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Thursday 28 November 2013 05:03:11 AM
नई दिल्ली। अक्षय ऊर्जा में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बेल्जियम तथा भारत सहमत हो गए है। नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्री डॉ फ़ारूख अब्दुल्ला एवं बेल्जियम की राजकुमारी एसट्रिड ने इस पर विचार-विमर्श किया। बेल्जियम की राजकुमारी एसट्रिड बेल्जियम आर्थिक मिशन की मुखिया के तौर पर भारत के दौरे पर हैं। उनके साथ उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री तथा विदेशी व्यापार एवं यूरोपियन मामलों के मंत्री डिडिएर रेड्रस और फलैंडर्स क्षेत्र के अध्यक्ष और फलैमिश के आर्थिक व विदेश नीति के मंत्री क्रिस पीटर्स समेत एक बड़ा व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ है।
डॉ अब्दुल्ला ने भारत में ऊर्जा की स्थिति तथा भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए द्रुत विकास के बारे में प्रतिनिधिमंडल को संक्षेप में जानकारी दी। उन्होंने पवन कार्यक्रम की सफलता तथा जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (जेएनएनएसएम) के माध्यम से सौर ऊर्जा की लागत में की गई उल्लेखनीय कटौती के बारे में भी बताया। डॉ अब्दुल्ला ने यह सुझाव दिया कि अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने में भारत तथा बेल्जियम के पास अपार क्षमताएं हैं। उन्होंने इस प्रयोजन के लिए सभी संभव सहायता देने का प्रस्ताव किया। भारत की अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में की गई प्रगति तथा उपलब्धियों को बेल्जियम प्रतिनिधिमंडल ने स्वीकार किया। आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ आए व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल ने भी अपनी गतिविधियों के बारे में संक्षेप में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया।
विस्तृत विचार-विमर्श करने के बाद दोनों पक्ष समानता तथा परस्पर हित के आधार पर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर सहमत हुए है। इसी के साथ दोनों देश संयुक्त अनुसंधान तथा परस्पर हित के विकास कार्यक्रम के माध्यम से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में समन्वय की संभावनाओं की तलाश भी करेंगे।