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Wednesday 5 March 2014 05:35:45 PM
मुंबई। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच पूंजी निवेश को लेकर उच्चस्तरीय संयुक्त कार्य बल (एचएलटीएफआई) की दूसरी बैठक कल मुंबई में हुई। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और आबुधाबी क्राउन प्रिंस कोर्ट के चेयरमैन शेख हामिद बिन जायद अल नह्यान की संयुक्त अध्यक्षता में दोनों देशों के बीच मौजूदा पूंजी निवेश से जुड़े आपसी मुद्दों पर विचार करने और सीमा पार पूंजी निवेश को बढ़ावा और सुविधा प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में अप्रैल 2012 में एचएलटीएफआई गठित किया गया था। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के 30 से अधिक सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे।
एचएलटीएफआई की दूसरी बैठक में कई मुद्दों पर प्रगति हुई। भारत में नीतिगत पेट्रोलियम रिज़र्व स्थापित करने में सहयोग पर दोनों देशों के आपसी नीतिगत लाभ और लंबे समय तक साझेदारी तथा सहयोग के सिद्धांत पर आधारित वार्ता हुई। इस प्रयास में तेजी लाने के लिए एक और संयुक्त कार्य दल गठित करने का भी फैसला लिया गया। दोनों देशों में चरणबद्ध पूंजी निवेश के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के अनुबंध पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। भारत में संयुक्त अरब अमीरात के मौजूदा पूंजी निवेश (इतीसलात, एमार और डीपी वर्ल्ड) से जुड़े लंबित मुद्दों के तीव्र समाधान पर भी बातचीत हुई और इन मुद्दों के सुलझाने के लिए एक कार्य योजना बनाने पर भी सहमति हुई।
संयुक्त अरब अमीरात ने भारतीय कंपनियों को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पूंजी निवेश के लिए संभावित पूंजी निवेश के बारे में बातचीत करने के लिए मस्दार आमंत्रित किया। भारत और संयुक्त अरब अमीरात प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं और आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच द्वीपक्षीय व्यापार में महत्वपूर्ण वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। व्यापार के साथ-साथ एचएलटीएफआई दो देशों के बीच पूंजी निवेश के क्षेत्र में भी ऐसी ही सफलता हासिल करेगा।