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Friday 3 January 2014 01:31:59 AM
नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुला यामीन अब्दुल गयूम की भारत की पहली राजकीय यात्रा के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मीडिया को जारी एक वक्तव्य में कहा है कि दो घनिष्ठ पड़ोसी की तरह भारत तथा मालदीव की विकास आकांक्षाएं तथा सुरक्षा हित घनिष्ठ रुप से जुड़े हुये हैं, राष्ट्रपति यामीन और हम इस पर सहमत हुए हैं कि दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा तथा हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, समृद्धि तथा सुरक्षा के लिए हमारा सहयोग अपरिहार्य है, हम आतंकवाद के खिलाफ सजग रहने की आवश्यकता के प्रति सचेत हैं और एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदी बने रहने तथा किसी अन्य द्वारा अपने भू-भाग का इस्तेमाल करने की अनुमति न देने के प्रति दृढ़ संकल्प साझा करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब्दुला यामीन पिछले वर्ष अगस्त में दिल्ली में आए थे और मालदीव के राष्ट्रपति के रुप में उनकी यह पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री ने उन्हें मालदीव के राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल करने और मालदीव में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि इस चुनाव ने शांति, स्थिरता तथा निरंतर आर्थिक और सामाजिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि दोनों देश प्रशिक्षण, उपकरण आपूर्ति, क्षमता निर्माण, संयुक्त गश्त तथा हवाई और समुद्री निगरानी के जरिए द्वीपक्षीय रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने संबंधी अनेक उपायों पर सहमत हुए हैं, हम श्रीलंका के साथ त्रिपक्षीय समुद्री सहयोग प्रगाढ़ बना रहे हैं और आशा करते हैं कि इसे हिंद महासागर के अन्य देशों तक बढ़ाया जाएगा। भारत अपनी साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की सामूहिक क्षमता मजबूत बनाने में मालदीव को आगे सहायता तथा समर्थन देने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति यामीन और मैंने आर्थिक संबंधों के विस्तार के उपायों पर चर्चा की है, हमारा द्वीपक्षीय व्यापार 700 करोड़ रुपये का है और संतुलन काफी हद तक भारत के पक्ष में है, हम अपने द्वीपक्षीय व्यापार में और अधिक संतुलित विकास देखना चाहेंगे, हम निश्चित रुप से मालदीव में भारतीय पर्यटकों के प्रवाह को प्रोत्साहित कर ऐसा कर सकते हैं, मालदीव में भारतीय निवेश में वृद्धि से भी हमारे आर्थिक संबंधों का विस्तार होगा, मैंने इस संदर्भ में माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मसले तथा हमारे निवेशकों की समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से करने का अनुरोध राष्ट्रपति यामीन से किया है। उन्होंने कहा कि तात्कालिक उपायों के हिस्से के रुप में भारत मालदीव को भारत से आयात के लिए 25 मिलियन डालर की तैयार ऋण सुविधा दे रहा है, हम मालदीव में पेट्रोलियम उत्पादों की आवश्यकताओं को पूरा करने पर भी सहमत हुए हैं और हमने अपनी एजेंसियों से यथासंभव बेहतरीन प्रबंध करने को कहा है, हम आगे भी शिक्षा तथा स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी विकास साझेदारी जारी रखेंगे।
मनमोहन सिंह ने कहा कि दो घनिष्ठ पड़ोसियों के लाभ के लिए दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क की विशेषता स्वाभाविक आवागमन होना चाहिए, हमारे हवाई संपर्क में सुधार हुआ है और हम अपनी वीजा व्यवस्था को उदार बनाने पर सहमत हैं, विशेषकर चिकित्सा के लिए मालदीव से भारत आने वाले लोगों के लिए। उन्होंने कहा कि हमने वैश्विक तथा क्षेत्रीय मंचों में सहयोग करने पर भी चर्चा की है, हम दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) सदस्य के रूप में और अधिक समन्वित तथा एक-दूसरे से जुड़े दक्षिण एशिया के लिए काम जारी रखने पर सहमत हुए। विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी को लगातार समर्थन देने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति यामीन के प्रति सराहना व्यक्त की। उन्होंने दोहराया कि भारत मालदीव में शांति, स्थायित्व तथा प्रगति को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है और विश्वास है कि राष्ट्रपति यामीन के नेतृत्व में मालदीव अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर हमारे द्वीपक्षीय संबंधों में नया अध्याय जोड़ेगा।