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Thursday 26 June 2014 11:55:57 AM
वाशिंगटन। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन अमरीका की पांच दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचे। स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण क्षेत्रों में डॉ वर्धन दोनों देशों के बीच सहयोग पर बातचीत करेंगे। अपना कार्यालय संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। डॉ हर्षवर्धन अमेरिका के नवनियुक्त स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य 2010 में आरंभ की गई 'भारत-अमेरिका स्वास्थ्य पहल' की समीक्षा करना है।
डॉ हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की सहायक प्रशासक डिनाइज़ रॉलिंस, डॉ एरियल पाबलोज़ मेंडेज़ तथा मुख्य प्रशासक डॉ राजीव शाह से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का उद्देश्य भारत सरकार, यूएसएआईडी, यूनिसेफ तथा अन्य प्रमुख स्वास्थ्य संस्थाओं के बीच के सहयोग के माध्यम से एड्स मुक्त समाज बनाना है। टीबी मुक्त भारत और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के लक्ष्य को प्राप्त करना भी उद्देश्य है। भारत-अमेरिका-इथोपिया की पहल कार्रवाई की जरूरत-एक वायदे का नवीनीकरण की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर डॉ हर्षवर्धन अमेरिका की राजधानी में विभिन्न देशों के 25 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। बैठक में शिशु मृत्युदर में रोकथाम के लिए उपायों के विषय में विचार-विमर्श किया जायेगा। डॉ हर्षवर्धन माता तथा शिशु मृत्युदर में रोकथाम के लिए अपनी वैश्विक दृष्टि के बिंदुओं को रेखांकित करेंगे।
वॉशिंगटन में मुलाकातों के सिलसिले के अंत में डॉ हर्षवर्धन अटलांटा जायेंगे जहां वे 'सेंटर फॉर डिज़ीज़ एडं प्रीवेंशन' (सीडीसी) तथा 2011 में स्थापित 'सार्वभौमिक रोग पहचान भारत केंद्र' के बीच पहले के सहयोग समझौते पर चर्चा करेंगे। रोग निगरानी, महामारी बौद्धिक क्षमता सेवा प्रशिक्षण तथा गुणवत्ता आश्वासन सहयोग के प्रमुख क्षेत्र होंगे। इसके अलावा सीडीसी तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद जाएंगे, इनके बीच पर्यावरण एवं पेशेवर स्वास्थ्य तथा असंक्रामक रोग के क्षेत्रों में परस्पर संगठन के माध्यम से सहयोग जारी है। डॉ हर्षवर्धन सेन एंटोनियो, टेक्सास में अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन ऑफ इंडियन ऑरिजिन (एएपीआई) के 32वें वार्षिक समारोह को संबोधित करेंगे। एएपीआई 138 स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों का भारतीय समुदाय आधारित अमेरिका का सबसे बड़ा चिकित्सकों का मंच है। यह नये इलाज के तरीकों, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सकों की सहायता करता है।