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Thursday 28 November 2013 03:57:10 AM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा है कि इस विषय पर आम सहमति है कि ज्ञान 21वीं सदी में एक प्रमुख प्रबल शक्ति होगा। उन्होंने कहा कि मानव क्षमताओं में वृद्धि के लिए देश के नागरिकों को सशक्त और समर्थ बनाने में ज्ञान निर्माण और उपयोग की कुशलता सहायक साबित होगी। हामिद अंसारी ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अलावा राष्ट्रों के सामाजिक आर्थिक विकास को गति और स्थायित्व प्रदान करने में भी ज्ञान की प्रमुख भूमिका होगी।
ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) के विजन 2020 ‘पूर्व अनुभवों के आधार पर नए लक्ष्यों का निर्धारण’ नामक विषय पर डिजिटल पुस्तकालयों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीडीएल) का शुभारंभ करते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि इन उद्देश्यों को समाज के विभिन्न तबकों के बीच ज्ञान प्रदान करने और व्यापक रूप से प्रसारित करने की आवश्यकता है। इस मामले में डिजिटल पुस्तकालय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये पुस्तकालय लोगों को अधिक उपयुक्त और प्रभावी ढंग से ज्ञान प्रदान करने और ज्ञान बांटने के अलावा उनकी बौद्धिक क्षमता को भी बढ़ाने में उपयोगी साबित होंगे।
हामिद अंसारी ने कहा कि मानव समाज में पुस्तकालयों की महत्ता को रोमन नागरिक सिसिरोव के इस कथन से बेहतर ढंग से समझा जा सकता है कि एक घर में पुस्तकालय का निर्माण उस घर को आत्मा प्रदान करना है। बौद्धिक क्षमता के माध्यम से न सिर्फ एक राष्ट्र बल्कि मानवता को भी आसानी से समृद्ध बनाया जा सकता है। इतिहास के हर दौर में सभ्यताओं ने पुस्तकों में निहित जानकारी, पांडुलिपियों और दुर्लभ दस्तावेजों को सहेजने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया। आधुनिक युग में पुस्तकालय अत्यधिक व्यापक संस्थान बन चुके हैं और पुस्तकालयों ने मानव सभ्यता के उच्चतम मूल्यांकन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के विकास ने दुनिया के हर क्षेत्र में पुस्तकालयों की प्रणालियों में भी परिवर्तन किया है। उभरती हुई तकनीकों ने मौजूदा आंकड़ों को उपयोगी डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित करने की सुविधा भी प्रदान की है। सूचना के निरंतर विकास से डिजिटल पुस्तकालय विभिन्न डिजिटल प्रारूपों में सूचनाओं को प्रदान करने के प्रमुख माध्यम बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि एक डिजिटल पुस्तकालय एक कंप्यूटरीकृत प्रणाली है, जिसके माध्यम से उपयोगकर्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में एक संगठित तरीके से और व्यापक रूप में सूचनाओं का विस्तृत प्रवाह प्राप्त करने में मदद मिलती है। अंसारी ने कहा कि इसके माध्यम से 24 घंटे सूचनाओं को आसानी से प्राप्त भी किया जा सकता है। अपने संबोधन के समापन पर उन्होंने सम्मेलन की सफलता की कामना करते हुए डॉ पचौरी को भी धन्यवाद दिया।