिक्षाजगत केबीच एक अभूतपूर्व साझेदारी है, जो पेशेवरों का एक मजबूत समूह तैयार करने में सहयोग करेगी। उन्होंने कहाकि इससे भारत के परिवहन क्षेत्र विशेष रूपसे विमानन के भविष्य को शक्ति मिलेगी, यह भारत सरकार के 'कौशल भारत' कार्यक्रम की एक अनूठी सफलता की कहानी होगी। एयरबस के भारत और दक्षिण एशिया में अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मैलार्ड ने कहाकि समझौता ज्ञापन के एक भाग के रूपमें हम भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला में 15000 छात्रों को रोज़गार के अवसर प्रदान करेंगे। जीएसवी के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी ने कहाकि एयरबस केसाथ यह अग्रणी साझेदारी जीएसवी के उद्योग संचालित और नवाचार आधारित विश्वविद्यालय बनने की कल्पना को महत्वपूर्ण रूपसे आगे बढ़ाएगी और भारत में उद्योग अकादमिक सहयोग केलिए आदर्श भी निर्धारित करेगी।
जीएसवी के कुलपति प्रोफेसर मनोज चौधरी ने कहाकि हम जीएसवी में नियमित शिक्षा के साथ-साथ कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों केलिए एयरबस के बेहद महत्वपूर्ण योगदान केलिए उसके आभारी हैं, जो बेहतर मानव संसाधन, कौशल और अत्याधुनिक अनुसंधान के निर्माण के माध्यम से भारत में विमानन क्षेत्रके विकास को सक्षम करेगा। परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों पर विशेष रूपसे ध्यान केंद्रित करते हुए जीएसवी एक अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है, जिसका लक्ष्य रेलवे, शिपिंग, बंदरगाहों, राजमार्गों, सड़कों, जलमार्गों और विमानन आदि में राष्ट्रीय विकास योजनाओं (पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति 2022) को पूरा करना है। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव वमलुनमंग वुलनम और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।