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Monday 30 June 2014 08:50:58 PM
वॉशिंगटन। अमरीका को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका यात्रा की प्रतीक्षा है। आज वह नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने नतमस्तक है। यहां के वरिष्ठ रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा है कि मैं इससे शानदार दृश्य की कल्पना नहीं कर सकता कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का निर्वाचित नेता विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्र के निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करे। जॉन मैक्केन भी सांसदों के उस समूह में शामिल हो गए हैं, जिसने कांग्रेस नेतृत्व से अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने का आग्रह किया है। सीनेटर जॉन मैक्केन ने सीनेट में भारत पर एक बड़े संबोधन में कहा था कि जब नरेंद्र मोदी वॉशिंगटन आएंगे, तो मैं कांग्रेस नेताओं से आग्रह करूंगा कि वे उन्हें कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करें।
एरिजोना के सीनेटर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मिलने अगले हफ्ते भारत का दौरा करेंगे। पिछले हफ्ते दो शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बोहनर से आग्रह किया था कि वह नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करें। कांग्रेस सदस्य एवं सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ईड रॉयस तथा कांग्रेस सदस्य जॉर्ज होल्डिंग ने सदन के अध्यक्ष जॉन बोहनर को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस के संयुक्त सत्र में नरेंद्र मोदी का संबोधन कराया जाए। रिपब्लिकन सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा है कि जब हम अपनी रणनीतिक भागीदारी को भारत के साथ अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं तो अमेरिकी नेताओं के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे व्यक्तिगत तौर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच बनाएं, खासकर हालिया इतिहास के मद्देनज़र।
सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि इसीलिए मैं अगले हफ्ते भारत यात्रा पर जा रहा हूं और इसीलिए मैं प्रसन्न हूं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वॉशिंगटन आने का आमंत्रण दिया है, मेरी इच्छा थी कि वे इस आमंत्रण को और भी पहले दे देते, लेकिन फिर भी यह सकारात्मक है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सितंबर में अमेरिका आने की उम्मीद की जाती है। सीनेटर जॉन मैक्केन ने अपने भाषण में कहा कि दक्षिण एशिया और इससे परे स्थिरता, स्वतंत्रता और समृद्धि को खतरा पैदा करने वालेचरमपंथ और आतंकवाद को खत्म करने के लिए मिलकर काम करने में भारत और अमेरिका के साझा हित हैं। दरअसल अमरीका में नरेंद्र मोदी को लेकर यूं तो उनके भारत के प्रधानमंत्री बनने के पहले से ही महसूस किया जा रहा था कि अमरीका उनके वीजा मामले को सकारात्मक रूप से देखने में विफल रहा है और वह नरेंद्र मोदी के बारे में भारत के कुछ विशिष्ट और महत्वपूर्ण समझे जाने वाले लोगों और वहां की मीडिया रिपोर्टों पर ज्यादा ही विश्वास के कारण एक ग़लत धारणा पर अड़ा रहा है।
नरेंद्र मोदी पर बिल्कुल बदल गई अमरीकी धारणा, आज भले ही सकारात्मक हो गई है, किंतु दोनों में विश्वास को लेकर एक संशय अभी भी कायम है, जिसका सबसे बड़ा संकेत यही है कि नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित अमरीकी यात्रा के लिए कोई वैसी उत्सुकता या गर्मजोशी प्रकट नहीं की है। बराक ओबामा प्रशासन के लिए भारत एक अत्यंत महत्वपूर्ण देश है और यह जानते हुए भी कि भारत एक जिम्मेदार देश है, जो आतंकवाद और कट्टरपंथ जनित समस्याओं से जूझ रहा है और उसमें गुजरात राज्य में जो घटित हुआ वह एकपक्षीय प्रायोजित घटना की प्रतिक्रियास्वरूप था, उसे अमरीका ठीक से समझने में नाकाम रहा है। अमरीका ने नरेंद्र मोदी को उसके लिए जिस प्रकार जिम्मेदार माना, उसकी नकारात्मक प्रतिक्रिया पूरे भारत में हुई है।
अमरीका आज जब नरेंद्र मोदी में दिलचस्पी दिखा रहा है तो वह उसकी एक जरूरत है, मगर ‘का बरखा जब कृषि सुखाने’। दरअसल अमरीका को भी दूर तक यह अंदाजा नहीं था कि वास्तव में नरेंद्र मोदी भारत में इतने लोकप्रिय हैं कि अकेले अपने दम पर भाजपा को प्रचंड सफलता दिला ले जाएंगे और भारत के प्रधानमंत्री बन जाएंगे। सीनेटर जॉन मैक्केन चाहते हैं कि संशय के ये बादल छटें और नरेंद्र मोदी को लेकर अमरीका जो ग़लती करता रहा है, उसे ठीक करने का इससे बेहतर कोई रास्ता नहीं है और वैसे भी दुनिया में भारत के तेजी से बढ़ते असर को समझते हुए अमरीका का भारत से मिलकर चलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बहरहाल अमरीका को नरेंद्र मोदी की अमरीका यात्रा की प्रतीक्षा है।