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Friday 28 February 2014 03:57:56 PM
नई दिल्ली। सऊदी अरब के शहजादे, उप प्रधानमंत्री और वहां के रक्षा मंत्री सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने कल राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की। राष्ट्रपति ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि सऊदी अरब के शहजादे के तौर पर उनके इस पहले भारत दौरे से भारत और सऊदी अरब के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि भारत, सऊदी अरब के साथ सौहार्द और मैत्रिपूर्ण संबंध चाहता है, जो उनके लंबे ऐतिहासिक संबंधों और एक-दूसरे के लोगों के साथ रिश्तों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला की यात्रा दोनों देशों के परस्पर संबंधों का उच्चतम बिंदु थी। प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की वर्ष 2010 में की गई रियाद की यात्रा ने दोनों देशों के अहम साझेदारी को और मजबूती दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच कल किये गये समझौते से दोनों देशों के रक्षाकर्मियों को मिलकर काम करने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिलेगा, दोनों ही देश आतंकवाद के खतरों के प्रति असुरक्षित हैं, भारत सुरक्षा संबंधी कई चिंताओं में सऊदी अरब के साथ साझेदारी करता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में एक-दूसरे साथ सहयोग कर रहे हैं, जिसमें आतंकियों की काले धन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी साझा करना, मादक पदार्थों, हथियार और मानव तस्करी में रोक शामिल है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच 2012-13 में द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह 43 अरब डॉलर को पार कर गया है, लेकिन अभी बहुत कुछ हासिल किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि गैर तेल क्षेत्रों में भी व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता है, ढांचागत क्षेत्रों में विशेषज्ञता और योग्यता के साथ भारत की वैश्विक स्तर की कंपनियां सऊदी अरब की आगामी परियोजनाओं मे काम करने की इच्छुक हैं, भारत अपने यहां ढांचागत क्षेत्रों के विकास में भी सऊदी निवेशकों को सक्रिय रूप से भागीदारी के लिए आमंत्रित करता है, इन क्षेत्रों में राजमार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे, मेट्रो, आपूर्ति चेन, भंडार गृह और बिजली संयंत्र शामिल हैं।