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Saturday 28 June 2014 03:30:44 PM
नई दिल्ली। इचिरो आइसावा के नेतृत्व में जापानी संसद की कानून और प्रशासनिक स्थाई समिति के सदस्यों का एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मिला। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की जापान के राजनेताओं के साथ यह पहली मुलाकात थी। शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के साथ रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी करना भारत की उच्च प्राथमिकता है, उन्होंने कहा कि जुलाई के पहले सप्ताह में प्रस्तावित अपनी जापान यात्रा को वे खासा महत्व दे रहे हैं, लेकिन नई सरकार का संसद में पहला बजट सत्र होने की वजह से उन्हें इस यात्रा को फिलहाल टालना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच मूल्यों, हितों और प्राथमिकताओं को लेकर मूलरूप से एक समानता है, आर्थिक संबंधों के अलावा भारत और जापान के मध्य बौद्ध धर्म के कारण मजबूत सांस्कृतिक रिश्ते बहुत प्राचीन समय से चले आ रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि जापान वाइब्रेंट शिखर सम्मेलन का एक साझेदार देशरहा है। जापानी शिष्टमंडल के नेता इचिरो आइसावा ने कहा कि भारत में रहने वाले जापानी लोगों को नरेंद्र मोदी की सरकार से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लोग भी उम्मीद कर रहे हैं कि नई सरकार देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
नरेंद्र मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार को भी भारत को और अधिक मजबूत और समृद्ध बनाने के जनादेश के साथ चुना गया है, उनकी सरकार इस जनादेश का सम्मान करने के लिए श्रेष्ठ प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि एक विकसित और मजबूत भारत का होना पूरे एशिया महाद्वीप के हित में होगा। जापानी शिष्टमंडल ने दोनों देशों के बीच सांसदों के आदान-प्रदान का सुझाव दिया, जिसका प्रधानमंत्री ने स्वागत किया।