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Saturday 23 November 2013 10:13:23 AM
नई दिल्ली। दिल्ली में चल रहे तीसरे ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन, 2013 के दौरान यूरोपीय संघ, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और कनाडा जैसे परिपक्व आधिकार क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा के नियामकों के प्रतिनिधियों ने ब्रिक्स देशों-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों के अपने समकक्षों के साथ प्रतिस्पर्धा कानून, नवाचार, और आर्थिक विकास को लेकर अपने अनुभव साझा किए।
अपने मुख्य संबोधन में उपाध्यक्ष एवं प्रतिस्पर्धा के लिए यूरोपीय आयुक्त जोवाकिन अलपुनिया ने यूरोपीय संघ और ब्रिक्स देशों के बीच मामलों को लेकर सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों की वैधता पारदर्शिता एवं गैर-भेदभाव के सिद्धांतों और आईसीएन जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा एजेंसियों के जरिए सहयोग बढ़ाने पर निर्भर करती है।
सम्मेलन में अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग (यूएसएफटीसी) की अध्यक्ष एडिथ रमीरेज ने आयोग की पिछले सौ साल के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग के लंबे अनुभव का सार यही है कि बाजार में प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं का कल्याण होता है और इससे नवाचार को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रतिस्पर्घा एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार प्रतिस्पर्धा के अनुकूल नीतियां बनाएं।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिस्पर्धा आयोग के उप सीइओ नियमन मार्क जॉन पियरसन, फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एमैनुएल कॉम्बे और यूएसडीओजे के रिंडॉन माइकल ओफनर ने भी अपने अपने देशों के अनुभव बांटे।