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Friday 20 June 2014 03:35:07 PM
नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इराक में जारी संकट के मद्देनज़र मंत्रालय के अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ देश में पेट्रोलियम उत्पादों की उपलब्धता की वस्तु-स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा में पाया गया कि जहां पिछले वर्ष भारत ने इराक से अपनी आवश्यकताओं का 13 प्रतिशत कच्चा तेल आयात किया था, वहीं चालू वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों, ज्यादातर आईओसीएल और एचपीसीएल ने इराक से अपनी आवश्यकताओं का करीब 20 प्रतिशत, यानि 19.4 मिलियन मीट्रिक टन कच्चा तेल आयात करने की योजना बनाई थी। यह भी पाया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र की इन दो कंपनियों को 2014 में इराक से जो 18.7 मिलियन मीट्रिक टन कच्चा तेल आयात करना था, उसका 50 फीसदी हिस्सा पहले ही उठाया जा चुका है।
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस बात का भी पता चला है कि भारत को इराक से जो कच्चा तेल आयात होता है, वह बसरा के तेल क्षेत्रों से आता है, जोकि इराक के पूर्वोत्तर के संघर्ष वाले इलाकों से काफी दूर स्थित है। बसरा तेल टर्मिनल से सार्वजनिक क्षेत्र की इन दो कंपनियों सहित जहाजों में कच्चे तेल का लदान सामान्य रूप से जारी है, फिर भी इन दोनों कंपनियों से लघु और मध्यम अवधि के लिए आकस्मिक योजना तैयार करने को कहा गया है, जिसमें पश्चिम एशिया की भौगोलिक-राजनैतिक अस्थिरता के असर को कम से कम करते हुए दूसरे स्रोतों से भी कच्चे तेल का आयात किया जा सके। बैठक के दौरान इस बात की भी पुष्टि हुई कि फिलहाल आपूर्ति में बाधा की कोई संभावना नहीं है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां देशभर में पेट्रोलियम उत्पादों की समुचित आपूर्ति बनाए रखने में सक्षम हैं।