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Saturday 1 March 2014 11:34:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज यहां सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और इन उद्यमों को ऋण देने में उल्लेखनीय काम करने वाले बैंकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार पाने वाले उद्यमियों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके कार्यों के उदाहरण से देशभर के अन्य उद्यमियों को कामकाज के उच्चतर प्रयास करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एमएसएमई क्षेत्र अत्यधिक महत्व रखता है, इसके जरिए 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोज़गार मिलता है, यह संतोषजनक बात है कि हाल ही के वर्षों में एमएसएमई क्षेत्र ने 10 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की है।
एमएसएमई क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 के बजट में इसके लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की गई है, एमएसएमई क्षेत्र में नई तकनीक को बढ़ावा देने और कौशल का विकास करने के लिए विश्व बैंक की सहायता से देशभर में 15 अतिरिक्त टूल रूम बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परंपरागत उद्योगों को फिर से शुरू करने की ओर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, इससे परंपरागत उद्योगों में लगे तकरीबन 04 लाख दस्तकारों को लाभ मिलेगा, एमएसएमई क्षेत्र की सहायता के लिए इंडिया इंक्लूजिव इनोवेशन फंड (आईआईआईएफ) की स्थापना एक ताजातरीन कदम है, जिससे जमीन से जुड़े लोगों के आविष्कारों को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के विकास के रास्ते में आनेवाली रूकावटों को दूर करने के लिए और आने वाले वर्षों में नीतियां बनाने और लागू करने में सकारात्मक सहयोग देने के लिए भारत के उद्योग और वाणिज्य संघों व संस्थाओं से नए-नए समाधान लेकर आगे आने का आह्वान किया। इस मौके पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) केएच मुनियप्पा ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले कुल 110 विजेताओं में 37 एमएसएमई, 47 खादी ग्रामोद्योग, 20 जूट उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र के 6 बैंक शामिल है, एमएसएमई मंत्रालय एशियाई विकास बैंक की वित्तीय सहायता से खादी सुधार और विकास कार्यक्रम (केआरडीपी) के तहत 950 करोड़ की वित्तीय सहायता से 300 खादी संस्थानों की कार्य क्षमता, कार्यप्रणाली तथा मार्केटिंग प्रक्रिया में सुधार लाया जा रहा है। केआरडीपी योजना के तहत कारीगरों को एक लाख चरखे वितरीत किए जा रहे हैं।
मुनियप्पा ने बताया कि खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) के जरिए उनके मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा प्रधानमंत्री का रोजगार सृजन कार्यक्रम स्वरोजगार के साथ-साथ नौकरियों के जरिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव माधव लाल, एएस एंड डीसी अमरेंद्र सिन्हा, केवीआईसी के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार आर देसाई, जूट बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर जी बालाचंद्रन, एनएसआईसी के मुख्य महानिदेशक एचपी कुमार तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल थे।