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Sunday 13 April 2014 04:05:13 AM
लखनऊ। दिल्ली में वक्फ संपत्तियों को तबाह किये जाने और नाजायज कब्जों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन, गिरफ्तारी और रिहाई के बाद मौलाना कल्बे जवाद लखनऊ लौट आए। लखनऊ अमौसी एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में धर्मगुरु के अनुयाई जाम थे। जैसे ही मौलाना एयरपोर्ट से बाहर निकले, लोग लब्बैजक या हुसैन और मौलाना कल्बे जवाद के पुरजोश नारे लगाने लगे। उनके चाहने वालों ने उनका फूलों से स्वागत किया।
एयरपोर्ट से उनकी गाड़ियों का लंबा काफिला 1 बजे मौलाना के आवास चौक के लिए रवाना हुआ, जहां कल्बे आबिद प्लाजा पहुंच कर उन्होंने प्रेस और आवाम को संबोधित किया। मौलाना की दिल्ली में गिरफ्तारी की खबर के बाद शियाओं में गुस्सा भर गया था। गिरफ्तारी के विरोध में लोग प्रदर्शन करने लगे। लखनऊ, बाराबंकी, जौनपुर, हैदराबाद, चेन्नई, हरियाणा, मुंबई और दूसरे शहरों में कांग्रेस के खिलाफ और मौलाना की हिमायत में प्रदर्शन हुए। दिल्ली में आस-पास के इलाकों के लोग भी गिरफ्तारी की खबर सुनकर वहां पहुंचे। मौलाना की रिहाई की खबर पाकर लोग शांत हुए।
लखनऊ में मौलाना ने प्रेस और आवाम से कहा कि जिस तरह दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार का बुरा हाल हुआ है, इसी तरह पूरे हिन्दुस्तान में कांग्रेस सरकार का हाल होना है। मौलाना ने अपील की कि लोग इस लोकसभा इलेक्शन में कांग्रेस के ताबूत में आखरी कील ठोकें। मौलाना ने दिल्ली के हालात पर कहा कि दिल्ली में कांग्रेसी लीडरों के इशारों पर वक्फ ज़मीनों और मस्जिदों को तबाह किया गया है, जिनमें करबला शाहे मर्दां, गौसिया मस्जिद और दूसरी जमीने प्रमुख हैं। मौलाना ने कहा कि वहां का प्रशासन हमारे प्रोटेस्ट से घबराया हुआ था, क्योंकि अब तक दिल्ली की अवाम और सरकार ने ऐसा प्रदर्शन नहीं देखा था, जिसमें इतना बड़ा जाम लग जाए।
उन्होंने कहा कि अब दिल्ली की हिंदू-मुसलमान अवाम भी यही चाहती है कि वहां के वक्फ के मसायल हल किये जाएं। मौलाना ने अंत में उन सभी का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ और वक्फ संपत्तियों को हासिल करने के लिए जान की बाजी तक लगा दी। ग्यारह अप्रैल को जुमे की शाम 8 बजे शब दरगाह हजरत अब्बास में मीटिंग भी हुई, जिसमें दिल्ली के हालात पर चर्चा के बाद आगे की रणनीति बनाई गई।