स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 21 November 2013 08:22:43 PM
नई दिल्ली। वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एनग्यूयेन फ्यू ट्रांग के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वर्ष 2010 में वियतनाम की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के तौर पर उनकी भारत यात्रा ने हमारे संबंधों को काफी गति प्रदान की थी, एक दोस्त और एक ऐसे महान देश के नेता का स्वागत है, जो भारतीयों के लिए पीढ़ियों से लचीलेपन, संकल्प और वीरता का प्रतीक है और जो अब एक गतिशील क्षेत्र के केंद्र में एक जोशपूर्ण अर्थव्यवस्था है, वियतनाम हमारे क्षेत्र के स्थायित्व और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि बोधगया हमारी साझा आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है, तो वियतनाम के माई सन में ऐतिहासिक चाम स्मारक भी हमारे दोनों देशों की सभ्यताओं के सशक्त संपर्क का गवाह है, हमारे महान नेताओं, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने एशिया से उपनिवेशवाद के हटने के मद्देनजर भागीदारी कायम की थी, उनके रिश्ते आपसी विश्वास और आदर, भावनाओं पर आधारित थे, जो आधुनिक युग में हमारे संबंधों के निर्माण की दिशा में हमारे मार्गदर्शक रहे हैं, आज इस नयी सदी में हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं में नई गतिशीलता तथा महान संभावनाओं और अनेक चुनौतियों वाले एशिया के पुनर्जीवन के दौर में हमारे संबंधों में पहले से कहीं ज्यादा वचनबद्धता की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इसी वचन को निभाने के लिए छ साल पहले हम दोनों देशों ने रणनीतिक भागीदारी की एक नई यात्रा शुरू की थी, यह भागीदारी महान विशेषता, विविधता और गहराई वाली है, हमारे राजनीतिक संबंध और हमारे प्रगाढ़ होते रक्षा और सुरक्षा संबंध दोनों देशों के लिए अत्यंत मूल्यवान हैं, समुद्री सुरक्षा सहित हमारे साझा हित क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर रचनात्मक भागीदारी के रूप में अभिव्यक्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे आर्थिक और ऊर्जा संबंध बढ़ रहे हैं, हम पूर्वी सागर में तेल खनन और उत्पादन की दिशा में मिलकर कार्य कर रहे हैं और खनन के लिए नए ब्लॉक्स की आपकी पेशकश तथा भारतीय कंपनियों को 1.8 अरब डॉलर की बिजली परियोजना सौंपना हमारे आर्थिक संबंधों के वादे को प्रदर्शित करता हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने 1970 के दशक में वियतनाम की चावल की खेती के परिवर्तन को समर्थन दिया था और अब भारत में वियतनाम का प्रथम विदेशी कैटफिश प्रजनन फार्म लगाया जाना क्षमता निर्माण में मैत्री और आपसी समर्थन के विशेष प्रतीक हैं, जिसके दायरे में अब सूचना-प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र आते हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि वियतनाम हमारी पूर्वोन्मुखी नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है और आसियान के साथ भारत के एकीकरण के विज़न के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत-वियतनाम के रिश्ते जैसे-जैसे समृद्ध हो रहे हैं, भारत-आसियान के रिश्ते भी वैसे ही प्रगाढ़ हो रहे हैं। एशिया के प्राचीन विवेक के उत्तराधिकारी तथा युवाओं की ऊर्जा से समृद्ध होने के नाते एशिया प्रशांत में शांति, स्थायित्व और समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में भारत और वियतनाम के साझा हित, अपार उत्तरदायित्व तथा व्यापक अवसर हैं। उन्होंने कहा कि काफी अरसा पहले वियतनाम के एक भिक्षु ने कहा था-'क्षण के भीतर हमारे एहसास से ज्यादा संभावनाएं होती हैं।' इस यात्रा ने यह दर्शाया है कि हम अपने संबंधों को ज्यादा समृद्ध बनाने और अपनी जनता को करीब लाने की प्रत्येक संभावना और प्रत्येक लम्हे का इस्तेमाल कर रहे हैं।